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किडनी स्टोन का आयुर्वेदिक इलाज

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किडनी स्टोन का आयुर्वेदिक इलाज 

आज कल के समय में किडनी स्टोन एक सामान्य लेकिन बहुत गंभीर स्वास्थ्य समस्या है। जिस पर जल्द ही ध्यान देना बहुत जरूरी होता है, ये तब होता है जब शरीर में मौजूद मिनरल्स और नमक आपस में मिलकर छोटे-छोटे ठोस कणों का निर्माण करते हैं, जो धीरे-धीरे स्टोन का रूप ले लेते हैं। बहुत से लोग इसे जल्दी निवारण के लिए आधुनिक दवाइयों की मदद लेते हैं जो कहीं न कहीं बहुत से साइड इफेक्ट का कारण भी बन सकता है या बहुत बार सर्जरी का सहारा भी लिया जाता है, लेकिन आयुर्वेद एक प्राकृतिक और जड़ से उपचार प्रदान करने वाली चिकित्सा पद्धति है, जो बिना साइड इफेक्ट्स के इस समस्या का समाधान देने में सक्षम मानी जाती है। आज इस आर्टिकल में हम आपको किडनी स्टोन का आयुर्वेदिक इलाज के बारे में बताएंगे साथ ही इसके लक्षणों और कारणों पर भी ध्यान देंगे। 

किडनी स्टोन के लक्षण 

किडनी स्टोन के कारण 

किडनी स्टोन का आयुर्वेदिक इलाज 

  1. पाषाणभेद

  2. गोखरू

  3. वरुण

  4. भृंगराज

  5. पुनर्नवा

 

  1. पाषाणभेद - पाषाणभेद आयुर्वेदिक औषधियों में से एक प्रमुख औषधि है, इसे अक्सर अर्क या चूर्ण के रूप में लिया जाता है। ये किडनी स्टोन के इलाज में इसलिए भी उपयोगी मानी जाती है क्योंकि इसमें मूत्रल, एंटी इंफ्लेमेटरी और पथरी-भेदन गुण पाए जाते हैं। इसका नियमित सेवन स्टोन को धीरे-धीरे तोड़ने और उसे प्राकृतिक रूप से बाहर निकालने में सहायक होता है। पर ध्यान रखें इसका उपयोग किसी योग्य आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह से ही करना चाहिए, क्योंकि हर व्यक्ति का शरीर और स्थिति अलग होती है। अधिक मात्रा या गलत तरीके से सेवन नुकसानदायक हो सकता है।

    गोखरू

  2. गोखरू - गोखरू बहुत ही प्रभावी औषधि है जिसे किडनी स्टोन का आयुर्वेदिक इलाज के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इसके सेवन से मूत्र की मात्रा बढ़ती है, जिससे किडनी और मूत्र मार्ग में मौजूद विषैले पदार्थ और छोटे-छोटे स्टोन के टुकड़े प्राकृतिक रूप से बाहर निकल सकते हैं। इसलिए हम चाहें तो आयुर्वेदिक तरीके से किडनी स्टोन निकालना भी संभव ही सकता है। यह पेशाब में जलन, दर्द और बार-बार पेशाब आने जैसी समस्याओं को भी दूर करता है। इसमें ऐसे तत्व होते हैं जो यूरिक एसिड के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। यूरिक एसिड अधिक होने पर किडनी में स्टोन बनने की संभावना बढ़ जाती है, इसलिए इसे संतुलित करना जरूरी होता है। गोखरू गुर्दे की कार्यक्षमता को बेहतर बनाता है और पुनः स्टोन बनने की संभावना को कम कर सकता है। इसलिए आयुर्वेदिक तरीके से किडनी स्टोन निकालना हो तो हम गोखरू का इस्तेमाल कर सकते हैं। 
    वरुण

