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दाद, खाज या खुजली एक ऐसी त्वचा संबंधी समस्याएं हैं जो ना केवल शारीरिक तकलीफ देती हैं बल्कि मानसिक तनाव का भी एक मुख्य कारण बनती है, समय के साथ जब ये समस्याएं गंभीर या भयंकर रूप ले लेती हैं, तो सामान्य घरेलू नुस्खे और हल्के इलाज असर करना बंद कर देते हैं। आज इस आर्टिकल में हम बात करेंगे भयंकर दाद खाज की दवा के बारे में साथ ही इसके लक्षणों और कारणों पर भी ध्यान देंगे जिससे भयंकर दाद-खाज की प्रभावी दवाओं, उनके इस्तेमाल के तरीके और उपचार के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में भी ध्यान दें।
लाल रंग के गोल घाव
पपड़ीदार त्वचा
बेचैनी
त्वचा पर जलन
बालों का झड़ना
इन्फेक्शन का फैलना
बार-बार पसीना आना
संक्रमित कपड़ों और तौलियों का इस्तेमाल
कमजोर इम्यून सिस्टम
जानवरों से संपर्क
डायबिटीज और अधिक वजन
संक्रमण वाली जगह पर बार-बार खुजलाना
नीम - दाद के इलाज में नीम एक अच्छी दाद खाज खुजली का देसी इलाज है। नीम में प्रचुर मात्रा में एंटीफंगल, एंटीबैक्टीरियल और एंटीसेप्टिक गुण पाए जाते हैं, जो त्वचा के संक्रमण को जड़ से खत्म करने की शक्ति रखते हैं। जब त्वचा पर फंगल इन्फेक्शन होता है, जैसे कि दाद, तो नीम का प्रयोग त्वचा को शुद्ध करने, संक्रमण को रोकने और खुजली व जलन को शांत करने में मदद करता है।
दारुहरिद्रा - दारुहरिद्रा को आयुर्वेद में एक महत्वपूर्ण औषधि माना जाता है, यह औषधि त्वचा की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करती है, जिससे बार-बार संक्रमण होने की संभावना कम हो जाती है। आयुर्वेद में दारुहरिद्रा को ब्लड प्यूरिफिकेशन और टॉक्सिन्स के लिए भी उपयोग किया जाता है, जो त्वचा रोगों की जड़ तक असर डालता है। इसका प्रयोग पेस्ट या काढ़े के रूप में किया जाता है, जो आसानी से त्वचा पर लगाकर या आंतरिक रूप से सेवन कर रोग को दूर करने में मदद करता है।
मंजिष्ठा - मंजिष्ठा को रक्तशुद्धि की सर्वश्रेष्ठ औषधि के रूप में माना जाता है, भयंकर दाद में जब खुजली, जलन और लाल-गोल चकत्ते बार-बार होते हैं और सामान्य इलाज से भी आराम नहीं मिलता, तब मंजिष्ठा का सेवन शरीर के अंदर की गंदगी और गर्मी को बाहर निकालकर त्वचा को शांत करता है। यही नहीं मंजिष्ठा का असर सिर्फ खून को साफ करने तक ही सीमित नहीं है, यह त्वचा की रंगत को भी सुधारती है, जिससे दाद के बाद जो काले दाग या निशान रह जाते हैं, वे भी धीरे-धीरे हल्के होने लगते हैं।
हल्दी और नारियल तेल - हल्दी और नारियल तेल का मिश्रण दाद खाज खुजली जैसी समस्या में बहुत ही फायदेमंद माना जाता है क्योंकि हल्दी में मौजूद करक्यूमिन नामक तत्व में शक्तिशाली एंटीफंगल, एंटीबैक्टीरियल और सूजनरोधी गुण होते हैं। यह न केवल फंगल संक्रमण को नष्ट करता है, बल्कि खुजली, लालपन और जलन को भी जल्दी शांत करता है। वहीं दूसरी ओर नारियल तेल त्वचा को नमी प्रदान करता है और उसे सूखने, फटने या छिलने से बचाता है।
नींबू और फिटकरी - दाद के इलाज में नींबू और फिटकरी का मिश्रण बेहद प्रभावी घरेलू उपाय माना जाता है। ब नींबू का रस दाद वाली जगह पर लगाया जाता है, तो वह त्वचा की ऊपरी परत में जमा फंगस को कमजोर करता है और संक्रमण की जड़ तक पहुंचकर उसे खत्म करने का काम करता है। दूसरी ओर, फिटकरी यानी सुहागा एक प्राकृतिक एंटीसेप्टिक और एंटीफंगल तत्व है, जो त्वचा पर बैक्टीरिया और फंगस को फैलने से रोकता है।
बेकिंग सोडा और पानी का लेप - बेकिंग सोडा और पानी का लेप एक आसान, सस्ता और प्रभावी घरेलू उपाय है, क्योंकि जब बेकिंग सोडा को पानी में मिलाकर पेस्ट बनाया जाता है और दाद वाली जगह पर लगाया जाता है, तो यह त्वचा की ऊपरी परत को साफ करता है, गंदगी और अतिरिक्त तेल को हटाता है और उस क्षेत्र में मौजूद फंगस को कमजोर करता है। और यह त्वचा पर किसी तरह का रासायनिक दुष्प्रभाव नहीं डालता और अन्य घरेलू उपायों के साथ भी आसानी से इस्तेमाल किया जा सकता है।
