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पुरानी लिकोरिया की दवा

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पुरानी लिकोरिया की दवा

पुरानी लिकोरिया की दवा - Leucorrhoea Ki Dawa

लिकोरिया क्या है? 

लिकोरिया या ल्यूकोरिया (Leukorrhea) एक सामान्य स्थिति है, जिसे श्वेत प्रदर या सफेद पानी आना (White Discharge) भी कहते हैं। यह एक सामान्य स्थिति है, जिससे कभी न कभी हर महिला प्रभावित होती है। आमतौर पर लिकोरिया में योनि से सफेद रंग का गाढ़ा और चिपचिपा पदार्थ निकलना शामिल है। कई बार अनुपचारित रहने या देर से उपचार करने पर लिकोरिया योनि में खुजली, जलन, और बेचैनी का कारण बन सकती है। हालांकि, कुछ उपचार विकल्पों से इसका उपचार या रोकथाम संभव है। इस ब्लॉग में आप पुरानी लिकोरिया की दवा (Leucorrhoea Ki Dawa)के बारे में जानेंगे। साथ ही हम इसके लक्षणों और कारणों पर भी चर्चा करेंगे। 

लिकोरिया के लक्षण 
लिकोरिया के कुछ लक्षण नीचे दिए गए हैं:

  • सफेद या पीला स्राव- लिकोरिया में योनि से सफेद या पीला स्राव होना सामान्य है। 
  • गंधयुक्त या झागदार स्राव- कई बार स्राव गंधयुक्त या झागदार भी हो सकता है। 
  • योनि में खुजली- लिकोरिया की समस्या में महिलाओं को खुजली का अनुभव हो सकता है। 
  • पीठ या पेट में दर्द- लिकोरिया से पीड़ित लोगों को पीठ या पेट में दर्द की समस्या हो सकती है। 
  • पेशाब में जलन- पेशाब में जलन होना भी लिकोरिया का सामान्य लक्षण है।
  • अधिक या कम पेशाब आना- पेशाब की मात्रा में बदलाव भी लिकोरिया के लक्षणों में शामिल हैं। 
  • पाचन से संबंधित समस्या- लिकोरिया होने पर आपको कब्ज या दस्त जैसी पेट से जुड़ी समस्याएं हो सकती है। 
  • चक्कर आना- चक्कर आना या हल्का सिरदर्द भी लिकोरिया का लक्षण हो सकता है।
  • अनियमित मासिक धर्म- लिकोरिया के कारण मासिक धर्म में अनियमितता हो सकती है।
  • शारीरिक कमजोरी- शारीरिक थकान या कमजोरी को पहचान कर भी आप लिकोरिया का निदान कर सकते हैं।  

                                                                                                                                               चिकित्सक सलाह के लिए फॉर्म भरें

लिकोरिया के कारण 
लिकोरिया के कई कारण हो सकते हैं, जैसे:

  • इंफेक्शन- फंगल, बैक्टीरियल या वायरल इंफेक्शन के कारण लिकोरिया की समस्या हो सकती है।
  • अस्वस्थ आहार- इससे आपकी इम्यूनिटी प्रभावित हो सकती है, जिससे लिकोरिया हो सकता है।
  • हॉर्मोनल परिवर्तन- हॉर्मोनल परिवर्तन जैसे गर्भावस्था या मासिक धर्म भी लिकोरिया का प्रमुख कारण हो सकते हैं।
  • अनियमित मासिक धर्म- अनियमित मासिक धर्म से भी लिकोरिया की समस्या हो सकती है।
  • मानसिक तनाव- मानसिक तनाव और चिंता से शरीर का हॉर्मोनल संतुलन प्रभावित हो सकता है।  
  • साफ-सफाई की कमी- योनि की अनुचित साफ-सफाई से भी इंफेक्शन और लिकोरिया का जोखिम बढ़ सकता है। 
  • कमजोर इम्यून सिस्टम- इम्यून सिस्टम में कमजोरी भी लिकोरिया की समस्या उत्पन्न कर सकती है।
  • शराब और धुम्रपान- अधिक शराब और धुम्रपान के सेवन से लिकोरिया हो सकता है। 
  • एलर्जिक प्रतिक्रिया- कुछ मामलों में आपको किसी उत्पाद या अन्य कारण से एलर्जिक प्रतिक्रिया हो सकती है, जिससे लिकोरिया की संभावना को बढ़ावा मिल सकता है।
  • सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन- सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन को लिकोरिया का अन्य कारण माना जाता है।
  • अन्य स्वास्थ्य समस्या- डायबिटीज, थायरॉयड या अन्य स्वास्थ्य समस्याएं भी लिकोरिया की समस्या हो सकती है।

लिकोरिया के प्रकार - 
लिकोरिया के प्रमुख प्रकार निम्नलिखित हैं:

  1. फिज़िकल लिकोरिया- लिकोरिया का यह प्रकार तनाव, अत्यधिक शारीरिक गतिविधि या हार्मोनल असंतुलन जैसे शारीरिक कारणों से उत्पन्न होता है।

