AyuKarma Ayurveda

गांठ पिघलने की दवा

आपकी सभी स्वास्थ्य समस्याओं के लिए विशेषज्ञ स्वास्थ्य पेशेवरों द्वारा अनुशंसित आयुर्वेदिक उपचार, उपचार और सलाह

Get Best Ayurvedic Treatment

गांठ पिघलने की दवा

शरीर में बनने वाली गांठ अगर नस, मांसपेशी या हड्डी के पास होती है तो सूजने लगती है और कभी- कबार दर्द व्यक्ति के बर्दास्त से बाहर का हो सकता है । शरीर की ये गांठे चलने-फिरने,उठने -बैठने में दिक्कत देने लगती हैं। कुछ गांठ कैंसर जैसी गंभीर बीमारी को जन्म दे सकती हैं। इस वजह से लोग अक्सर शरीर की गांठ को लेकर मानसिक तनाव में आ जाते हैं, कि कहीं ये कैंसर की गांठ तो नहीं । कुल मिलाकर अक्सर शरीर में बनने वाली कोई भी गांठ लोगों के लिए सिरदर्दी बन जाती है। ऐसे में, शरीर में गांठ बनने का कारण और इलाज जानना आपके लिए जरूरी हो जाता है, इसलिए आज इस ब्लॉग में हम गांठ पिघलने की दवा के बारे में बात करेंगे। यहां गांठ को गलाने की देसी दवा के बारे में आपको जानकारी दी जाएगी। लेकिन इससे पहले आपका यह जानना जरूरी है कि शरीर में गांठ क्यों और कैसे बनती हैं। शरीर में गांठ बनने का मतलब मांसपेशी, स्किन , या इंटरनल टिशू में सूजन या उभार आ जाना होता है । शरीर में गांठ बनने के कई कारण हो सकते हैं जैसे -चोट लगना ,लिपोमा ,सिस्ट या फिर इन्फेक्शन। इसके अलावा थायरॉयड, हार्मोनल चेंजेस , गठिया, या ट्यूमर भी शरीर में गांठ बनने के कारण हो सकते हैं । गंभीर गांठों पर डॉक्टर  ऑपरेशन करने की सलाह देते हैं । लेकिन सिस्ट, फैट , लिपोमा जैसी ज्यादातर गांठ नॉर्मल होती हैं और ये बिना ऑपरेशन के ठीक हो सकती हैं। आज हम बिना ऑपरेशन गांठ खत्म करने की दवा आपको बताएंगे।

आयुर्वेद में गांठ पिघलने की दवा

1. कांचनार गुग्गुल-- आयुर्वेद की यह औषधि  गांठ, थायराइड की सूजन, ट्यूमर को कम करने की एक खास दवा है। इसमें कांचनार की छाल, गुग्गुल, त्रिफला, त्रिकटु , वरुण, दारूहल्दी जड़ी-बूटियों का मिश्रण होता है। कंचनार गुग्गुल गांठ की सूजन घटाकर, फैट गलाकर, खून साफ करके गांठ को बढ़ने से रोकती है और धीरे धीरे गांठ को  पिघलाती है।

2. त्रिफला चूर्ण -- त्रिफला का मतलब है तीन फलों का मिश्रण। जिसमें आंवला ,हरड़ , बहेरा शामिल हैं । इन तीनों को पीसकर जो पाउडर बनाया जाता है उसे त्रिफला कहते हैं। यह ब्लड को साफ कर स्किन को हेल्दी रखता है। शरीर से टॉक्सिक तत्वों को  बाहर निकाल सूजन को कम करता है। इसके अलावा त्रिफला गांठ को धीरे-धीरे गलाने में भी मदद करता है। त्रिफला चूर्ण फैट को कम करता है, इसलिए  यह चूर्ण फैटी लंप्स यानी लिपोमा जैसी गांठों में लाभकारी है। लिपोमा की दवा आयुर्वेद में कई तरह की हैं जैसे --वरुणादी क्वाथ, हल्दी और गिलोय, मंजिष्ठा आदि।
त्रिफला

3. गिलोय – गिलोय में सूजन कम करने वाले प्राकृतिक गुण होते हैं। यह गांठ की सूजन और उसके आसपास होने वाली कठोरता को कम करके गांठ को मुलायम करती है। गांठ बनने से शरीर में टॉक्सिन्स बन जाते हैं, जिससे इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है। गिलोय इम्यूनिटी बढ़ाती है, जिससे शरीर खुद गांठ को धीरे-धीरे गलाना शुरू करता है। गिलोय ब्लड से टॉक्सिन्स और कफ-दोष को दूर करके गांठ को बढ़ने से रोकती है। इसके अलावा गिलोय फैट को दूर करके फैटी गांठ को धीरे धीरे गलाती है। अगर गांठ में इन्फेक्शन या पस बनने अंदेशा रहता है, तो गिलोय के एंटी-बैक्टीरियल गुण उससे बचाव करते हैं।
गिलोय

