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बलगम में खून आना हमेशा खांसी से जुड़ी समस्या हो ये जरूरी नहीं। कई बार बिना खांसी के बलगम में खून आना हल्के या किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। जिसकी चर्चा इस ब्लॉग में की जाएगी। आपको बता दे कि बार-बार खून आना,बलगम में ज्यादा खून निकलना, सांस लेने में तकलीफ़, वजन घटना या सीने में दर्द जैसे लक्षणों के साथ यह स्थिति गंभीर हो सकती है। खांसी नहीं फिर भी खून आना जैसी समस्या से लोग चिंता और तनाव में आ जाते हैं। इन समस्याओं से परेशान हो कर लोग अक्सर पूछते हैं कि आखिर बलगम में खून आने का कारण क्या है ? बिना खांसी के खून क्यों आता है ? लोग समझ नहीं पाते कि ये खून गले से आ रहा है या फेफड़े से। लेकिन बिना खांसी के बलगम से खून आ रहा है तो आपको घबराने की नहीं बल्कि सतर्क होने की जरूरत है। आपके हर सवाल का जवाब हम इस ब्लॉग में देने का प्रयास करेंगे। लेख में बिना खांसी के खून आने का आयुर्वेदिक और घरेलू इलाज के बारे में हम आपको बताएंगे। लेकिन किसी भी रोग के इलाज से पहले रोग के कारण और उसके लक्षणों को जानना समझना बहुत जरूरी है। तो चलिए बिना देरी किए आपको बलगम में खून आने के लक्षण और कारणों को बताते हैं।
बलगम में खून आने के कई कारण हो सकते है जैसे - फेफड़े से जुडी बीमारियां। जिसमें टीबी ,ब्रोंकाइटिस या निमोनिया, फेफड़ों का कैंसर ,फेफड़ों की नस में थक्का जमने जैसे जटिल रोग शामिल हैं।
हार्ट से जुड़ी समस्या---जैसे हार्ट फेल्योर, माइट्रल वाल्व रोग।
वहीं खून से जुड़ी समस्या में --- प्लेटलेट्स की कमी, खून पतला करने वाली दवाइयां ,ब्लड डिसऑर्डर बलगम में खून आने का कारण हो सकता है। गले , नाक और पेट की वजह से भी लोगों को बलगम से खून आ सकता है जैसे--- पेट या आंत में अल्सर, गैस्ट्रिक ब्लीडिंग,नाक या गले से खून बहकर बलगम में मिलना।
कारण के बाद लक्षणों को जानना भी जरूरी है। खून आना अपने आप में एक लक्षण है, लेकिन इसके साथ रोगी में कई और संकेत भी दिखाई दे सकते हैं, जो बीमारी के कारण पर डिपेंड करते हैं।
1. सामान्य लक्षण आम लक्षणों में बलगम में लाल, गुलाबी या जंग जैसा रंग दिख सकता है। कभी-कभी खून की लकीरें या थक्के भी मिलते हैं। रोगी को गले में खून का स्वाद भी महसूस होता है।
2. फेफड़ों से जुड़ी बीमारी में खून आने के लक्षण अगर फेफड़े से जुडी बीमारी में खून आता है तो रोगी को सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ़ और बार-बार सांस फूलने जैसी समस्या हो सकती है। साथ ही बुखार, रात को पसीना आना, वजन घटना और कमजोरी जैसे लक्षण भी रोगी में दिखते हैं।
3. नाक, गले या पेट से खून आना अगर कारण नाक, गले या पेट से खून आना हो तो ,उसके लक्षण कुछ इस प्रकार के हो सकते हैं जैसे --नाक से खून बहकर गले में जा सकता है और गले में खराश या सूजन हो सकती है। बलगम में खून आने की वजह अगर पेट से जुडी हो तो खट्टा स्वाद या जलन महसूस हो सकता है। उम्मीद है कि इस लेख के माध्यम से आप ये मालूम कर पाएंगे कि बलगम में खून आना किस बीमारी का लक्षण है।
1. मुलेठी- यह औषधि गले और श्वसन नली के सूजन को कम करती है और उसमें हुए छोटे घावों को भरने में मदद करती है। मुलेठी बलगम को पतला कर बाहर निकालती है और खून आने की जलन व खराश को कम करती है।
2. अनार का रस - यह गले और बलगम से खून आने के विकार को कम करता है । यह शरीर को ताकत देता है और बलगम में खून आने से रोकता है। अनार का रस खून की कमी पूरी करता है और गले की सूजन को शांत करता है।
3.शहद और अदरक- इसका मिश्रण गले और बलगम में खून आने को कम करता है। अदरक गले की सूजन और इन्फेक्शन में फायदेमंद है । वहीं शहद घाव भरने और खून रोकने में मददगार साबित होता है। दोनों मिलकर गले को आराम, खराश से राहत और बलगम को साफ करने का काम करते हैं।
4. गुनगुना पानी और हल्दी - इसे सबसे अच्छा गले से खून आने का घरेलू इलाज माना जाता है। हल्दी में एंटीसेप्टिक और हीलिंग गुण होते हैं। ये खून बहना रोकता है और घाव भरने में मदद करता है। इसके अलावा गुनगुना पानी गले को आराम देता है और सूजन कम करता है। हल्के गुनगुने पानी की भाप लेने से गले की खराश और जलन में आराम मिलता है।
आज का यह ब्लॉग आपको यह सुझाव देता है कि लक्षण हल्के हो या गंभीर बलगम में खून आने को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। बिना खांसी के खून आना फेफड़े ,हार्ट से जुडी किसी गंभीर बीमारी का लक्षण हो सकता है। मामूली कारणों में आप इन घरेलू उपायों को अपना कर राहत पा सकते हैं। लेकिन सुझाव है कि आप रिस्क न लें । घरेलू उपायों को अपनाने के साथ किसी आयुर्वेदिक एक्सपर्ट या किसी डॉक्टर की सलाह लें और जांच कराएं।
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