  2. इंफ्लेमेटरी लिकोरिया- इस प्रकार का लिकोरिया प्रमुख तौर पर बैक्टीरियल या फंगल इंफेक्शन और सूजन के कारण होता है।

लिकोरिया के लिए घरेलू उपाय 

लिकोरिया का इलाज कई कारकों पर निर्भर करता है। लेकिन, कई तरीकों से आप इसे या नियंत्रित या लक्षणों को कम कर सकते हैं, जैसे:

  • पर्याप्त पानी पीना - लिकोरिया का प्राकृतिक इलाज करने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना जरूरी है। इससे शरीर डिटॉक्स होता है और इंफेक्शन का जोखिम कम होता है। 

  • स्वच्छता बनाए रखना -योनि की उचित साफ-सफाई से भी लिकोरिया के लक्षणों से राहत मिल सकती है। इसके लिए हल्के साबुन का उपयोग करें और कठोर रसायन से बचें। 

  • संतुलित आहार का सेवन - लिकोरिया के उपचार के दौरान स्वस्थ और संतुलित आहार का सेवन करें। इसमें विटामिन, प्रोटीन और फाइबर शामिल होते हैं। यह इम्यूनिटी को बढ़ावा देते हैं और इंफेक्शन से लड़ने की क्षमता प्रदान करते हैं।

  • जीवनशैली में बदलाव - जीवनशैली में कुछ बदलाव करना भी लिकोरिया के इलाज का अन्य प्रभावी तरीका है। इसके लिए आप तनाव कम करने और पर्याप्त नींद लेने जैसे उपाय कर सकते हैं। 

  • नियमित योग और ध्यान - नियमित योग और ध्यान से भी लिकोरिया के लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है। इससे तनाव कम होता है और शारीरिक संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है।

                                                                                                                                               चिकित्सक सलाह के लिए फॉर्म भरें   

पुरानी लिकोरिया की दवा

  • चोबचीनी- यह एक आयुर्वेदिक औषधि है, जिससे लिकोरिया का प्रभावी उपचार संभव है। इसमें एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल होते हैं, जो इंफेक्शन को कम कर सकते हैं। 

          उपयोग- आप इसका काढ़ा पी सकते हैं या इसे पाउडर के रूप में भी ले सकते हैं।

  • त्रिफला- लिकोरिया के इलाज में त्रिफला का सेवन भी बहुत फायदेमंद हो सकता है। इस आयुर्वेदिक मिश्रण में आंवला, हरड़ और बहेड़ा जैसी जड़ी-बूटी होती हैं। कई पोषक तत्वों से भरपूर त्रिफला से शरीर डिटॉक्स होता है और पाचन में सुधार होता है, जिससे इंफेक्शन कम हो सकता है।     

         उपयोग- 1 चम्मच त्रिफला पाउडर को गुनगुने पानी के साथ ले सकते हैं। 

  • आंवला- आंवला विटामिन-C का सबसे अच्छा स्रोत है। इसके नियमित सेवन से इम्यूनिटी को बढ़ावा मिलता है। साथ ही इससे शरीर को इंफेक्शन से लड़ने की क्षमता प्राप्त होती है।  

          उपयोग- आप इसे कच्चा खा सकते हैं। साथ ही आंवला का सेवन मुरब्बा, आचार, चूर्ण या जूस के रूप में भी किया जा सकता है।

  •  शतावरी- शतावरी का सेवन भी लिकोरिया के इलाज में मदद मिल सकती है। यह आयुर्वेदिक दवा हॉर्मोन्स को संतुलित करती है। साथ ही इससे सफेद पानी की समस्या में सुधार होता है। 

          उपयोग- आप चुर्ण के रूप में शतावरी का सेवन कर सकते हैं।  

  • गोक्षुर- गोक्षुर का सेवन भी आपको लिकोरिया की समस्या से छुटकारा दिला सकता है। इसमें मौजूद तत्व सूजन और इंफेक्शन को नियंत्रित करते हैं। साथ ही यह खून को साफ और लिकोरिया की समस्या को कम करते हैं।

          उपयोग- डॉक्टर द्वारा सुझाई गई मात्रा के अनुसार गोक्षुर के चूर्ण का सेवन करें। 

  • नीम- नीम में एंटीवायरल, एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं। यह शरीर से अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालते हैं और आपको इंफेक्शन से राहत प्रदान करते हैं।  

          उपयोग- नीम के पत्तों को पानी में उबालकर या इसका काढ़ा बनाकर पी सकते हैं। 

निष्कर्ष 
अगर आप भी पुरानी लिकोरिया की दवा जानना चाहते हैं, तो यह ब्लॉग पोस्ट आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है। हालांकि, आप केवल इन उपायों पर निर्भर न रहें और कोई भी उपचार विकल्प चुनने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर लें। सेहत से जुड़े ऐसे ही ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें आयु कर्मा के साथ।


                                                                                                                                           चिकित्सक सलाह के लिए फॉर्म भरें


 

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