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पित्त की थैली शरीर के लिए एक छोटा सा अंग है, जो पेट में दाहिने हिस्से में स्थित होता है, इसका काम पित्त यानी bile को कलेक्ट करना होता है, भोजन के बाद, जब पित्त को पाचन तंत्र में वसा को तोड़ने के लिए भेजा जाता है, जब पित्त में असंतुलन हो जाता है, तो यह एक ठोस पदार्थ बन जाते हैं जो बाद में पथरी का रूप ले लेते हैं, आज इस आर्टिकल में हम आपको पित्त की थैली की पथरी निकालने का अचूक उपाय के बारे में बताएँगे उस्सी साथ हम इनके लक्षणों और कारणों पर ध्यान देंगे।
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हमारे शरीर में पानी स्वास्थ्य से जुडी बहुत सी हानियों को दूर कर देता है, और पानी पित्त की थैली की पथरी निकालने का अचूक उपाय है, क्योंकि ज्यादा पानी पिने से पित्ताशय में जमा होने वाले पदार्थ बाहर निकल सकते हैं। जिससे पथरी बनने की सम्भावना कम हो जाती है और पथरी की समस्या कम हो सकती है और रोज़ाना उचित मात्रा में पानी पीना आपके पाचन तंत्र को भी सही रखता है।
जानकारी - हमेशा ध्यान दे की पानी को एक उचित मात्रा में ही पीना चाहिए ज़रूरत से ज्यादा पानी आपके किडनी पर दबाव दाल सकता है और अपने अवस्था के अनुसार चिकित्सक से संपर्क ज़रूर करें।
हल्दी एक बहुत ही प्रभावी घरेलू और आयुर्वेदिक उपाय माना जाता है, इसमें करक्यूमिन होता है जो पित्ताशय के कार्य को पहले से बेहतर करते हैं, इसके एंटी इंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज पथरी के कारण हो रहे दर्द और सुजन से राहत पहुंचाते हैं और कोलेस्ट्रॉल से बनी पित्त की पथरी को तोड़ने में मदद कर सकते हैं।
जानकारी - हमेशा एक सिमित मात्रा में इसे प्रयोग करें और कभी खाली पेट इसे प्रयोग में ना लायें वरना एसिडिटी और पाचन में दिक्कत आ सकती है साथ ही अगर आपको पित्त की समस्या पहले से है तो सबसे पहले चिकित्सक से संपर्क ज़रूर करें।
पित्त की पथरी की समस्या में सेब का सिरका बहुत फायदेमंद उपाय माना जाता है, इसमें सिट्रिक एसिड होता है, जो पित्ताशय में जमा हुई पथरी को घोलने में मदद कर सकता है, यह छोटे आकार के पथरी को तोड़ने में काफी फायदेमंद होती है जिससे यूरिन के द्वारा वो बाहर निकाल सकता है, ये खून में कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है।
जानकारी - सेब के सिरके का जरूरत से ज्यादा सेवन आपको एसिडिटी, पेट में जलन और बहुत सी समस्याएं हो सकती है और यदि आप कोई दवाई ले रहे हैं तो आप अपने डॉक्टर से जरुर सम्पर्क करें।
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त्रिफला तीन प्रभावी जड़ी बूटियों को मिलाकर बनता है जैसे - आंवला, बेहड़ा और हरड, ये तीनो जड़ी बूटियां आयुर्वेद में बताए गये वात, पित्त और कफ को संतुलित रखती है, साथ ही ये कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है। क्योंकि पित्त की पथरी में अक्सर कोलेस्ट्रॉल की ज्यादा होती है।
जानकारी - त्रिफला को गुनगुने पानी में साथ सेवन करना बहुत फायदेमंद होता है पर इसका बहुत अधिक सेवन करना पेट की समस्याओं को और भी बढ़ा सकता है।
आंवला में विटामिन सी, एंटीऑक्सीडेंट और बहुत से पोषक तत्व होते हैं जो आपको स्वस्थ बनाए रखते हैं। इसके एंटी इंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज पथरी से होने वाली समस्या को भी रोकते हैं, साथ ही ये मेटाबोलिज्म को तेज करता है और शरीर में वसा को कम करने में मदद करता है क्योंकि वजन अधिक होने से पित्त की पथरी बनने का खतरा बढ़ता है, इसलिए आंवला इस अवस्था में भी काफी मदद करता है।
जानकारी - आंवला ब्लडप्रेशर को कंट्रोल करने में बहुत मदद करता है इसलिए अगर आपका ब्लडप्रेशर लो है तो आंवला के सेवन से पहले चिकित्सक से सलाह ज़रूर लें।
आज हमने इस आर्टिकल में पित्त की थैली की पथरी निकालने का अचूक उपाय के बारे में बताया पर आप ध्यान रखें ये केवल लक्षणों और शुरुआती समय के लिए रामबाण इलाज है इसलिए समस्या ज्यादा बढने पर केवल इन उपायों पर निर्भर न रहें जल्द ही डॉक्टर से सम्पर्क करें और ऐसे ही आर्टिकल्स और ब्लोग्स के लिए जुड़े रहे आयु कर्मा से।
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