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बवासीर की दवा

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बवासीर की दवा

बवासीर की गारंटी की दवा 

बवासीर जैसी समस्या, जिसे पाइल्स भी कहा जाता है, ये एक सामान्य स्वास्थ्य समस्या है जो गुदा और मलाशय के निचले हिस्से में सूजन और दर्द का कारण बनती है। यह परेशानी किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है और इसके लक्षणों से बचना बेहद कठिन हो सकता है और साथ ही ये लक्षण बहुत कष्टदायक होते हैं। आज इस आर्टिकल में बवासीर की गारंटी की दवा के बारे में बताएंगे साथ ही कारणों और लक्षणों पर भी ध्यान देंगे जिनसे आप समय रहते अपने स्वास्थ्य पर ध्यान दे सकेंगे।      
            

बवासीर के प्रकार

  • बाहरी बवासीर - ये बवासीर गुदा के  बाहर होता है और बहुत दर्दनाक हो सकते हैं।
  • आंतरिक बवासीर - ये गुदा के अंदर होते हैं, लेकिन इसमें रक्तस्राव हो सकता है। पर ये आमतौर पर दर्द रहित होते हैं, लेकिन रक्तस्राव हो सकता है।
  • मिश्रित बवासीर -  इसमें आंतरिक और बाहरी दोनों तरह के बवासीर होते हैं।                                                                                                                                                                       

बवासीर के लक्षण 

  • दर्द और सूजन

  • गुदा के आस पास गांठ 
  • शौच के समय खून आना 
  • मल त्याग में कठिनाई या असुविधा
  • गुदा में गांठ का महसूस होना
  • गुदा छेत्र में खुजली 
  • शौच के समय म्यूकस आना 

बवासीर के कारण

  • कब्ज़ 
  • मल त्याग के समय ज़ोर लगाना 
  • शौच में लंबे समय तक बैठे रहना 
  • गर्भावस्था
  • आहार की कमी
  • उम्र
  • अधिक वजन उठाना
  • कठोर मल त्याग

आयुर्वेद में बवासीर के उपचार 
बवासीर के लिए आयुर्वेदिक दवा निम्नलिखित है,
 
 

 

  • त्रिफला - त्रिफला बवासीर या पेट की किसी भी समस्या के इलाज में त्रिफला बहुत असरदार होता है,  त्रिफला में तीन प्रमुख जड़ी बूटियां होती हैं, इन तीनो जड़ी बूटियों का मिश्रण हमारे स्वास्थ्य को संतुलित करता है, इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज होती हैं जो सूजन को कम करने में मदद करते हैं, और इनका सबसे विशेष कार्य पाचन में सुधार करना होता है जो कब्ज़ को दूर करने में मदद करता है क्योंकि कब्ज़ बवासीर का सबसे मुख्य कारण होता है।
    त्रिफला

     
  • गुग्गुलु - गुग्गुलु पाइल्स की जड़ से इलाज करता है, साथ ही बवासीर की स्थिति में गुग्गुलु एक प्रभावी उपाय है, इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो बवासीर के कारण होने वाली सूजन को कम करने में मदद करते हैं। यह कब्ज को दूर करने और मल त्याग को सुगम बनाने में सहायक होता है, बवासीर के समय रक्तस्राव होता है, उस स्थिति में भी गुग्गुलु इसे रोकने में सहायक हो सकता है। बवासीर के कारण त्वचा की क्षति और फटी त्वचा हो जाती है ऐसे में गुग्गुलु को ठीक करने में मदद करते हैं।
     
  • हलकादी - हलकादी आयुर्वेदिक उपचार में एक महत्वपूर्ण औषधि है, जो पाचन संबंधी समस्याओं को ठीक करने और कब्ज को दूर करने के लिए किया जाता है। इसके अंदर मौजूद गुण सूजन और दर्द को कम करने में मदद करते हैं। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो बवासीर के कारण होने वाली सूजन और जलन को कम करने में मदद करते हैं। 
     
