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क्रिएटिनिन को कम करने के लिए आयुर्वेदिक दवा

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क्रिएटिनिन को कम करने के लिए आयुर्वेदिक दवा

आज कल के समय में असंतुलित खान-पान, खराब जीवनशैली और बढ़ते स्ट्रेस की वजह से किडनी से जुड़ी परेशानियाँ आम होती जा रही हैं। और इन सभी परेशानियों का एक प्रमुख संकेत शरीर में क्रिएटिनिन के स्तर का बढ़ना भी है, अगर हम बात करें क्रिएटिनिन की तो क्रिएटिनिन एक अपशिष्ट पदार्थ होता है, जो मांसपेशियों की कार्यप्रणाली के दौरान बनता है और पेशाब के जरिए शरीर से बाहर निकल जाता है। लेकिन जब किडनी ठीक से काम नहीं करती, तो इसका स्तर खून में बढ़ने लगता है, जो आगे चलकर गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। बहुत से लोग आधुनिक चिकित्सा की भी मदद लेते हैं, पर ऐसी स्तिथि में आयुर्वेद एक प्राकृतिक और सुरक्षित विकल्प के रूप में उभरकर सामने आया है जो किसी भी समस्या की जड़ तक जाकर उस समस्या को पूरी तरह ठीक करने की कोशिश करता है, आज इस आर्टिकल में हम क्रिएटिनिन को कम करने के लिए आयुर्वेदिक दवा के बारे में बताएंगे साथ ही इसके लक्षणों और कारणों पर भी ध्यान देंगे

क्रिएटिनिन के लक्षण 

  • मिचली और उल्टी

  • कमजोरी और  थकान 

  • सांस लेने में तकलीफ

  • भूख में कमी

  • पेशाब की समस्या 

  • पैरों, टखनों और चेहरे पर सूजन 

क्रिएटिनिन के कारण 

  • उच्च रक्तचाप

  • मधुमेह

  • शरीर में पानी की कमी

  • मूत्रमार्ग में रुकावट

  • कुछ विशेष दवाएं

  • मांसपेशियों के टूटना 

क्रिएटिनिन का आयुर्वेदिक इलाज

  1. वरुण - वरुण एक प्रमुख जड़ी-बूटी है, जो खास तौर पर पेशाब से जुड़ी समस्याओं के इलाज में उपयोग किया जाता है। यह किडनी को अतिरिक्त अपशिष्ट और जल को बाहर निकालने में भी मदद करता है। जब शरीर में क्रिएटिनिन का स्तर बढ़ जाता है, तो इसका सीधा अर्थ है कि किडनी विषैले पदार्थों को पूरी तरह से बाहर नहीं निकाल पा रही है। वरुण किडनी की सफाई प्रक्रिया को बेहतर बनाकर क्रिएटिनिन के स्तर को धीरे-धीरे कम करने में सहायक होता है।

    वरुण plant

  2. गोखरू - गोखरू क्रिएटिनिन का आयुर्वेदिक इलाज के रूप में अत्यंत लाभकारी माना जाता है। इसमें नैचुरल मूत्रवर्धक गुण होते हैं, जो शरीर में जमे हुए अतिरिक्त तरल और विषैले पदार्थों को मूत्र के माध्यम से बाहर निकालने में मदद करते हैं। जब किडनी की कार्यक्षमता कमजोर हो जाती है, तो शरीर में क्रिएटिनिन जैसे अपशिष्ट पदार्थ जमा होने लगते हैं। गोखरू इस स्थिति में किडनी को सक्रिय करके इसके फिल्टरिंग कार्य को सुधारता है और क्रिएटिनिन के स्तर को धीरे-धीरे कम करने में मदद करता है।

    गोखरू

  3. पुनर्नवा - पुनर्नवा किडनी क लिए अत्यंत लाभकारी होता है, इसके प्रमुख गुणों में इसका मूत्रवर्धक प्रभाव शामिल है। यह शरीर में जमे हुए अपशिष्ट, अतिरिक्त जल और टॉक्सिन्स को पेशाब के माध्यम से बाहर निकालने की प्रक्रिया को तेज करता है। यह क्रिएटिनिन और यूरिया जैसे अपशिष्ट पदार्थों को शरीर से बाहर करने में मदद करता है, जिससे इनका रक्त में स्तर धीरे-धीरे घटने लगता है। साथ ही यह जड़ी-बूटी विशेष रूप से उन लोगों के लिए उपयोगी होती है जिन्हें पैरों, चेहरे या शरीर में सूजन, बार-बार पेशाब की समस्या, थकावट और भूख की कमी जैसी शिकायतें होती हैं—जो सभी क्रिएटिनिन बढ़ने के सामान्य लक्षण हैं।

