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पायरिया मसूड़ों की एक आम और गंभीर समस्या है, जिसे पीरियोडोंटाइटिस भी कहते हैं। आमतौर पर यह समस्या बैक्टीरियल इंफेक्शन या साफ सफाई की कमी के कारण होती है, जिसका प्रभाव आपके दांतों और मसूड़ों पर पड़ता है। शुरुआत में इस स्थिति को गिंगिवाइटिस कहते हैं, जो मसूड़ों की सूजन, ब्लीडिंग और इंफेक्शन से शुरू होती है। हालांकि, नजरअंदाज करने पर यह पायरिया जैसी बीमारी का कारण बन सकती है। पायरिया में आपके मसूड़ों पर प्लाक जमने लगता है, जो समय से इलाज नहीं करने पर दांतों के गिरने का कारण भी बन सकता है। इस ब्लॉग में हम पायरिया को जड़ से इलाज करने पर चर्चा करेंगे।
पायरिया के लक्षणों में निम्नलिखित शामिल हैं:
कई कारणों से आपको पायरिया की समस्या हो सकती है, जैसे:
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पायरिया के तीन प्रमुख प्रकार हैं, जिनमें शामिल हैं:
पायरिया मसूड़ों की एक ऐसी समस्या है, जो इलाज नहीं होने पर ज्यादा गंभीर हो सकती है। हालांकि, दातों की देखभाल और कुछ उपचार विकल्प पायरिया या दातों से जुड़ी किसी भी समस्या से बचाव और इसके लक्षणों को कम करने में फायदेमंद हो सकते हैं। ऐसे ही कुछ उपचार विकल्प नीचे दिए गए हैं:
नमक के पानी से गार्गल करने पर मसूड़ों में सूजन और दर्द से राहत मिलती है। साथ ही यह एंटीबैक्टीयल उपचार मसूड़ों के इंफेक्शन को कम करता है और आपको पायरिया के जोखिम से बचाता है।
इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं। यह मसूड़ों को मजबूत बनाने, सूजन घटाने, दर्द से राहत पाने और इंफेक्शन को ठीक का करने का प्रभावी उपचार है, जिससे पायरिया के लक्षणों को कम किया जा सकता है।
कैल्शियम और विटामिन-सी का सेवन पायरिया के इलाज में मदद कर सकता है। यह सिर्फ मसूड़ों और दांतों को मजबूत ही नहीं बनाते, बल्कि आपको पायरिया से भी बचाते हैं। इससे मसूड़ों की सूजन कम होती है और मसूड़े स्वस्थ बने रहते हैं। कैल्शियम दूध, दही, पनीर, हरी पत्तेदार सब्जियों, नट्स, बीज और फलों का सेवन कर सकते हैं। जबकि, आंवला, संतरे, नींबू और अन्य खट्टे फल विटामिन-सी का सबसे अच्छा स्रोत हैं।
पायरिया के इलाज में लौंग का पेस्ट प्राकृतिक और प्रभावी घरेलू उपचार है। लौंग का पेस्ट एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीबैक्टीरियल और एनाल्सेजिक गुणों से समृद्ध होता है, जो आपको मसूड़ों की बदबू, दर्द, सूजन और इंफेक्शन की समस्या में राहत प्रदान करता है।
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नीम और तुलसी दोनों ही एंटीबैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होते हैं। इसके नियमित उपयोग से मसूड़ों में इंफेक्शन की समस्या और पायरिया के लक्षणों को कम किया जा सकता है।
नारियल के तेल में एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो पायरिया के लक्षणों को कम करने में प्रभावी हैं। इसके लिए सुबह खाली पेट 10-15 मिनट 1 चम्मच नारियल के तेल को मुंह में रखकर स्काइशिंग करें और मुंह को पानी से धो लें। इससे आपके मसूड़ों को स्वस्थ बनाया जा सकता है।
लहसुन और जैतून का तेल दोनों ही पायरिया के इलाज का असरदार उपाय हैं। इनमें एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं। इसके अलावा लहसुन में मौजूद एलिसिन, बैक्टीरियल इंफेक्शन को खत्म करता है और मसूड़ों से खून आने या सूजन जैसे पायरिया के लक्षण कम करता है।
पायरिया से बचाव के लिए मुलायम टूथब्रश से दांतों को रोजाना साफ करना अन्य बेहतरीन विकल्प है। इससे आपको मसूड़ों में सूजन, इंफेक्शन, खून आने और दांतों से जुड़ी समस्याओं में राहत मिल सकती है।
कुल मिलाकर, ब्लॉग में बताए गए उपचार विकल्प पायरिया को जड़ से इलाज में बहुत फायदेमंद हो सकते हैं। हालांकि, आप केवल इन उपायों पर निर्भर न रहें और कोई भी उपचार चुनने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर लें। और सेहत से जुड़े ऐसे ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें आयु कर्मा के साथ।
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FEB 23,2022 - FEB 22,2025