आज के इस आर्टिकल में हमने भयंकर दाद खाज की दवा, के बारे में, बात करी और आपने जाना की कैसे कुछ घरेलू और आयुर्वेदिक उपचार इस समस्या में आपके काम आ सकते हैं, लेकिन आप सिर्फ इन सुझावों पर निर्भर ना रहें समस्या अगर ज्यादा गंभीर है तो डॉक्टर से संपर्क ज़रूर करें या कर्मा आयुर्वेद अस्पताल में भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं। हेल्थ से जुड़े ऐसे और भी ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें अयुकर्मा के साथ।
FAQ
खुजली को जड़ से मिटाने के लिए साफ-सफाई रखें, नीम और हल्दी का लेप लगाएं, ताजे कपड़े पहनें, तला-भुना और मीठा खाना कम करें।
जिद्दी दाद को ठीक करने के लिए नियमित इलाज और साफ-सफाई सबसे ज़रूरी है। नीम, हल्दी और नारियल तेल का लेप दिन में दो बार लगाएं, शरीर को सूखा रखें, तंग कपड़े न पहनें, और संक्रमित कपड़े रोज़ धोकर धूप में सुखाएं।
लहसुन से दाद खाज खुजली कैसे ठीक करने के लिए लहसुन का पेस्ट बनाकर प्रभावित जगह पर लगाने से आराम मिल सकता है।
Sheela Jain
Hi, I'm Sheela. I struggled with painful skin rashes for years. After facing side effects from other medicines, I turned to Ayukarma. The facilities impressed me, and after 1.5 months of treatment, my skin completely healed. I'm so grateful for their care and effective treatment.
Kapil
I'm Kapil from Jhajjar. I had gallbladder stones and wanted an herbal solution. I chose Ayukarma and followed their treatment and diet plan. In a month, my symptoms eased, and scans showed major improvement. After two months, the stones were gone. Truly thankful for their help.
Tina Yadav
I'm Tina from Delhi. I suffered from severe sinus issues for years. After learning about Panchakarma therapy, I visited Ayukarma. The staff was great, and therapy was done as per Ayurvedic texts. After treatment, my symptoms improved significantly. I highly recommend them for sinus problems.
Dravya Mathur
Ayukarma helped me manage proteinuria naturally. The Ayurvedic herbs they prescribed reduced my symptoms without side effects. I’ve noticed improvements in my kidney function too. Their treatment has been safe, effective, and deeply healing. I highly recommend them.
Karan a
My friend’s dad had colon cancer with severe symptoms. After starting treatment at Ayukarma, he showed major improvement in a few months. His recovery is ongoing, and he now strongly recommends Ayukarma for anyone dealing with similar issues.
Sumit Mehra
My aunt, Rita Mehra, had early-stage breast cancer. She began treatment at Ayukarma, and the use of herbal medicines helped prevent the cancer from spreading. Best part, no side effects. Dr. Puneet and the team were excellent throughout. Huge thanks to them!
Kriya
I’m Kriya from Delhi. Diagnosed with early-stage tonsil cancer, I couldn’t tolerate allopathic treatment. Switching to Ayukarma was the best decision. Their herbal therapy eased my symptoms and improved my health significantly. I’m hopeful for a full recovery.
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