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पैरों में सूजन आने का कारण और उपचार

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पैरों में सूजन आने का कारण और उपचार

पैरों में सूजन आने का कारण और उपचार

पैरों में सूजन का आना एक सामान्य स्वास्थ्य समस्या है, और ये समस्या किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है, यह सूजन बहुत बार हल्की और अस्थायी होती है, लेकिन कई बार यह समस्या किसी गंभीर रोग का संकेत भी हो सकती है। इस सूजन के बहुत से कारण होते हैं, जिसे हम आगे इस आर्टिकल में बताएंगे, बहुत से लोग सूजन को देख कर तुरंत ही आधुनिक चिकित्सा और आधुनिक दवाइयों की ओर आगे जाते हैं पर आज इस आर्टिकल में हम पैरों में सूजन आने का कारण और उपचार के विषय में बताएंगे, ये उपचार पूरी तरह से आयुर्वेदिक और घरेलू होने वाले हैं साथ ही इसके लक्षणों पर भी ध्यान देंगे। 

पैरों में सूजन आने का लक्षण 

  • भारीपन या जकड़न

  • त्वचा में बदलाव

  • चलने या खड़े होने पर दर्द 

  • चलने में कठिनाई 

  • लालिमा 

  • बैचेनी 

  • त्वचा चमकदार या खिंची हुई दिखाई देना 

पैरों में सूजन आने का कारण 

अगर आपके मन में भी ये सवाल है की पैरों में सूजन क्यों होती है या इसके क्या कारण है तो आप निम्नलिखित कारणों पर ध्यान दे सकते हैं। 

  • नमक का अधिक सेवन – शरीर में पानी रुकता है जिससे पैरों में सूजन आ सकती है।

  • लंबे समय तक खड़े रहना या बैठना – रक्त पैरों में जमा हो जाता है, जिससे सूजन होती है।

  • लीवर की बीमारी – प्रोटीन की कमी और द्रव संचय से पैरों में सूजन आ सकती है।

  • हृदय रोग – कमजोर दिल शरीर में रक्त और फ्लूइड ठीक से पंप नहीं कर पाता, जिससे सूजन होती है।

  • लिवर से जुड़ी समस्या – लिवर की खराबी से शरीर में पानी का संतुलन बिगड़ता है, जिससे सूजन होती है।

  • किडनी की बीमारी – किडनी फ्लूइड को बाहर नहीं निकाल पाती, जिससे पानी शरीर में जमा हो जाता है।

  • गर्भावस्था – हार्मोनल बदलाव और गर्भ का दबाव पैरों में सूजन ला सकता है।

  • थायरॉइड की समस्या – हाइपोथायरॉइडिज्म में मेटाबॉलिज्म धीमा पड़ता है, जिससे सूजन हो सकती है।

  • कुछ विशेष दवाइयाँ – ब्लड प्रेशर, स्टेरॉयड्स और डायबिटीज की कुछ दवाएँ सूजन पैदा कर सकती हैं।

  • अधिक वजन होना – शरीर के निचले हिस्सों पर दबाव बढ़ता है जिससे पैरों में सूजन आती है।

  • चोट लगना या मोच – चोट के स्थान पर सूजन शरीर की सामान्य सूजन प्रतिक्रिया होती है।

पैरों में सूजन आने का उपचार

  1. पुनर्नवा

  2. कम नमक वाला आहार

  3. आराम और पैरों को ऊपर उठाना

  4. ठंडी सिकाई 

 

  1. पुनर्नवा - पुनर्नवा क अत्यंत प्रभावशाली जड़ी-बूटी मानी जाती है, यह एक प्राकृतिक मूत्रवर्धक है। यह शरीर में जमा अतिरिक्त पानी को मूत्र के माध्यम से बाहर निकालता है। जब शरीर में फ्लूइड रुकता है, जैसे किडनी की कमजोरी या हॉर्मोनल असंतुलन के कारण, तब पैरों में सूजन होती है। पुनर्नवा के सेवन से यह रुकाव हटता है। इसमें ऐसे तत्व भी होते हैं जो टिशूज की सूजन को कम करते हैं। यह उन कोशिकाओं पर कार्य करता है जहाँ फ्लूइड जमा हुआ होता है, और धीरे-धीरे सूजन को शांत करता है। इससे पैरों की अकड़न, भारीपन और जलन भी कम होती है। इसलिए पैरों की सूजन के आयुर्वेदिक उपाय के लिए पुनर्नवा बहुत असरदार है।

