आपकी सभी स्वास्थ्य समस्याओं के लिए विशेषज्ञ स्वास्थ्य पेशेवरों द्वारा अनुशंसित आयुर्वेदिक उपचार, उपचार और सलाह
पैरों में जलन महसूस करना, जिसे अक्सर लोग पैरों के तलवों में गर्माहट का अनुभव करने के रूप में वर्णित करते हैं। ये अनुभव उनके असुविधा का कारण बन सकता है, जिस वजह से उन्हें अपने पुरे दिनचर्या के कार्य करने में परेशानी भी आ सकती है। बहुत से लोगों को ये अनुभव दिन के आखरी समय में ज़्यादा होती है, जिसे बहुत से लोगों को ज़्यादा समस्या होती है, तो कुछ लोग इसे अनदेखा भी कर देते हैं, इसलिए आज हम बताएँगे कि किन कारणों की वजह से यह परेशानियाँ होती हैं जिसे आप उचित रूप से इसका इलाज करा पायें, और पैरों में जलन की आयुर्वेदिक दवा जिसे आपके पैरों को राहत मिल सकती है।
इस विषय में आगे बढ़ने से पहले हम कुछ एसे कारणों कि ओर ध्यान देंगे जिसकी वजह से पैरों के तलवों में जलन जेसी समस्याएँ होती हैं।
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एलोवेरा में प्राकृतिक रूप से कुलिंग इफेक्ट्स होते हैं जो स्किन से जुडी समस्या में ज़्यादा काम आते हैं यही नहीं इसमें एंटी-इन्फ्लामेटरी प्रॉपर्टीज़ होते हैं, जो त्वचा पर हो रही जलन को कम करते हैं। बहुत बार ड्राई स्किन इस जलन को और भी बढ़ा सकते हैं जिसमे हमारी मदद इसमें मौजूद नेचुरल मॉइस्चराइज़र करता है, वो त्वचा को हाइड्रेट रखने में मदद करते हैं, जिसे तलवों में होने वाली जलन कम होने की संभावनाएं होती हैं। एलोवेरा कि मालिश से ब्लड सर्कुलेशन भी अच्छे से होता है, इसलिए यदि ब्लड सर्कुलेशन के कारण अगर जलन हो तो ये उस कारण से भी निवारण करता है।
जानकारी: कोशिश करें कि आप ओरिजिनल एलोवेरा जेल का इस्तमाल करें जो डायरेक्ट एलोवेरा से मिलता है, जिसमें किसी भी प्रकार के केमिकल और फ्रेग्रेंस का इस्तमाल न हुआ हो।
ठन्डे पानी में पैर डालने से हमें ये समझ आ जाता है कि हमारे पैरों को इससे ठंडक मिलती है। पर इसके और भी फायदे हैं जो हमारी पैरों के तलवों में कि जलन की समस्या को दूर करने में मदद करती हैं, जेसे ठन्डे पानी से पैरों के नसों की गतिविधियाँ कम हो जाती है। जिसे टेम्पररी तोर पर जलन कम हो जाती है, इसे स्ट्रेस रिलीफ भी होता है क्योंकि ये नर्वस सिस्टम को आराम पहुंचाता है, और पानी से निकलने के बाद पैरों का ब्लड सर्कुलेशन भी बेहतर होता है।
जानकारी: अपने पैरों को कम से कम 15 से 20 मिनट तक ही ठन्डे पानी में रखें वरना स्किन डैमेज होने तक कि संभावनाएं आ सकती है।
नारियल तेल में नेचुरल कुलिंग इफेक्ट्स होते हैं और इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज और मोइस्च्रिन्ग बेनिफिट त्वचा में रूखापन कम करता है और त्वचा को राहत पहुँचाने में मदद करता है, नारियल तेल में एंटी माइक्रोबियल तत्व होते हैं जो फंगल इन्फेक्शन से बचाने में मदद करते हैं।
जानकारी: नारियल तेल की मालिश से पहले उसे थोडा गुनगुना गरम कर लें।
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हल्दी आयुर्वेद कि बहुत ही शक्तिशाली जड़ी-बूटीयोंं में से एक है जो अपने गुणों से बहुत सी समस्याओं का निवारण कर सकता हैं। हल्दी में मौजूद एंटी इंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज जलन को कम करने में मदद करते हैं और इसे पैन रिलीफ के लिए भी बहुत अच्छा माना जाता है क्योंकि ये नसों को डैमेज होने से रोकता है और जलन जैसी असुविधा से राहत पहुंचाता है।
जानकारी: आप हल्दी का प्रयोग किसी भी प्रकार से कर सकते हैं, सीधा अपने पैर के तलवों में लगा कर या ढूध में मिलाकर पिने से, पर ध्यान रखें एक उचित मात्रा में ही इसका सेवन करें।
एक अच्छा खान पान आपके शरीर को हर तरह से मजबूत बनाता है जिसे आपके शरीर में नुट्रीएन्ट्स की कमी पूरी होती है और बॉडी को वो सभी पोषक तत्व मिलते हैं जो मिलने चाहिए जिसे एसी सभी समस्या कम हो जाती हैं।
निष्कर्ष
इस आर्टिकल के द्वारा आज हमने जाना कि, कैसे आयुर्वेदिक दवा और आसान से समाधानों से आप अपने पैरों के तलवों में हो रही जलन से आराम पा सकते हैं,यदि आप इस समस्या से परेशान हैं या किसी को भी आप हमारी दी गई सलाह देते हैं तो इन सभी उपायों को एक उचित मात्रा में ही प्रयोग में लायें और ज़्यादा समस्या होने पर चिकित्षक से ज़रूर सलाह लें।
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FEB 23,2022 - FEB 22,2025