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लीवर शरीर का सबसे जरूरी हिस्सा माना जाता है। ये खाने को पचाने, विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने, प्रोटीन का उत्पादन करने और ब्लड को शुद्ध करने का काम करता है। ऐसे में अगर एक बार लीवर कमजोर हो जाए, तो इन सभी काम का सही से करना बहुत मुश्किल हो जाता है, जिससे शरीर में कई तरह की समस्याएं खड़ी हो जाती हैं, लेकिन अगर लीवर कमजोर के लक्षण पहले से ही पता चल जाए, तो इसका सही समय पर इलाज किया जा सकता है।
नींद में खराबी आना बहुत आम समस्या है, लेकिन ये आम समस्या एक गंभीर बीमारी का रूप ले सकती है, क्योंकि नींद का खराब होना लीवर कमजोर के लक्षण में से एक माना जाता है।
जब लीवर कमजोर होने लगता है, तो पेट के ऊपरी हिस्से पर सूजन आने लगती है। इससे न सिर्फ पेट पर सूजन आती है, बल्कि पेट में हल्का-हल्का दर्द भी होने लगता है।
शरीर में विषाक्त पदार्थों के जमा होने की वजह से पाचन से जुड़ी समस्याएं जन्म ले सकती हैं। इससे आपको मतली या उल्टी की समस्या भी परेशान कर सकती है।
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लीवर कमजोर होने की वजह से बॉडी में एनर्जी न ही बचती है और न ही उसका और निर्माण होता है। ऐसे में व्यक्ति को थकान का एहसास होने लगता है।
लीवर में किसी भी तरह की समस्या आने से ब्लड में टॉक्सिक पदार्थों की संख्या बढ़ती चली जाती है। इससे हमारे दिमाग को नुकसान पहुंचने लगता है। इसकी वजह से व्यक्ति को भटकाव, भ्रम या भूलने की बीमारी भी हो सकती है।
स्किन पर खुजली होना भी एक आम समस्या है। वैसे तो ये बहुत ही सामान्य लक्षण है, लेकिन इसे लीवर कमजोर के लक्षण में से एक ही गिना जाता है। ब्लड से जब विषाक्त पदार्थ बाहर नहीं निकल पाते हैं, तो स्किन पर खुजली होने लगती है जिससे परेशानी हो जाती है।
एडिमा की कंडीशन में शरीर में तरल पदार्थ जमा होने लगते हैं। इससे व्यक्ति के पैरों में सूजन आने लगती है। इस स्थिति के उत्पन्न होने से लीवर पर्याप्त एल्ब्यूमिन का उत्पादन नहीं कर पाता, जिससे ब्लड में एल्ब्यूमिन की मात्रा कम होने लगती है।
पीलिया की बीमारी में आंखों का सफेद हिस्सा पीला पड़ने लगता है। ऐसी स्थिति तब पैदा होती है, जब लीवर ब्लड से पित्त को ठीक तरह से बाहर नहीं निकाल पाता है।
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यूरिन का रंग गहरा होना भी लीवर कमजोर के लक्षण में से एक गिना जाता है। ऐसी स्थिति तब बढ़ने लगती है, जब लीवर ब्लड से पित्त को ठीक से बाहर नहीं निकाल पाता है। ऐसे में लीवर कमजोर होने लगता है।
वैसे तो वजन कई कारणों की वजह से कम हो सकता है, लेकिन लीवर के कमजोर होने पर भी वजन तेजी से घटने लगता है।
लीवर का एक मुख्य काम खाना पचाने का भी होता है, लेकिन जब लीवर कमजोर होने लगता है, तो भोजन सही से पचाने में असमर्थ हो जाता है, जिसके कारण भूख लगना भी बंद हो जाता है या भूख कम लगने लगती है।
मल का रंग हल्का पड़ जाना या उसमें बदलाव आना भी लीवर कमजोर के लक्षण में से ही एक है।
तो जैसा कि आपने जाना कि लीवर कमजोर के लक्षण क्या हैं। ऐसे में अगर आपको ये लक्षण महसूस होने लगे हैं, तो आज ही अपने डॉक्टर से सलाह लें, क्योंकि डॉक्टर ही आपकी रिपोर्ट्स देखकर बेहतर तरीके से बता पाएंगे कि आपका लीवर कमजोर हो रहा है या नहीं।
अगर आपको भी लीवर के कमजोर होने की समस्या हो रही है, तो आप अपना इलाज आयु कर्मा में आकर करवा सकते हैं। आयु कर्मा डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना पूर्णतः प्राचीन भारतीय आयुर्वेद के सहारे से किडनी फेल्योर का इलाज कर रहा है। यहां न सिर्फ किडनी से जुड़ी बीमारियों का इलाज किया जाता है, बल्कि कई अन्य बीमारी जैसे कि कैंसर, ल्यूकोडर्मा, सोरायसिस, क्रिएटिनिन, प्रोटीन्यूरिया आदि बीमारियों का इलाज भी किया जाता है।
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FEB 23,2022 - FEB 22,2025