    पुनर्नवा

     
  2. कम नमक वाला आहार - कम नमक वाला आहार अपनाना अच्छे स्वास्थ्य के लिए बहुत ज़रूरी है, और पैरों की सूजन में इसका खास ध्यान रखना बहुत फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि नमक यानी सोडियम पानी को शरीर में रोकता है। अधिक नमक लेने पर कोशिकाएँ पानी सोखकर सूज जाती हैं। जब नमक कम लिया जाता है, तो शरीर अतिरिक्त फ्लूइड को मूत्र के जरिए बाहर निकालने लगता है, जिससे पैरों की सूजन घटती है। साथ ही अत्यधिक नमक रक्तचाप बढ़ाता है, जिससे दिल और रक्तवाहिनियों पर दबाव पड़ता है। उच्च रक्तचाप से शरीर के निचले हिस्सों में फ्लूइड जमा होने लगता है। कम नमक का सेवन रक्तचाप को संतुलित रखता है, जिससे सूजन की संभावना कम होती है।
     
  3. आराम और पैरों को ऊपर उठाना - पैरों की सूजन होने पर आराम करना और पैरों को ऊपर उठाकर रखना सबसे सरल, और प्रभावी घरेलू उपाय है, ये उपाय इसलिए काम करता है क्योंकि जब आप लंबे समय तक खड़े रहते हैं या बैठते हैं, तो ग्रेविटी के कारण रक्त और फ्लूइड नीचे की ओर खिंचते हैं और पैरों में जमा हो जाते हैं। जब आप पैरों को दिल की सतह से ऊपर रखते हैं, तो यह संचित द्रव्य और रक्त वापस शरीर के ऊपरी हिस्से की ओर बहने लगता है, जिससे सूजन घटती है। इसलिए आराम करना और पैरों को ऊपर उठाकर रखना पैरों में सूजन का घरेलू इलाज माना जाता है। 

     
  4. ठंडी सिकाई - पैरों में सूजन के लिए ठंडी सिकाई बेहद असरदार और एक तेज़ राहत देने वाला घरेलू उपचार है। क्योंकि जब आप सूजन वाली जगह पर बर्फ या ठंडा पैक लगाते हैं, तो त्वचा के नीचे की रक्त नलिकाएं सिकुड़ जाती हैं। इससे उस हिस्से में रक्त प्रवाह धीमा हो जाता है, जिससे फ्लूइड का रिसाव रुकता है और सूजन घटने लगती है। साथ ही ठंडी सिकाई मांसपेशियों और टिशू में जाकर उनकी गर्मी और जलन को कम करती है। इससे ना केवल सूजन में राहत मिलती है, बल्कि दर्द, झनझनाहट या जलन जैसे लक्षणों से भी तुरंत राहत मिलती है।

आज के इस आर्टिकल में हमने पैरों में सूजन आने का कारण और उपचार, के बारे में, बात करी और आपने जाना की कैसे कुछ घरेलू और आयुर्वेदिक उपचार इस समस्या में आपके काम आ सकते हैं, लेकिन आप सिर्फ इन सुझावों पर निर्भर ना रहें समस्या अगर ज्यादा गंभीर है तो डॉक्टर से संपर्क ज़रूर करें या कर्मा आयुर्वेद अस्पताल में भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं। हेल्थ से जुड़े ऐसे और भी ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें अयुकर्मा के साथ



FAQ

 

पैरों में सूजन किसका संकेत है?

पैरों में सूजन शरीर में जमा अतिरिक्त फ्लूइड, रक्त संचार की गड़बड़ी या किडनी, हृदय, लिवर जैसे अंगों की समस्या का संकेत हो सकता है।

पैरों में सूजन को तेजी से कम करने का सबसे तेज़ तरीका क्या है? 

पैरों को ऊँचा रखकर ठंडी सिकाई करें, नमक कम खाएं और आराम करें — ये सूजन कम करने के सबसे तेज़ और असरदार तरीके हैं।

पैरों की सूजन में क्या नहीं खाना चाहिए? 

पैरों की सूजन में ज्यादा नमक, पैकेट वाला फूड, अचार, पापड़, तली-भुनी चीजें और प्रोसेस्ड भोजन नहीं खाना चाहिए।

क्या खून की कमी से पैरों में सूजन आती है? 

हाँ, खून की कमी यानि अनीमिया गंभीर हो तो यह पैरों में सूजन का कारण बन सकती है, खासकर जब यह दिल या किडनी को प्रभावित करे।



 

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