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जोड़ों के दर्द का आयुर्वेदिक इलाज

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जोड़ों के दर्द का आयुर्वेदिक इलाज

जोड़ों का दर्द एक सामान्य लेकिन बहुत ही कष्टदायक समस्या है, जो केवल उम्र बढ़ने की वजह से ही नहीं बल्कि जीवनशैली में बदलाव, या फिर किसी पुराने रोग के कारण उत्पन्न हो सकती है। साथ ही यह दर्द दैनिक गतिविधियों में बाधा डालता है और जीवन की गुणवत्ता को भी प्रभावित करता है। बहुत से लोग इस दर्द से जल्दी छुटकारा पाने के लिए आधुनिक दवाइयों का इस्तेमाल करना शुरू कर देते हैं, पर बहुत बार इन दवाइयों के साइड इफेक्ट भी होने लगते हैं। पर आयुर्वेद इस समस्या का जड़ से समाधान देने का दावा करती है। आज इस आर्टिकल में हम जोड़ों के दर्द का आयुर्वेदिक इलाज के बारे में बताएंगे साथ ही इसके लक्षणों और कारणों के बारे में बताएंगे। 

जोड़ों के दर्द के लक्षण 

  • जोड़ों में अकड़न

  • जोड़ों में सूजन

  • लालिमा

  • थकान और कमजोरी

  • चलने-फिरने में कठिनाई

  • जोड़ के आसपास गर्माहट

  • हल्की से ज़्यादा गतिविधि में तेज़ दर्द

जोड़ों के दर्द के कारण 

जोड़ों के दर्द का आयुर्वेदिक इलाज

  1. शल्लकी

  2. हल्दी 

  3. अश्वगंधा 

  4. गुग्गुलु

  5. निर्गुंडी

 

  1. शल्लकी - शल्लकी आयुर्वेद की एक प्रमुख औषधीय जड़ी-बूटी है, ये मुख्य रूप से हड्डियों, मांसपेशियों और जोड़ो से जुड़ी बीमारियों में उपयोग की जाती है। इसमें प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज, विशेष रूप से बोसवेलिक एसिड पाए जाते हैं, जो जोड़ो की सूजन, दर्द और जकड़न को प्रभावी रूप से कम करते हैं। इसलिए ऑस्टियोआर्थराइटिस, रूमेटॉइड आर्थराइटिस और सायटिका जैसे रोगों में शल्लकी अत्यंत लाभकारी मानी गई है। यह न केवल दर्द कम करती है बल्कि जोड़ों के घिसे हुए कार्टिलेज को पुनर्जीवित करने में भी सहायता करती है, जिससे जोड़ों की गतिशीलता बेहतर होती है और व्यक्ति पुनः सामान्य रूप से चल-फिर सकता है। इसलिए जोड़ों की मजबूती के लिए आयुर्वेदिक नुस्खे में हम शल्लकी का इस्तेमाल कर सकते हैं। 

    शल्लकी

  2. हल्दी - हल्दी को लगभग हर घर में इस्तेमाल किया जाता है, पर इसका फायदा केवल स्वाद या रंगों में ही नहीं बल्कि स्वास्थ्य पर भी बहुत असर पड़ता है।  हल्दी में पाया जाने वाला मुख्य सक्रिय कॉमपोनेन्ट करक्यूमिन होता है, जो एक श्रेष्ठ एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट है। यह पदार्थ शरीर की उन प्रक्रियाओं को रोकता है जो जोड़ों में सूजन, अकड़न और दर्द का कारण बनती हैं। जो लोग गठिया, ऑस्टियोआर्थराइटिस, या रूमेटॉइड आर्थराइटिस जैसी समस्याओं से पीड़ित हैं, उनके लिए हल्दी एक प्राकृतिक राहत देने वाला उपाय बन सकती है। कुल मिलाकर, हल्दी एक ऐसी प्राकृतिक औषधि है जो जोड़ों के दर्द का न केवल लक्षणों से राहत देती है, बल्कि शरीर के भीतर गहराई से कार्य करके कारण को दूर करने में मदद करती है।
    हल्दी