4.हल्दी – इसमें प्राकृतिक रूप में ही एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-कैंसर गुण होते हैं, जो गांठ को धीरे धीरे गलाती और मुलायम करती है। इसलिए गांठ पिघलने की दवा के रूप में आप हल्दी वाला दूध पी सकते हैं। यह एक बेहतरीन गांठ को गलाने की देसी दवा है।
हल्दी

 

5. शिलाजीत-- ये देसी औषधि शरीर से टॉक्सिन्स और ज्यादा बने हुए फैट को बाहर निकालकर ब्लड को साफ करती है। यह सूजन कम करके और इम्यूनिटी पावर बढ़ाकर गांठ को धीरे-धीरे गलाने में मददगार है।
शिलाजीत

 

6. मंजिष्ठा -- एक आयुर्वेदिक औषधि है जिसे ब्लड साफ करने,  गांठ, सूजन जैसी समस्याओं में बहुत लाभकारी माना जाता है। इसके अलावा यह स्किन विकार दाग-धब्बे, खुजली, फोड़े-फुंसी को भी कम करती है

7.तेल मालिश -- गांठ की मालिश के लिए अरंडी का तेल सबसे असरदार माना जाता है, क्योंकि यह गांठ को मुलायम बनाकर सूजन घटाता है। धन्वंतरम तेल नसों और मांसपेशियों की गांठ में राहत देता है। वहीं तिल का तेल हल्दी मिलाकर लगाया जाए तो ब्लड साफ होता है और गांठ गलाने में मदद मिलती है। इसके अलावा छोटे साइज की गांठों में नारियल तेल में कपूर को मिलाकर लगाया जा सकता है।

मालिश

इन तेलों को हल्का गुनगुना करके रोजाना 10 से 15 मिनट हल्की मालिश करने से रोगी को धीरे-धीरे लाभ मिलता है। लेकिन ध्यान रहे ये मालिश तभी करें जब गांठ में तेज दर्द ,पस की शिकायत न हो या कैंसर का शक न हो। डॉक्टरी सलाह जरूर लें।

आज के इस ब्लॉग में हमने शरीर में होने वाली गांठ के समाधान को केंद्र में रखा है। हमने गांठ पिघलने की दवा के बारे में आपको जानकारी दी है। साथ ही लेख में सूक्ष्म रूप से यह भी बताया गया कि शरीर में गांठ क्यों और कैसे बनती है। इसके पीछे क्या कारण होता है? क्योकि कारणों को जानकर ही सही इलाज किया जा सकता है। आयु कर्मा सुझाव देता है कि किसी भी प्रकार की गांठ को नजरअंदाज न करें। गांठ में सूजन बढ़ती जा रही है ,लगातार तेज दर्द हो रहा है ,गांठ का साइज भी बढ़ रहा है तो बिना देरी किए आयुर्वेदिक एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह लें। उनके सलाह मशवरा से ही आप किसी भी उपचार को प्रयोग में लाएं। अपने शरीर और स्वास्थ्य को लेकर हमेशा सचेत और जागरूक रहें । बने रहिए आयु कर्म के साथ. मिलते हैं अगले ब्लॉग में कुछ और हेल्थ से जुड़ी नई जानकारियों के साथ।


 

FAQ

 

  • गांठ को गलाने के लिए क्या करें?
    गांठ गलाने के लिए आयुर्वेद में कंचनार गुग्गुल, गिलोय और त्रिफला जैसी दवाएँ उपयोगी मानी जाती हैं। अगर गांठ बढ़े या दर्द करे तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना ज़रूरी है।

  • कौन सी दवा गांठ को ठीक कर सकती है?
    आयुर्वेद में कंचनार गुग्गुल, त्रिफला चूर्ण, गिलोय, मंजिष्ठा और शिलाजीत जैसी औषधियाँ खून को साफ करती हैं और गांठ को गला सकती हैं।

  • गांठ के लिए कौन सी दवा सबसे अच्छी है?
    गांठ के लिए आयुर्वेद में कंचनार गुग्गुल सबसे अच्छी मानी जाती है, क्योंकि यह सूजन कम कर गांठ को गलाने में मदद करती है।

  • गांठ किसकी कमी से होती है?
    शरीर में चर्बी जमने , हार्मोनल गड़बड़ी, और नॉर्मल से ज्यादा सेल्स बढ़ने की वजह से गांठ बनती है ।  विटामिन-D, आयोडीन और फाइबर की कमी कुछ प्रकार की गांठों का जोखिम बढ़ा सकती है।

What Our Patients Says…..

Recent Blogs


गांठ पिघलने की दवा

शरीर में गांठ पिघलाने की देसी दवा | आयुर्वेदिक घरेलू नुस्खे ...

Aug 20 , 2025

नसों में गांठ का इलाज

नसों में गांठ का इलाज | घरेलू और आयुर्वेदिक उपाय ...

Aug 19 , 2025

घेंघा रोग में क्या नहीं खाना चाहिए

घेंघा रोग में क्या नहीं खाना चाहिए ...

Aug 18 , 2025

Approved by

Approved by

Certificate no- AH-2022-0145
FEB 23,2025 - FEB 22,2028