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5 साल पुराना दाद की दवा

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5 साल पुराना दाद की दवा

5 साल पुराना दाद की दवा

दाद एक ऐसी गंभीर समस्या है जिसे समय रहते अगर ठीक नहीं किया गया, तो ये सालों तक शरीर में रहती है, कई बार शुरुआती समय में लोग इसे हल्के में ले लेते हैं, जिस वजह से ये संक्रमण समय के साथ पुराना और जिद्दी बन जाता है, मुख्य रूप से अगर दाद 10 से 5 पुराना ओ जाए, तो सामान्य इलाज से काम नहीं करता, पर सवाल अन ये है की क्या 5 साल पुराने दाद का कोई इलाज नहीं होता? आज इस आर्टिकल में हम  5 साल पुराना दाद की दवा के बारे में बात करेंगे साथ ही दाद के लक्षणों और कारणों पर भी ध्यान देंगे और इस लेख में हम बात करेंगे आयुर्वेदिक नुस्खों की जिसे आप पुराने से पुराने दाद का भी स्थायी इलाज कर सकते हैं।

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दाद के लक्षण 

  • गोल, लाल घेरा

  • तेज़ खुजली

  • त्वचा का फटना और सूजन

  • दाद का फैलना

  • बाल झड़ना

  • स्कैल्प पर दाद

  • त्वचा पर जलन

दाद के कारण 

  • स्वच्छता की कमी

  • गर्म या नम 

  • फंगल संक्रमण

  • कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली

  • पालतू जानवर

दाद खाज खुजली की आयुर्वेदिक दवा
 

  1. नीम - नीम को ऐसा पौधा जो लगभग हर रोग का नाश कर सकता है। नीम को पुराने दाद के लिए रामबाण इलाज के रूप में भी देख सकते हैं। इसको त्वचा से जुड़ी समस्याओं के लिए बहुत अच्छा माना जाता है, इसकी  पत्तियों और तेल में पाए जाने वाले यौगिक जैसे निम्बिडिन और जीडुनिन फंगल इन्फेक्शन को रोकते हैं और पुराने से पुराने दाद के संक्रमण को नष्ट करने में मदद करते हैं और इसका सेवन अंदर से खून को साफ करता है, जो बार-बार लौटने वाले दाद जैसी स्थितियों में बहुत जरूरी होता है। यही नहीं नीम न केवल फंगस, बल्कि बैक्टीरिया और अन्य कीटाणुओं को भी मारता है, जिससे दाद के साथ जुड़ी जलन, पस और खुजली भी खत्म होती है। 

जानकारी - नीम के काढ़े का सेवन सीमित मात्रा में करें – अधिक सेवन से लिवर पर असर हो सकता है और नीम का तेल बहुत शक्तिशाली होता है – संवेदनशील त्वचा पर पतला करके लगाएं।

नीम

  1. गिलोय - गिलोय चमत्कारी औषधि है जो न केवल रोगों से लड़ती है, बल्कि शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर पुरानी से पुरानी बीमारियों को भी खत्म करने में मदद करती है और 5 साल पुराना दाद तब बना रहता है जब शरीर बार-बार फंगल संक्रमण से हारता है। गिलोय T- cells और मैक्रोफेज को सक्रिय करता है जो फंगस को जड़ से खत्म करने में मदद करते हैं साथ ही गिलोय के एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण त्वचा पर होने वाली जलन, सूजन, और खुजली को कम करते हैं, जो पुराने दाद में आम लक्षण होते हैं।

जानकारी - अधिक मात्रा में गिलोय का सेवन करने से कब्ज़ हो सकती है और मधुमेह रोगियों को गिलोय रक्त शर्करा कम कर सकता है इसलिए सावधानी रखें।
गिलोय

  1. चंदन - चंदन को आयुर्वेद की सबसे पवित्र और प्रभावी जड़ी-बूटियों में से एक माना जाता है। 5 साल पुराने दाद में लगातार खुजली, जलन और सूजन बनी रहती है। चंदन में ठंडक पहुंचाने वाले गुण होते हैं जो त्वचा को ठंडक देते हैं, जो जलन और खुजली को तुरंत शांत करते हैं। यही नहीं पुराना दाद अक्सर काले दाग और त्वचा की पिग्मेंटेशन छोड़ता है। चंदन इन दागों को हल्का करता है और त्वचा की रंगत को समान बनाता है।

जानकारी -  बाजार में अक्सर चंदन के नकली पाउडर मिलते हैं जिससे एलर्जी हो सकती है इसलिए चंदन का शुद्ध पाउडर ही इस्तेमाल करें।
चंदन

 

जिद्दी दाद का इलाज घरेलू उपाय

  1. कपूर और नारियल तेल -  पुराना दाद ठीक करने की दवा में कपूर और नारियल तेल काफी फायदेमंद हो सकते हैं क्योंकि नारियल तेल दाद से प्रभावित त्वचा कमजोर और फटी-फटी हो जाती है। नारियल तेल त्वचा की परतों को ठीक करता है और घावों को भरने में मदद करता है और दूसरी ओर कपूर फंगस को नमी से वंचित करता है, जिससे दाद का फैलाव रुकता है।

जानकारी - ध्यान रखें कपूर की मात्रा ज्यादा न हो क्योंकी ज्यादा लगाने से जलन हो सकती है और बहुत संवेदनशील त्वचा वालों को पहले पैच टेस्ट करना चाहिए
कपूर और नारियल तेल

 

  1. नीम और हल्दी का लेप - नीम और हल्दी का लेप एक अत्यंत प्रभावशाली उपाय है,  अगर इन दोनों को त्वचा की ऊपरी परत से लेकर रक्त की गहराई तक सफाई करता है। क्योंकि नीम में मौजूद निम्बिडिन और निमबिन जैसे तत्व शक्तिशाली एंटीफंगल एजेंट हैं, जो फंगल कोशिकाओं को नष्ट करते हैं। हल्दी में curcumin नामक यौगिक होता है, जो फंगल और बैक्टीरियल संक्रमण दोनों को खत्म करने में मदद करता है।

जानकारी - ध्यान रखें ताजे नीम का प्रयोग ज़्यादा असरदार होता है, न मिले तो नीम पाउडर भी चल सकता है
एलोवेरा

 

  1. एलोवेरा - एलोवेरा को अक्सर त्वचा पर इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि ये त्वचा की गहराई तक जाकर क्षतिग्रस्त टिशू को रिपेयर करता है। जो पुराने फटे, पपड़ीदार या जल चुके हिस्सों को फिर से मुलायम और स्वस्थ बनाता है, साथ ही पुराने दाद के कारण जो काले दाग या मोटे चकत्ते बन जाते हैं, एलोवेरा उन्हें हल्का करने में मदद करता है। 

जानकारी - एलोवेरा को रोज़ाना ताज़ा निकालकर ही उपयोग करें, इसको ताज़ा इस्तेमाल करने से ही ये अधिक लाभदायक होता है।
 

आज के इस आर्टिकल में हमने 5 साल पुराना दाद की दवा , के बारे में, बात करी और आपने जाना की कैसे कुछ घरेलू और आयुर्वेदिक उपचार इस समस्या में आपके काम आ सकते हैं, लेकिन आप सिर्फ इन सुझावों पर निर्भर ना रहें समस्या अगर ज्यादा गंभीर है तो डॉक्टर से संपर्क ज़रूर करें या कर्मा आयुर्वेद अस्पताल में भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं। हेल्थ से जुड़े ऐसे और भी ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें अयुकर्मा के साथ।
 

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