  3. वरुण - वरुण को किडनी स्टोन के इलाज के लिए एक अत्यंत प्रभावशाली और प्रमुख औषधि है। यह जड़ी-बूटी पथरी को अंदर से ढीला और कमजोर कर देती है, जिससे वह छोटे-छोटे टुकड़ों में टूट जाती है। फिर यह टुकड़े पेशाब के रास्ते शरीर से आसानी से बाहर निकल सकते हैं। इसके अलावा वरुण लीवर और किडनी को साफ करने वाला भी माना जाता है। यह मूत्रमार्ग में बैक्टीरिया की वृद्धि को रोकता है और संक्रमण से भी बचाता है। जिन लोगों को बार-बार पथरी बनती है, उनके लिए वरुण का नियमित सेवन एक प्राकृतिक सुरक्षा कवच जैसा काम करता है। इसलिए किडनी स्टोन से छुटकारा पाने के उपाय वरुण को बहुत फायदेमंद माना जाता है। 
    भृंगराज

  4. भृंगराज - भृंगराज मुख्य रूप से बालों और लीवर के लिए प्रसिद्ध है, पर अगर हम बात करें किडनी स्टोन की तो ये उसमें भी उपयोगी हो सकता है। क्योंकि इसमें प्राकृतिक तरीके से शरीर को डिटॉक्स करने की क्षमता होती है। यह लीवर और किडनी दोनों की सफाई करता है, जिससे किडनी में जमा हानिकारक तत्व धीरे-धीरे बाहर निकलते हैं और पथरी बनने की संभावना कम होती है। यह रक्त में यूरिक एसिड के स्तर को संतुलित करने में भी सहायक हो सकता है, जो कई बार स्टोन बनने का कारण होता है।

    पुनर्नवा

  5. पुनर्नवा - पुनर्नवा किडनी स्टोन के इलाज में एक बहुत ही प्रभावी और उपयोगी औषधि मानी जाती है। यह पेशाब की मात्रा और प्रवाह को बढ़ाती है, जिससे किडनी और मूत्रमार्ग में मौजूद पथरी के छोटे-छोटे कण आसानी से बाहर निकल सकते हैं और जब पेशाब खुलकर आता है, तो पथरी बनने के लिए जो खनिज जमा होते हैं, वे भी धुलकर बाहर निकल जाते हैं। साथ ही यह रक्त को भी शुद्ध करती है और किडनी को मजबूत बनाती है। जिन लोगों को बार-बार स्टोन बनने की समस्या होती है, उनके लिए पुनर्नवा एक सुरक्षात्मक जड़ी-बूटी का काम करती है। यह यूरिक एसिड के स्तर को भी नियंत्रित करती है, जो अक्सर स्टोन का कारण बनता है।

आज इस आर्टिकल में हमने बताया किडनी स्टोन का आयुर्वेदिक इलाज, और आपने जाना की कैसे कुछ आयुर्वेदिक उपचार से इस समस्या में आपके काम आ सकते हैं, लेकिन आप केवल इन सुझावों पर निर्भर ना रहें समस्या अगर ज्यादा गंभीर है, तो डॉक्टर से संपर्क जरूर करें, और ऐसे ही आर्टिकल और ब्लॉग्स के लिए जुड़े रहें आयु कर्मा के साथ।

 

FAQ

 

  • किडनी स्टोन के लिए सबसे अच्छी आयुर्वेदिक दवा कौन सी है? 
    किडनी स्टोन के लिए प्रभावी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ हैं पुनर्नवा, गोक्षुर, वरुण, पाषाणभेद और कुल्थी दाल। ये मूत्रमार्ग को साफ करने, पथरी को तोड़ने और दर्द से राहत देने में मदद करती हैं। उपयोग से पहले किसी आयुर्वेदिक विशेषज्ञ की सलाह लेना ज़रूरी है।
     
  • पथरी गलाने के लिए कौन सी देसी दवा है? 
    पथरी गलाने के लिए प्रमुख देसी जड़ी-बूटियाँ हैं वरुण, पाषाणभेद, गोक्षुर, पुनर्नवा और कुल्थी दाल। ये मूत्रमार्ग को साफ कर पथरी को धीरे-धीरे घोलने में मदद करती हैं। प्रयोग से पहले वैद्य से सलाह लें।
     
  • कौन सी दाल खाने से पथरी गल जाती है?
    कुल्थी दाल खाने से पथरी गलने में मदद मिलती है। यह मूत्रवर्धक होती है और पथरी को बाहर निकालने में सहायक होती है।
     
  • पथरी गलाने वाला पौधा कौन सा है? 
    पाषाणभेद पौधा पथरी गलाने में सबसे प्रभावी माना जाता है।

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