आपकी सभी स्वास्थ्य समस्याओं के लिए विशेषज्ञ स्वास्थ्य पेशेवरों द्वारा अनुशंसित आयुर्वेदिक उपचार, उपचार और सलाह
फेफड़ों में पानी का भरना, जिसे पल्मोनरी एडिमा भी कहा जाता है, ये एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जिसमें बहुत सी स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न होती हैं, आयुर्वेद के अनुसार ये समस्या पित्त और कफ दोषों के असंतुलन की वजह से उत्पन्न होता है, जिस वजह से फेफड़ों में अतिरिक्त तरल पदार्थ जमा हो जाता है। आज इस आर्टिकल में हम फेफड़ों में पानी सुखाने की दवा के बारे में बताएंगे साथ ही इसके कारणों और लक्षणों पर भी ध्यान देंगे जिससे सही समय पर इस समस्या में जल्द ही बचाव कर सकें।
खांसी और बलगम
पैरों और टखनों में सूजन
कमजोरी और थकान
आंखों के आसपास नीला पड़ना
बुखार और ठंड लगना
हृदय की गति का तेज होना
सांस लेते समय घरघराहट
बेचैनी और चिंता
बड़ा उच्च रक्तचाप
गंभीर एलर्जी प्रतिक्रियाएं
संक्रमण या निमोनिया
फेफड़ों की चोट
अत्यधिक शराब या ड्रग्स का सेवन
फेफड़ों में पानी का आयुर्वेदिक उपचार
तुलसी और शहद - तुलसी और शहद दोनों ही आयुर्वेदिक और घरेलू उपचार के लिए बहुत फायदेमंद है जैसे तुलसी में एंटीऑक्सिडेंट गुण होते हैं जो शरीर को डिटॉक्स करता है, यह श्वसन तंत्र को साफ रखता है, ये प्रतिरक्षा प्रणाली को भी मजबूत करता है जो शरीर को संक्रमण से लड़ने में मदद करता है, और शहद में मॉइस्चराइजिंग गुण होते हैं जो म्यूकस को पतला करता है, जिससे यह बाहर निकलता है। यही नहीं इसमें एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण भी हैं जो संक्रमण को रोकने में मदद करते हैं।
आज इस आर्टिकल में हमने फेफड़ों में पानी सुखाने की दवा कौन सी है, ये जाना अगर आपको फेफड़ों में पानी भरने का इलाज के विषय में जानना है, तो यह ब्लॉग पोस्ट आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है। हालांकि, आप केवल इन उपायों पर निर्भर न रहें और कोई भी उपचार विकल्प चुनने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर लें। सेहत से जुड़े ऐसे ही ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें आयु कर्मा के साथ।
कालमेघ के फायदे और नुकसान: हर बीमारी की एक आयुर्वेदिक दवा! ...
ब्राह्मी के फायदे और नुकसान: आयुर्वेद की इस बूटी के पीछे का सच जानिए ...
कुटकी के फायदे और नुकसान: आयुर्वेदिक गुण, सेवन का तरीका और सावधानियाँ ...
Approved by
Certificate no- AH-2022-0145
FEB 23,2022 - FEB 22,2025