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ब्रेस्ट में गांठ क्यों बनती है?

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ब्रेस्ट में गांठ क्यों बनती है?

स्तनों में गांठ बनना अब एक सामन्य समस्या है, जो महिलाओं के बिच एक चिंता का विषय भी बन सकता है। हालांकि ये सभी गांठ कैंसर का संकेत नहीं होती, पर समय रहते इन गांठ का सही जाँच कराना बहुत ज़रूरी है। अगर आपके मन सवाल है की ब्रेस्ट में गांठ क्यों बनती है? तो इसके स्तिथि के बहुत से कारण हो सकते हैं जिससे ब्रेस्ट में गांठ बनते हैं जैसे सिस्ट, फाइब्रोएडेनोमा, हार्मोनल बदलाव, संक्रमण या कभी-कभी कैंसर जैसी वजहों से भी हो सकती है। साथ ही इस आर्टिकल में हम इसके लक्षणों पर भी ध्यान देंगे क्योंकि सही जानकारी और जागरूकता के ज़रिए हम इस स्थिति का समय पर निदान और इलाज सुनिश्चित कर सकते हैं।

ब्रेस्ट में गांठ के लक्षण

  • निप्पल या उसके पास रैशेज होना

  • ब्रेस्ट में तेज दर्द होना

  • निप्पल से खून आना

  • ब्रेस्ट के साइज में बदलाव होना

  • ब्रेस्ट की स्किन पर सिकुड़न

ब्रेस्ट में गांठ का घरेलू उपाय 

  1. हल्दी वाला दूध 

  2. फाइबर युक्त भोजन

  3. अलसी के बीज

  4. नमक का सेवन कम करें

  5. प्राकृतिक तेलों से मसाज (अगर गांठ मुलायम हो और दर्द न हो)

 

  1. हल्दी वाला दूध - हल्दी वाला दूध को शक्तिशाली प्राकृतिक औषधि माना जाता है। ये  ब्रेस्ट में गांठ जैसी समस्या के लिए यह विशेष रूप से लाभकारी हो सकता है, पर इस बात का खास ध्यान रखें की गांठ कैंसरयुक्त न हो वो बस हार्मोनल या सामान्य सिस्ट ही हो, हल्दी वाला दूध गांठ के आसपास की सूजन को कम करने में सहायक होता है। यदि गांठ हार्मोनल बदलाव की वजह से बनी है, तो हल्दी हॉर्मोन बैलेंस करने में मदद कर सकती है। हल्दी वाला दूध पीने से न केवल गांठ से जुड़ी तकलीफों में राहत मिल सकती है, बल्कि यह पूरे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को भी मज़बूत करता है, जिससे संक्रमण या गांठ में होने वाली सूजन को कंट्रोल किया जा सकता है।
    हल्दी वाला दूध
  2. फाइबर युक्त भोजन - फाइबर युक्त भोजन ब्रेस्ट में गांठ की समस्या के लिए बहुत फायदेमंद होता है, क्योंकि फाइबर शरीर के पाचन तंत्र को ही नहीं, बल्कि हार्मोन बैलेंस और टॉक्सिन्स को बाहर निकालने की प्रक्रिया में भी अहम भूमिका निभाता है। जब शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन की मात्रा ज़रूरत से ज्यादा हो जाती है, तो यह स्तनों में गांठ बनने की संभावना बढ़ा सकता है। फाइबर युक्त भोजन विशेष रूप से आंतों के माध्यम से अतिरिक्त एस्ट्रोजन को बाहर निकालने में मदद करता है। इससे हार्मोन का संतुलन बना रहता है और गांठ बनने या बढ़ने की आशंका कम हो जाती है।
    फाइबर युक्त भोजन

  3. अलसी के बीज - अलसी के बीज एक प्राकृतिक और प्रभावी उपाय माने जाते हैं, खास तौर पर जब ये गांठ हार्मोनल बदलाव या फाइब्रोसिस्टिक स्थितियों की वजह से बनी हो। अलसी के बीजों में मौजूद सबसे खास तत्व लिगनैंस (lignans) होते हैं। ये फाइटोएस्ट्रोजेन के रूप में काम करते हैं, यानी ये शरीर में मौजूद एस्ट्रोजन हार्मोन के प्रभाव को संतुलित करते हैं। जब शरीर में एस्ट्रोजन असंतुलित होता है  यानी अधिक मात्रा में होता है तो यह ब्रेस्ट टिश्यू में असामान्य वृद्धि कर सकता है, जिससे गांठें बनने लगती हैं। अलसी के लिगनैंस एस्ट्रोजन के प्रभाव को मॉडरेट करते हैं, जिससे हार्मोनल संतुलन बना रहता है।
    अलसी के बीज