    पुनर्नवा

  4. गिलोय - गिलोय आयुर्वेद की एक अत्यंत महत्वपूर्ण औषधि है, इसमें प्राकृतिक डिटॉक्सिफाइंग गुण होते हैं, जो शरीर में जमा विषैले तत्वों को बाहर निकालने में मदद करते हैं। यह रक्त को शुद्ध करता है और किडनी को बेहतर ढंग से फिल्टर करने में सहायता करता है। जब किडनी अच्छे से टॉक्सिन्स को बाहर निकाल पाती है, तो रक्त में क्रिएटिनिन का स्तर धीरे-धीरे कम होने लगता है। यही नहीं ये मानसिक तनाव और थकावट को भी कम करता है, जो अक्सर क्रोनिक किडनी रोगों से जुड़े होते हैं। इसलिए गिलोय किडनी की सफाई के लिए आयुर्वेदिक दवा है।
    गिलोय

  5. तुलसी - तुलसी को क्रिएटिनिन के स्तर को नियंत्रित करने और किडनी की कार्यक्षमता को सुधारने में एक प्रभावी प्राकृतिक उपाय मानी जाती है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट तत्व शरीर की कोशिकाओं को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाते हैं, जिससे किडनी की कोशिकाओं को भी सुरक्षा मिलती है। जब किडनी स्वस्थ रहती है, तो वह क्रिएटिनिन जैसे अपशिष्ट को बेहतर ढंग से फिल्टर कर पाती है, जिससे उसका स्तर रक्त में बढ़ नहीं पाता। इसलिए अगर कभी आपके मन में सवाल आए की क्रिएटिनिन को कैसे कम करें घरेलू उपाय क्या है? तो इसका सरल स उत्तर तुलसी हो सकती है।
    तुलसी

 

आज इस आर्टिकल में हमने क्रिएटिनिन को कम करने के लिए आयुर्वेदिक दवा के बारे में बताया लेकिन आप सिर्फ इन सुझावों पर निर्भर ना रहें समस्या अगर ज्यादा गंभीर है तो डॉक्टर से संपर्क ज़रूर करें या कर्मा आयुर्वेद अस्पताल में भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं। हेल्थ से जुड़े ऐसे और भी ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें अयुकर्मा के साथ





 

FAQ
 

  • क्रिएटिनिन के लिए सबसे अच्छी आयुर्वेदिक दवा कौन सी है? 

         क्रिएटिनिन कम करने के लिए पुनर्नवासव सबसे प्रभावी आयुर्वेदिक दवा मानी जाती है। यह किडनी की कार्यक्षमता बढ़ाकर विषैले तत्वों को बाहर निकालने में मदद करती है।

  • किडनी के लिए सबसे अच्छी आयुर्वेदिक दवा कौन सी है? 

         किडनी के लिए सबसे अच्छी आयुर्वेदिक दवा पुनर्नवा मंडूर मानी जाती है, जो किडनी को मजबूत करती है और सूजन व विषाक्त तत्वों को कम करने में मदद करती है।

  • रातोंरात क्रिएटिनिन कैसे कम करें? 

        रातोंरात क्रिएटिनिन कम करना संभव नहीं है, लेकिन पानी अधिक पीना, नमक-प्रोटीन कम लेना और पुनर्नवा जैसे मूत्रवर्धक आयुर्वेदिक उपाय शुरू करना तत्काल मदद कर सकता है।

  • क्या लहसुन क्रिएटिनिन लेवल को कम कर सकता है?

         हाँ, लहसुन में एंटीऑक्सीडेंट और सूजन कम करने वाले गुण होते हैं, जो किडनी की कार्यक्षमता सुधारकर क्रिएटिनिन लेवल कम करने में मदद कर सकते हैं।

 

 

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