  3. अश्वगंधा - अश्वगंधा एक अत्यंत प्रभावशाली और प्रतिष्ठित औषधि है और आयुर्वेद के अनुसार, जोड़ों का दर्द मुख्यतः वात दोष के कारण होता है। अश्वगंधा एक शक्तिशाली वातशामक औषधि है, जो वात को संतुलित करती है और इस प्रकार जोड़ों में होने वाली अकड़न, सूजन, और पीड़ा को दूर करती है। यह जोड़ो में चिकनाई बढ़ाकर घर्षण को कम करती है, जिससे चलने-फिरने में आसानी होती है। इसके अलावा एक और महत्वपूर्ण पक्ष यह है कि अश्वगंधा तनाव और नींद की कमी को भी कम करता है, जो कि कई बार जोड़ों के दर्द को और अधिक बढ़ा देते हैं। अश्वगंधा मानसिक तनाव को शांत करता है, जिससे शरीर की हीलिंग प्रक्रिया तेज होती है।
    अश्वगंधा

 

  1. गुग्गुलु - गुग्गुलु, आयुर्वेद की एक अत्यंत प्रभावशाली और प्राचीन औषधि है, और ऑस्टियोआर्थराइटिस और रूमेटॉइड आर्थराइटिस जैसी स्थितियों में गुग्गुलु अत्यंत प्रभावकारी है, क्योंकि यह जोड़ों में एकत्रित आम टॉक्सिन को बाहर निकालने का कार्य करता है। इसका एक और विशेष गुण है की, यह हड्डियों और ऊतकों के पुनर्निर्माण में मदद करता है। और क्षतिग्रस्त कोशिकाओं की मरम्मत करता है जिससे  शरीर की हीलिंग प्रक्रिया को तेज करता है। लंबे समय से जोड़ों के दर्द से ग्रस्त लोगों के लिए यह न केवल राहत देता है, बल्कि शरीर को पुनः शक्तिशाली बनाता है। इसलिए जोड़ों के दर्द की आयुर्वेदिक दवा में हम गुग्गुलु का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। 
    गुग्गुलु

 

  1. निर्गुंडी - निर्गुंडी खासतौर पर जोड़ों के दर्द, सूजन और अकड़न में निर्गुंडी की भूमिका बेहद प्रभावशाली होती है। इसमें ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो शरीर में मौजूद सूजन और दर्द को कम करने में सहायक होते हैं। यह प्राकृतिक रूप से एक शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी औषधि है, जो जोड़ो की सूजन को घटाकर दर्द को कम करती है। इसके साथ ही, यह जोड़ों की जकड़न और अकड़न को दूर करने में भी मदद करती है, जिससे व्यक्ति की गतिशीलता बढ़ती है और उसे चलने-फिरने में आसानी होती है।

 

आज इस आर्टिकल में हमने बताया जोड़ों के दर्द का आयुर्वेदिक इलाज, और आपने जाना की कैसे कुछ आयुर्वेदिक उपचार से इस समस्या में आपके काम आ सकते हैं, लेकिन आप केवल इन सुझावों पर निर्भर ना रहें समस्या अगर ज्यादा गंभीर है, तो डॉक्टर से संपर्क जरूर करें, और ऐसे ही आर्टिकल और ब्लॉग्स के लिए जुड़े रहें आयु कर्मा के साथ।




 

FAQ

 

  • जोड़ों के दर्द के लिए सबसे अच्छी जड़ी बूटी कौन सी है? 
    जोड़ों के दर्द के लिए शल्लकी सबसे अच्छी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी मानी जाती है। यह सूजन और दर्द दोनों को प्रभावी रूप से कम करती है।
     
  • नसों के लिए कौन सी आयुर्वेदिक दवा सबसे अच्छी है? 
    नसों के लिए ब्राह्मी और शतावरी आयुर्वेद में सबसे अच्छी दवा मानी जाती हैं। ये नसों को मजबूत और दिमाग को तेज़ बनाती हैं।
     
  • जोड़ों में तेज दर्द का रामबाण उपचार क्या है?
    जोड़ों में तेज दर्द के लिए हल्दी और काली मिर्च का सेवन, साथ ही शल्लकी लेना रामबाण इलाज है। इसके साथ जोड़ो पर गरम तेल से मालिश भी तुरंत राहत देती है।

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