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गुर्दे की पथरी यानी किडनी स्टोन एक सामान्य समस्या है, जिसमें किडनी के अंदर क्रिस्टल जमा हो जाते हैं और पथरी बन जाते हैं। यह पथरी किडनी से पेशाब की नली (URINARY TRACT) में चली जाती है और दर्द का कारण बनती है। हालांकि, कुछ घरेलू उपचार से गुर्दे की पथरी को निकाला जा सकता है। साथ ही इनसे गुर्दे में सूजन, गुर्दे में जलन और पथरी से होने वाली अन्य समस्याओं का उपचार भी संभव है। इस ब्लॉग में आप जानेंगे कि गुर्दे की पथरी कैसे निकाले? साथ ही हम गुर्दे की पथरी के लक्षण और कारणों पर भी चर्चा करेंगे।
गुर्दे की पथरी के लक्षणों में निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं:
गुर्दे की पथरी के कई कारण हो सकते हैं, जैसे:
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गुर्दे की पथरी का इलाज करने के लिए कई तरीके हैं। हालांकि, उपचार का सही विकल्प पथरी के आकार, स्थान और प्रकार पर निर्भर करता है। ऐसे ही कुछ प्राकृतिक और प्रभावी उपचार विकल्प इस प्रकार हैं:
नींबू में साइट्रिक एसिड की उच्च मात्रा होती है, जो पथरी को तोड़ने और घुलने में फायदेमंद हो सकता है। साथ ही नींबू में विटामिन-सी और ड्यूरेटिक्स होते हैं, जिससे पथरी को शरीर से बाहर निकालने में मदद मिलती है। जबकि, कैलोरी और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर जैतून का तेल लुब्रीकेंट का काम करता है। जैतून के तेल का सेवन पेशाब की नली को चिकना करता है, जिससे पथरी बिना दर्द के आसानी से निकल सकती है।
गुर्दे की पथरी को निकालने और इसके दोबारा होने की संभावना को रोकने के लिए सेब का सिरका एक प्राकृतिक और प्रभावी उपचार विकल्प हो सकता है। एसिटिक एसिड से भरपूर सेब का सिरका पथरी को छोटे टुकड़ों में तोड़ता है। जबकि, उसके ड्यूरेटिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण शरीर से पथरी को निकालने और सूजन कम करने में फायदेमंद हो सकते हैं। इसके अलावा सेब के सिरके का नियमित सेवन गुर्दे की पथरी बनने की प्रक्रिया को भी धीमा करता है।
तुलसी के पत्तों में एसीटिक और साइट्रिक एसिड होता है, जिससे पथरी को तोड़ने और उसे छोटे टुकड़ों में विभाजित करने में मदद मिल सकती है। तुलसी में ड्यूरेटिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण के साथ-साथ विटामिन-सी, विटामिन-ए, आयरन और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व होते हैं। इनसे गुर्दे की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाने और पथरी की संभावना को कम करने में मदद मिलती है। हालांकि, तुलसी के ज्यादा सेवन से एसीडिटी या अन्य समस्या हो सकती है। ऐसे में आपको इसका सीमित मात्रा में ही सेवन करना चाहिए।
हर्बल चाय सिर्फ स्वाद ही नहीं होती, बल्कि यह आपके स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है। प्राकृतिक गुणों से भरपूर हर्बल चाय आपको मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रखती है। इसके लिए आप ग्रीन टी, कैमोमाइल, तुलसी, पुदीना, लेमनग्रास और अदरक की चाय का सेवन कर सकते हैं। हर्बल चाय के इन विकल्पों में एंटीऑक्सीडेंट्स और इम्यून बूस्टिंग गुण होते हैं। इनके उपयोग से शरीर का इम्यून सिस्टम बूस्ट होता है और किडनी के साथ-साथ आपके समग्र स्वास्थ्य में सुधार होता है।
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पपीता विटामिन-ए, विटामिन-सी और बायोफ्लेवोनोइड्स जैसे एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है। यह किडनी में ऑक्सीडेटिव स्ट्रैस को करता है, जिससे किडनी की कोशिकाओं को नुकसान से बचाने और उनके कार्यों को सुधारने में मदद मिलती है। साथ ही पपीते का सेवन यूरिक एसिड के नियंत्रण, पाचन को सुधारने, टॉक्सिंस को शरीर से बाहर निकालने, हाइड्रेशन बनाए रखने और गुर्दे की पथरी को निकालने में फायदेमंद हो सकता है। हालांकि, कुछ लोगों के लिए पपीते का ज्यादा सेवन नुकसानदायक हो सकता है।
अधिक मात्रा में पानी पीने से पथरी का आकार छोटा होता है, जिससे गुर्दे की पथरी पेशाब की नली से बाहर निकल सकती है। इसके लिए रोज़ाना कम से कम 8-10 गिलास पानी पीने की कोशिश करें।
गुर्दे से संबंधित समस्या के लिए आहार में बदलाव करना बहुत जरूरी है। इसके लिए आप कम नमक वाले भोजन और कैल्शियम का संतुलित सेवन कर सकते हैं। साथ ही नींबू, संतरा, आंवला, स्ट्रॉबेरी और तरबूज जैसे कुछ फल गुर्दे की पथरी को घुलाने और शरीर से बाहर निकालने में मदद करते हैं। इससे गुर्दे की पथरी के जोखिम को भी कम किया जा सकता है।
कई बार मानसिक तनाव के कारण शरीर में असंतुलन उत्पन्न हो सकता है, जो गुर्दे की पथरी का प्रमुख जोखिम कारक हो सकता है। हालांकि, योग, ध्यान और नियमित व्यायाम से तनाव को कम करने और गुर्दे के स्वास्थ्य को लंबे समय तक बनाए रखने में मदद मिल सकती है।
अगर आप भी यह जानना चाहते हैं कि गुर्दे की पथरी कैसे निकाले?, तो यह ब्लॉग आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है। लेकिन, आप केवल इन उपायों पर निर्भर न रहें और गुर्दे की पथरी के लिए डॉक्टर से परामर्श लें। सेहत से जुड़े ऐसे ही ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें आयु कर्मा के साथ।
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