  • आंवला - स्वास्थ्य के लिए आंवला का सेवन बहुत फायदेमंद हो सकता है। ये आयुर्वेद में एक प्रमुख औषधि है, इसमें उच्च मात्रा में फाइबर पाया जाता है, जो पाचन तंत्र को सुधारता है और कब्ज को दूर करने में मदद करता है। । आंवला में विटामिन C की भरपूर मात्रा होती है, जो रक्त वाहिकाओं को मजबूत करता है और रक्तस्राव को नियंत्रित करने में मदद करता है। साथ ही इसका सेवन आंतों की गति को बढ़ाता है, जिससे मल त्याग के समय दबाव कम होता है।

बवासीर का घरेलू उपाय 

  • नारियल तेल - बवासीर की समस्या में नारियल तेल का सेवन या उसे बाहरी उपयोग दोनों ही बहुत प्रभावी हो सकता है, नारियल तेल में   कैप्रिलिक एसिड और  लॉरिक एसिड होते हैं जो सूजन को कम करने में मदद करते हैं, नारियल तेल में  एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं जो बवासीर द्वारा होने वाली जलन और दर्द को कम करने की कोशिश करते हैं, यही नहीं इसके विटामिन E और विटामिन K गुण  त्वचा की मरम्मत करने और घाव भरने में मदद करते हैं।
     

  • हल्दी - हल्दी एक प्राचीन औषधि है, जो एक असरदार बवासीर का घरेलू इलाज है, हल्दी में कर्क्यूमिन नाम का एक सक्रिय तत्व होता है, यह एक शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी एजेंट है। इसमें दर्द निवारक गुण होते हैं जो बवासीर से होने वाले होने वाले दर्द को कम करने में मदद करते हैं। हल्दी पाचन तंत्र के लिए बहुत अच्छा होता है ये पाचन तंत्र को उत्तेजित करती है जिससे कब्ज़ की समस्या कम हो जाती है, यही नहीं हल्दी में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण होते हैं जो घावों को संक्रमण से बचाने और जल्दी भरने में सहायक होती है।

    बवासीर की गारंटी की दवा
  • पपीते का सेवन -  बवासीर के इलाज में पपीता एक  प्राकृतिक उपाय है, जिसके बहुत से फायदे होते हैं जैसे विटामिन्स, एंटीऑक्सिडेंट्स और एंजाइम्स होते हैं, जो पाचन में बहुत मदद करते हैं, पपीते में "पपाइन" नाम का एक एंजाइम होता है जिससे पेट में दबाव नहीं बढ़ता और बवासीर की समस्या में कमी आती है। साथ ही पपीते में विटामिन C और एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं, इससे बवासीर में होने वाला रक्तस्राव कम हो सकता है।
     
  • पानी का अधिक सेवन - पानी बहुत सी समस्या का सबसे सरल उपाय है, इसके बहुत से फायदे होते हैं जैसे कब्ज से राहत मिलती है, और पानी का पर्याप्त सेवन मल को नरम बनाने में मदद करता है। पर्याप्त पानी पीने से मल आसानी से बाहर निकलता है। सबसे विशेष बात पानी पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है। जो पेट को साफ करता है और आंतों में अवरोध को रोकता है। बवासीर के कारण अक्सर जलन और दर्द की समस्या होती है, और पानी का सेवन शरीर को ठंडा रखता है।
     

आज इस आर्टिकल में हमने बवासीर की गारंटी की दवा में जाना,  अगर आपको बवासीर का इलाज बिना सर्जरी के जानना चाहते हैं, तो यह ब्लॉग पोस्ट आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है। हालांकि, आप केवल इन उपायों पर निर्भर न रहें और कोई भी उपचार विकल्प चुनने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर लें। सेहत से जुड़े ऐसे ही ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें आयु कर्मा के साथ।


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