  4. नमक का सेवन कम करें - नमक का सेवन कम करना बहुत ही साधारण लेकिन प्रभावी उपाय है, खासकर जब गांठ हार्मोनल बदलाव, सिस्ट या सूजन के कारण बनी हो। शरीर में सोडियम का असंतुलन कोशिकाओं के बीच फ्लूइड रिटेंशन को बढ़ाता है। इसका मतलब है कि शरीर अतिरिक्त पानी को बाहर नहीं निकाल पाता, जिससे स्तनों में सूजन, खिंचाव और संवेदनशीलता बढ़ सकती है।  और वहीं कम नमक वाला आहार शरीर के डिटॉक्सिफिकेशन प्रोसेस को बेहतर बनाता है। इससे लिवर और किडनी अपना काम बेहतर तरीके से कर पाते हैं, जो हार्मोन और विषैले तत्वों को शरीर से बाहर निकालने का काम करते हैं। जब ये अंग सही तरह से काम करते हैं, तो ब्रेस्ट हेल्थ भी बेहतर होती है और गांठ जैसी समस्याएं कम होने लगती हैं।

    मसाज

  5. प्राकृतिक तेलों से मसाज - ब्रेस्ट में गांठ अगर मुलायम हो, हिलती-डुलती हो और उसमें दर्द न हो, तो प्राकृतिक तेलों से हल्की मसाज करना लाभदायक हो सकता है। अब प्राकृतिक तेल जैसे नारियल का तेल, अरंडी का तेल, तिल का तेल या जैतून का तेल त्वचा के भीतर गहराई तक जाकर कोशिकाओं को नमी और पोषण देते हैं। मसाज से ब्रेस्ट के आसपास का ब्लड सर्कुलेशन सुधरता है। बेहतर रक्त प्रवाह का मतलब है कि उस हिस्से तक ऑक्सीजन और पोषक तत्व अधिक मात्रा में पहुंचते हैं, जिससे कोशिकाएं बेहतर तरीके से काम करती हैं और गांठ के प्राकृतिक रूप से ठीक होने की संभावना बढ़ सकती है।

आज के इस आर्टिकल में हमने ब्रेस्ट में गांठ क्यों बनती है इस विषय में जाना साथ ही इसके उपायों पर भी ध्यान दिया लेकिन आप सिर्फ इन उपायों पर निर्भर ना रहें समस्या अगर ज्यादा गंभीर है तो डॉक्टर से संपर्क ज़रूर करें या कर्मा आयुर्वेद अस्पताल में भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं। हेल्थ से जुड़े ऐसे और भी ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें अयुकर्मा के साथ



 

FAQs

 

  • ब्रेस्ट में कौन सी गांठ नॉर्मल होती है? 

         हार्मोनल बदलावों से बनी मुलायम, हिलने वाली और दर्द रहित गांठ अक्सर नॉर्मल होती है, जैसे कि फाइब्रोएडेनोमा या सिस्ट।

  • गांठ के लिए कौन सा टेस्ट किया जाता है? 

         गांठ की जांच के लिए मेमोग्राफी, अल्ट्रासाउंड और ज़रूरत पड़ने पर बायोप्सी की जाती है।

  • गांठ को कैसे खत्म किया जा सकता है? 

         गांठ का इलाज उसके कारण पर निर्भर करता है। सामान्य गांठें खुद ठीक हो सकती हैं, जबकि संदेहास्पद या कैंसर वाली गांठों को दवा, सर्जरी या कीमोथेरेपी से हटाया जाता है।

  • कैसे पता चलेगा कि गांठ कैंसर है या नहीं?

        पता लगाने के लिए मेमोग्राफी, अल्ट्रासाउंड और सबसे सही तरीका बायोप्सी होता है, जिससे गांठ के कैंसर होने की पुष्टि होती है।

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