आपकी सभी स्वास्थ्य समस्याओं के लिए विशेषज्ञ स्वास्थ्य पेशेवरों द्वारा अनुशंसित आयुर्वेदिक उपचार, उपचार और सलाह
पायरिया दांतों से जुड़ी एक गंभीर समस्या है। इसमें दांतों और मसूड़ों की जड़ों से खून भी निकलने लगता है। दांतों की सफाई सही तरीके से न करने से पायरिया की समस्या शुरू हो जाती है, लेकिन दांतों की सही ढंग से सफाई करने और पायरिया के लिए आयुर्वेदिक दवा से इसका इलाज किया जा सकता है। ऐसे में बिना देरी किए इसके इलाज के साथ इसके कारण और लक्षण भी जान लें:
पायरिया का उपचार जानने से पहले इसके लक्षणों के बारे में जान लेते हैं। वैसे तो दांत में पायरिया की दवा करने से इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है, लेकिन उससे पहले इसके लक्षण जान लेते हैं –
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पायरिया में खाते-पीते समय दांतों और मसूड़ों पर चिपकने वाले कण एसिड में बदल जाते हैं और दांतों को सड़ाकर पायरिया को जन्म देते हैं। वैसे दांतों में पायरिया की दवा करने से इस समस्या से छुटकारा मिल सकता है, लेकिन पहले इसके कुछ मुख्य कारण जान लेते हैं –
दांतों में पायरिया लगने के कारणों और लक्षणों को जानने के बाद पायरिया के लिए दवा के बारे में भी जान लें, जिसे अपनाकर आप इससे छुटकारा पा सकते हैं:
लौंग का भारतीय रसोई में बहुत इस्तेमाल किया जाता है। दो लौंग को दांतों के बीच में रखकर आपको बहुत आराम मिल सकता है। लौंग में मौजूद एनेस्थेटिक और एनलजेसिक गुण होते हैं, जो दांतों के बैक्टीरिया को खत्म कर देते हैं। लौंग को पायरिया के लिए आयुर्वेदिक दवा माना जा सकता है।
नीम में कई तरह के जीवाणुरोधी गुण होते हैं। इसका कई तरह की पारंपरिक दवाएं, माउथवॉश बनाने में इस्तेमाल किया जाता है। नीम दांत और मसूड़े की सड़न, बैक्टीरिया और इंफेक्शन से राहत दिलाने में मदद कर सकता है। इसके पत्तों को चबाना पायरिया के लिए आयुर्वेदिक दवा माना जाता है।
नींबू को पायरिया के लिए आयुर्वेदिक दवा माना जा सकता है। नींबू में विटामिन-C होता है। नींबू के छिलके पर सरसों का तेल लगाकर दांतों और मसूड़ों पर लगाने से दांत साफ रहते हैं और मसूड़ें भी मजबूत रहते हैं। इससे पायरिया की समस्या से निजात मिल सकता है।
कच्चे अमरूद में फाइबर और विटामिन-C होता है। इसका सेवन करने से दांत मजबूत रहते हैं। रोजाना एक अमरूद खाने या अमरूद के पत्ते चबाने से पायरिया की समस्या दूर हो सकती है। ऐसे में कच्चे अमरूद को पायरिया के लिए आयुर्वेदिक दवा कहा जा सकता है।
सरसों का तेल भी पायरिया के लिए आयुर्वेदिक दवा माना जा सकता है। सरसों के तेल से दांतों पर मालिश करने से पायरिया की बीमारी से निजात मिल सकता है। इसके लिए बस सरसों के तेल में एक चुटकी हल्दी और नमक मिलाकर दांतों पर मालिश करें। इससे पायरिया की समस्या से निजात मिल सकता है।
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अनार एक असरदार फल तो होता ही है, लेकिन साथ ही इसके पत्ते भी काफी गुणकारी होते हैं। अनार के पत्तों को काली मिर्च के साथ चबाने से पायरिया और मसूड़ों से जुड़े रोगों से छुटकारा मिल सकता है। इससे दांत भी मजबूत रहते हैं। अनार के पत्तों को पायरिया के लिए आयुर्वेदिक दवा कहा जा सकता है।
पुदीने के हरे पत्तों में कई औषधीय गुण मौजूद होते हैं। इसके पत्ते बैक्टीरिया को मारने में काफी प्रभावी होते हैं। ये बैक्टीरिया मसूड़ों की बीमारियों और दूसरी हेल्थ प्रॉब्लम्स का कारण बनते हैं। पायरिया के लिए आयुर्वेदिक दवा में पुदीने की पत्तियां भी शामिल हैं।
वहीं अरंडी के तेल में भी पायरिया को ठीक करने वाले गुण होते हैं। अरंडी के तेल में कपूर और शहद मिलाकर उसका पेस्ट बनाएं और दांतों पर लगा लें। ऐसा करने से पायरिया की समस्या में राहत मिल सकती है। बता दें कि अरंडी के तेल को भी पायरिया के लिए आयुर्वेदिक दवा माना जा सकता है।
तुलसी के पत्तों में चमत्कारी गुण होते हैं। तुलसी भी पायरिया के लिए आयुर्वेदिक दवा मानी जा सकती है। तुलसी के सूखे या ताजे पत्तों में सरसों का तेल मिलाकर मसूड़ों और दांत पर लगाने से पायरिया की समस्या में आराम मिल सकता है।
तो जैसा कि आपने जाना कि कौन-सी चीजें पायरिया के लिए आयुर्वेदिक दवा बन सकती हैं। ऐसे में इन उपायों को इस्तेमाल करने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से सलाह जरूर करें।
अगर आपको भी पायरिया या उससे जुड़ी किसी भी तरह की समस्या है, तो आप अपना इलाज कर्मा आयुर्वेदा में आकर करवा सकते हैं। यहां पर सन् 1937 से किडनी रोगियों का इलाज किया जा रहा है और हाल ही में इसे डॉ. पुनीत धवन संभाल रहे हैं। डॉ. पुनीत न सिर्फ भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में किडनी की बीमारी से जूझ रहे रोगियों का इलाज कर रहे हैं, क्योंकि आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है। कर्मा आयुर्वेदा डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना ही भारतीय आयुर्वेद के सहारे किडनी फेल्योर का इलाज कर रहा है।
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FEB 23,2022 - FEB 22,2025