AyuKarma Ayurveda

गठिया बाई का आयुर्वेदिक इलाज

आपकी सभी स्वास्थ्य समस्याओं के लिए विशेषज्ञ स्वास्थ्य पेशेवरों द्वारा अनुशंसित आयुर्वेदिक उपचार, उपचार और सलाह

Get Best Ayurvedic Treatment

गठिया बाई का आयुर्वेदिक इलाज

गठिया यानी कि अर्थराइटिस की समस्या वात दोष के कारण होती है। इसमें सबसे ज्यादा समस्या जोड़ों के दर्द की बनी रहती है और ये बीमारी सर्दियों के मौसम में ज्यादा परेशान करती है। वैसे तो ये बीमारी ज्यादातर बड़े-बुजुर्गों में देखने को मिलती है, लेकिन आजकल खराब खान-पान के चलते युवा भी इस बीमारी के शिकार हो रहे हैं, लेकिन गठिया बाई का आयुर्वेदिक इलाज करके इस समस्या में राहत पाई जा सकती है।

गठिया के लक्षण

  • जोड़ों में सूजन आना
  • जोड़ों में दर्द रहना
  • एनीमिया
  • शरीर में खून की मात्रा कम होना

गठिया के कारण

  • बढ़ती हुई उम्र
  • धूम्रपान
  • पारिवारिक इतिहास
  • मोटापा बढ़ना
  • जोड़ों में पुरानी चोट

चिकित्सक सलाह के लिए फॉर्म भरें

गठिया बाई का आयुर्वेदिक इलाज

1. अदरक

अदरक - गठिया बाई का आयुर्वेदिक इलाज

अदरक में औषधीय गुण मौजूद होते हैं। ऐसे में इसे गठिया के दर्द में बहुत लाभकारी माना जाता है। अदरक के पेस्ट को जोड़ों पर लगा लें या अदरक का सेवन कर लें। इससे आपको बहुत लाभ होगा। अदरक को गठिया बाई का इलाज माना जा सकता है।

2. लहसुन

लहसुन - गठिया बाई का आयुर्वेदिक इलाज

लहसुन में डाइसल्फाइड एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं। इसे सरसों के तेल में अच्छे से गर्म करके उस तेल को जोड़ों पर लगाने से दर्द में आराम मिलता है। इस तेल से सूजन और दर्द दोनों में राहत मिल सकती है। इससे गठिया के दर्द से भी छुटकारा मिल सकता है।

3. हल्दी

हल्दी - गठिया बाई का आयुर्वेदिक इलाज

हल्दी में कई तरह के गुण मौजूद होते हैं। हल्दी को नारियल और सरसों के तेल में मिलाकर जोड़ों पर उसका लेप लगाने से बहुत आराम मिल सकता है। गठिया के मरीजों के लिए हल्दी बहुत ही गुणकारी साबित हो सकती है, क्योंकि इसमें करक्यूमिन नाम का तत्व होता है, जो शरीर के दर्द को भी खत्म करने में मदद कर सकता है। हल्दी को गठिया बाई का इलाज कहा जा सकता है।

4. बथुआ के पत्ते

बथुआ के पत्ते - गठिया बाई का आयुर्वेदिक इलाज

बथुए के ताजे पत्ते लेकर उसके रस को रोजाना पीने से गठिया की समस्या में आराम मिल सकता है। आप इसके पीने को रोजाना खाली पेट पिएं।

अभी फॉर्म भरें और विशेषज्ञ से परामर्श करें

5. शिरीष की छाल

शिरीष की छाल - गठिया बाई का आयुर्वेदिक इलाज

शिरीष की छाल गठिया बाई का इलाज करने में बेहद लाभकारी मानी जाती है। शिरीष की छाल का पाउडर बनाकर उसे पानी में पकाएं और छानकर पी लें। ऐसा रोजाना करने से जोड़ों के दर्द में बहुत आराम मिल सकता है।

6. सेंधा नमक

सेंधा नमक - गठिया बाई का आयुर्वेदिक इलाज

गठिया का इलाज करने के लिए सेंधा नमक को कड़वे तेल में भून लें। इसके बाद इस मिश्रण को पट्टी में लेकर बांध लें। इससे आपको जोड़ों के दर्द में बहुत आराम मिलेगा।

7. पंचकर्म

पंचकर्म - गठिया बाई का आयुर्वेदिक इलाज

पंचकर्म के द्वारा भी गठिया बाई का इलाज संभव है। इस उपचार को करने से शरीर को शुद्ध किया जा सकता है। कुछ पंचकर्म उपचार में अभ्यंगा, जणू वस्ति आदि शामिल हैं। इस उपचार में हर्बल पत्तों पर औषधीय तेल लगाकर प्रभावित जगह पर लगाने से राहत मिल सकती है।

निष्कर्ष

तो जैसा कि आपने जाना कि गठिया बाई का आयुर्वेदिक इलाज किस तरह से किया जा सकता है। ऐसे में इस उपचार को अपनाने से पहले आप एक बार अपने डॉक्टर से सलाह जरूर कर लें, क्योंकि डॉक्टर आपकी रिपोर्ट्स देखकर बेहतर तरीके से बता पाएंगे कि आपके लिए ये उपचार ठीक है या नहीं। 

अगर आपको भी गठिया बाई या उससे जुड़ी किसी तरह की दिक्कत महसूस हो रही है, तो आप अपना इलाज आयु कर्मा में आकर करवा सकते हैं। आयु कर्मा डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना पूर्णतः प्राचीन भारतीय आयुर्वेद के सहारे से किडनी फेल्योर का इलाज कर रहा है। यहां न सिर्फ किडनी से जुड़ी बीमारियों का इलाज किया जाता है, बल्कि कई अन्य बीमारी जैसे कि कैंसर, ल्यूकोडर्मा, सोरायसिस, क्रिएटिनिन, प्रोटीन्यूरिया आदि बीमारियों का इलाज भी किया जाता है।

अभी फॉर्म भरें और विशेषज्ञ से परामर्श करें

Approved by

Approved by

Certificate no- AH-2022-0145
FEB 23,2022 - FEB 22,2025