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पित्त की थैली में स्टोन का आयुर्वेदिक इलाज

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पित्त की थैली में स्टोन का आयुर्वेदिक इलाज

बदलते लाइफस्टाइल और खराब खान-पान की वजह से आजकल हर किसी को स्टोन यानी की पथरी की शिकायत रहने लगी है। ऐसे में इसका इलाज करवाना बहुत जरूरी होता है वरना आपको कई अन्य तरह की परेशानियां हो सकती हैं। पित्ताशय में पथरी का मतलब है छोटे-छोटे पत्थर जो पित्त की थैली में बनते हैं। ये एक गंभीर समस्या है, लेकिन पित्त की थैली में स्टोन का आयुर्वेदिक इलाज करके इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।

पित्त की थैली में पथरी के लक्षण

  • सीने में जलन होना
  • पेट में भारीपन होना
  • अपच और खट्टी डकारें आना
  • पेट के दाहिने हिस्से में तेज दर्द होना
  • उल्टी होना

पित्त की थैली में पथरी के कारण

  • पित्त से लवण न निकलना
  • शारीरिक रूप से सक्रिय न होना
  • गर्भनिरोधक गोलियां खाना

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पित्त की थैली में स्टोन का आयुर्वेदिक इलाज

1. नींबू का रस

नींबू का रस - पित्त की थैली में स्टोन का आयुर्वेदिक इलाज

पित्त की थैली में मौजूद पथरी को दूर करने के लिए आप नींबू के रस का सेवन कर सकते हैं। इसके लिए आप रोज सुबह खाली पेट एक गिलास पानी में नींबू निचोड़कर पानी के साथ पी लें। इससे आपको आराम मिलेगा।

2. हल्दी चूर्ण

हल्दी चूर्ण - पित्त की थैली में स्टोन का आयुर्वेदिक इलाज

पित्त की थैली में स्टोन का इलाज करने के लिए हल्दी काफी लाभदायक होती है। हल्दी का सेवन करके भी पित्त की थैली में मौजूद पथरी को बाहर निकाला जा सकता है। इसके लिए आप रोज एक चम्मच हल्दी को दूध में मिलाकर उसका सेवन कर सकते हैं। इससे आपको काफी लाभ हो सकता है।

3. एलोवेरा

एलोवेरा -  पित्त की थैली में स्टोन का आयुर्वेदिक इलाज

एलोवेरा में कई तरह के गुण पाए जाते हैं। इसके सेवन से हम हमेशा स्वस्थ रह सकते हैं। एलोवेरा जेल को खाने या उसका जूस पीना पित्त की थैली में मौजूद स्टोन का इलाज कर सकता है।

4. अदरक का रस

अदरक का रस - पित्त की थैली में स्टोन का आयुर्वेदिक इलाज

अदरक में कई तरह के गुण पाए जाते हैं, जो पित्त की थैली में स्टोन का इलाज करते हैं। अदरक को कूटकर खाने या इसका रस निकालकर पीने से आपको बहुत फायदा हो सकता है। 

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5. गिलोय

गिलोय - पित्त की थैली में स्टोन का आयुर्वेदिक इलाज

आयुर्वेद में गिलोय को एक बेहतरीन जड़ी-बूटी माना जाता है। आप गिलोय की गोलियां या उसका काढ़े के रूप में सेवन कर सकते हैं। इससे पित्त की थैली में मौजूद स्टोन में आराम मिलेगा।

6. कुल्थी की दाल

कुल्थी की दाल - पित्त की थैली में स्टोन का आयुर्वेदिक इलाज

पित्त की थैली में हो रही पथरी को निकालने के लिए कुल्थी की दाल भी बहुत मदद करती है। इसके लिए आप कुल्थी की दाल का पानी पी सकते हैं। इससे आपको पथरी से बहुत जल्दी निजात मिल सकता है।

7. नारियल पानी

नारियल पानी - पित्त की थैली में स्टोन का आयुर्वेदिक इलाज

नारियल पानी में कई तरह के पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जो हेल्थ के लिए बहुत फायदेमंद माने जाते हैं। रोज सुबह नारियल पानी पीने से पित्त की थैली में हो रहे स्टोन को बाहर निकाला जा सकता है।

8. चुकंदर का रस

चुकंदर का रस - पित्त की थैली में स्टोन का आयुर्वेदिक इलाज

चुकंदर में फाइबर, फ्लेवोनोइड्स, कैरोटेनॉइड्स जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए जाने जाते हैं। इसका रस पीने से लिवर सही से काम करता है और साथ ही पित्त की थैली में हो रही पथरी में भी आराम मिलता है।

निष्कर्ष

तो जैसा कि आपने जाना कि पित्त की थैली में स्टोन का आयुर्वेदिक इलाज किस तरह से किया जा सकता है। ऐसे में आप इन उपायों को अपनाने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से सलाह जरूर कर लें।

अगर आपको भी पित्त की थैली में स्टोन या उससे जुड़ी किसी तरह की समस्या आ रही है, तो आप अपना इलाज आयु कर्मा में करवा सकते हैं, जहां साल 1937 से किडनी रोगियों का इलाज किया जा रहा है और जिसे अब डॉ. पुनीत धवन संभाल रहे हैं। डॉ. पुनीत ने केवल भारत में ही नहीं बल्कि विश्वभर में किडनी की बीमारी से ग्रस्त मरीजों का इलाज आयुर्वेद द्वारा किया है। आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है। आयु कर्माडायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना पूर्णतः प्राचीन भारतीय आयुर्वेद के सहारे से किडनी फेल्योर का इलाज कर रहा है।

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