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ब्रेस्ट में गांठ का आयुर्वेदिक इलाज

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ब्रेस्ट में गांठ का आयुर्वेदिक इलाज

ब्रेस्ट या स्तन में गांठ होने की स्थिति सामान्य होती है, लेकिन इसका पता समय पर चलना बहुत जरूरी होता है, क्योंकि इसका संबंध कैंसर बनने से हो सकता है। वैसे तो ब्रेस्ट में गांठ हार्मोनल बदलाव की वजह से भी बन सकती है, लेकिन ब्रेस्ट में गांठ का आयुर्वेदिक इलाज करके भी इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।

ब्रेस्ट में गांठ होने के कारण

ब्रेस्ट में गांठ कई कारणों से हो सकती है, लेकिन ब्रेस्ट की गांठ का इलाज करके इस समस्या से मुक्ति पाई जा सकती है। पर सबसे ज्यादा जरूरी है कि ब्रेस्ट में गांठ होने के कारणों के बारे में पता होना चाहिए:

  1. ब्रेस्ट कैंसर
  2. मैस्टाइटिस
  3. इंट्राडक्टल पेपिलोमा
  4. फाइब्रोएडिनोमा

ब्रेस्ट में गांठ होने के लक्षण

स्तन की गांठ कई वजहों से हो सकती है। ऐसे में इसके लक्षण भी अलग-अलग हो सकते हैं। वैसे तो स्तन की गांठ का इलाज करके इस पर काबू पाया जा सकता है, लेकिन इसके लक्षणों का पता होना जरूरी है। आइए, जानें –

  1. ब्रेस्ट में तेज दर्द होना
  2. ब्रेस्ट के साइज में बदलाव होना
  3. निप्पल के एरिया में खुजली होना
  4. ब्रेस्ट की स्किन में सिकुड़न आना
  5. निप्पल वाले एरिया में रैशेज

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स्तन में गांठ का इलाज

स्तन में गांठ होने के लक्षण और कारणों को जानने के बाद जरूरी है कि ब्रेस्ट में गांठ का आयुर्वेदिक इलाज जान लें ताकि आप इसका इलाज वक्त रहकर कर सकें।

1. पौष्टिक आहार - ब्रेस्ट में गांठ का आयुर्वेदिक इलाज

ब्रेस्ट में गांठ होने पर उसे घर बैठे हरी सब्जियां खाकर काबू किया जा सकता है। हरी सब्जियां खाने से ब्रेस्ट में दर्द कम हो सकता है। वहीं मसल्स के बीच भी खिंचाव आता है, जिससे गांठ ठीक हो सकती है। ऐसे में कह सकते हैं कि पौष्टिक आहार लेना ब्रेस्ट में गांठ का आयुर्वेदिक इलाज है

2. हल्दी

ब्रेस्ट में गांठ का आयुर्वेदिक इलाज

हल्दी को भी ब्रेस्ट में गांठ का आयुर्वेदिक इलाज माना जा सकता है। इसके लिए आप दूध में हल्दी मिलाकर हल्का गर्म कर लें और गांठ पर लगा लें। इसकी गर्माहट से गांठ ठीक हो सकती है।

3. करें मसाज

वहीं आप ब्रेस्ट की मसाज करके भी स्तन में होने वाली गांठ को काबू कर सकते हैं। इसके लिए आप कोई भी तेल लेकर उसे गर्म करें और उससे हल्के हाथों से ब्रेस्ट की मसाज कर लें। ऐसा करने से ब्लड सर्कुलेशन अच्छा होगा और गांठ से फ्लुइड निकलने लगेगा। मसाज करना भी ब्रेस्ट में गांठ का आयुर्वेदिक इलाज हो सकता है।

4. बर्फ की सिकाई - ब्रेस्ट में गांठ का आयुर्वेदिक इलाज

ब्रेस्ट में गांठ का आयुर्वेदिक इलाज करने के लिए बर्फ की सिकाई की मदद ली जा सकती है। आप बर्फ की सिकाई करके भी बेस्ट में हो रही गांठ को ठीक कर सकते हैं। इससे आपको बहुत आराम मिलेगा।

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5. फैटी चीजों से रहें दूर - ब्रेस्ट में गांठ का आयुर्वेदिक इलाज

अगर आप चाहते हैं कि आपको स्तन में हो रही गांठ में जल्दी आराम मिल जाए, तो ऐसे में फैटी चीजों का सेवन कम से कम करें और साथ ही ट्रांस फैट और फास्ट या जंक फूड खाने से भी बचें। ऐसा करने से आप ब्रेस्ट में हो रही गांठ से बच सकते हैं। इसे ब्रेस्ट में गांठ का आयुर्वेदिक इलाज माना जा सकता है।

6. गलत साइज की ब्रा न पहनें

गलत साइज की ब्रा न पहनना भी ब्रेस्ट में गांठ का आयुर्वेदिक इलाज हो सकता है। गलत साइज की ब्रा पहनने से भी ब्रेस्ट पर दबाव पड़ता है। इससे ब्रेस्ट में गांठ हो सकती है। ऐसे में कोशिश करें कि गलत साइज की ब्रा न पहनें, वरना ये आगे चलकर कैंसर का रूप ले सकता है।

7. साफ रखें ब्रेस्ट

ब्रेस्ट में गांठ को ठीक करने के लिए उसकी साफ-सफाई का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। ऐसे में ब्रेस्ट को रोजाना साफ करें और जितना हो सके साफ ब्रा और बाकी कपड़े पहनें। ये भी ब्रेस्ट में गांठ का आयुर्वेदिक इलाज माना जा सकता है।

8. अश्वगंधा - ब्रेस्ट में गांठ का आयुर्वेदिक इलाज
ब्रेस्ट में गांठ का आयुर्वेदिक इलाज

अश्वगंधा भी ब्रेस्ट में गांठ का आयुर्वेदिक इलाज ही है। इसमें मौजूद औषधीय गुण ब्रेस्ट में गांठ बनने से रोक सकते हैं। ये ट्यूमर सेल्स को खत्म करके एंटी-कैंसर की तरह शरीर की रक्षा कर सकता है। ऐसे में इसका सेवन किया जा सकता है।

तो जैसा कि आपने जाना कि ब्रेस्ट में गांठ का आयुर्वेदिक इलाज क्या है। ऐसे में इन उपायों को अपनाने से पहले आप एक बार अपने डॉक्टर से सलाह जरूर ले लें.

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निष्कर्ष

अगर आपको भी ब्रेस्ट में गांठ या उससे जुडी किसी और तरह की समस्या हो रही है, तो आप अपना इलाज कर्मा आयुर्वेदा में आकर करवा सकते हैं। यहां पर सन् 1937 से किडनी और अन्य कई बीमारी के रोगियों का इलाज किया जा रहा है और हाल ही में इसे डॉ. पुनीत धवन संभाल रहे हैं। डॉ. पुनीत न सिर्फ भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में किडनी की बीमारी से जूझ रहे रोगियों का इलाज कर रहे हैं, क्योंकि आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है। कर्मा आयुर्वेदा डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना ही भारतीय आयुर्वेद के सहारे किडनी फेलियर का इलाज कर रहा है।

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