आपकी सभी स्वास्थ्य समस्याओं के लिए विशेषज्ञ स्वास्थ्य पेशेवरों द्वारा अनुशंसित आयुर्वेदिक उपचार, उपचार और सलाह
किडनी हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है, जो रक्त को शुद्ध करती है, शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालती है और शरीर में जल-संतुलन बनाए रखने का कार्य करती है और आजकल की भागदौड़ भरी ज़िंदगी, अनियमित खान-पान और तनाव के कारण किडनी से जुड़ी समस्याएँ तेजी से बढ़ रही हैं। बहुत से लोग इस समस्या के बारे में जान कर शीघ्र ही आधुनिक दवाइयों की सहायता लेना शुरू कर देते हैं जहां उन्हे की बार साइड इफेक्ट भी देखने को मिलते हैं, वहीं अगर हम इस स्थिति में आयुर्वेद की बात करें तो आयुर्वेद इन रोगों के मूल कारण को समझकर प्राकृतिक व स्थायी समाधान प्रदान करता है। इसलिए आज इस आर्टिकल में हम जानेंगे किडनी की बीमारी का आयुर्वेदिक इलाज साथ ही इसके लक्षणों और कारणों पर भी ध्यान देंगे।
गोक्षुर
पुनर्नवा
भुम्यामलकी
त्रिफला
कासनी
पुनर्नवा - पुनर्नवा को किडनी और लिवर की सेहत के लिए अत्यंत प्रभावशाली जड़ी-बूटी मानी जाती है। और जब किडनी समय के साथ खराब हो रही होती है, तो शरीर में सूजन आने लगती है, खासकर पैरों, टखनों, चेहरे और पेट के हिस्से में और पुनर्नवा इस स्थिति में सूजन को घटाने में अत्यंत कारगर है। इसके अलावा पुनर्नवा में एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण भी पाए जाते हैं, जो किडनी की कोशिकाओं को ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचाते हैं। यह रक्त को शुद्ध करती है और शरीर में टॉक्सिन्स के जमाव को रोकती है, जिससे किडनी की कार्यक्षमता स्वाभाविक रूप से सुधरती है।
भुम्यामलकी - भुम्यामलकी दिखने में एक छोटी सी जड़ी-बूटी है जो भले ही साधारण लगती हो, लेकिन इसके गुण अत्यंत प्रभावशाली हैं। किडनी की बीमारियों में भुम्यामलकी को एक प्राकृतिक डिटॉक्स औषधि माना गया है, जो शरीर में जमा हुए विषैले तत्वों को बाहर निकालकर किडनी की कार्यक्षमता को पहले जैसा स्वस्थ बनाती है। संक्षेप में कहा जाए तो भुम्यामलकी किडनी को शुद्ध करती है, संक्रमण को रोकती है, पथरी और सूजन को कम करती है तथा मूत्र प्रवाह को सहज बनाकर किडनी की प्राकृतिक शक्ति को फिरसे पहले जैसा स्वस्थ बनाती है।
 
त्रिफला - त्रिफला तीन फलों के मिश्रण से बनता है जैसे आंवला, हरड़ और बहेड़ा। किडनी की बीमारी में यह एक प्राकृतिक डिटॉक्सिफायर और संतुलनकारी औषधि के रूप में कार्य करती है। ये विषाक्त पदार्थों को पाचन तंत्र और मूत्र के माध्यम से बाहर निकालने में मदद करती है। यह पाचन शक्ति को सुधारती है, जिससे भोजन का पाचन और पोषक तत्वों का अवशोषण बेहतर होता है, और किडनी पर अनावश्यक भार नहीं पड़ता। यही नहीं किडनी रोग से पीड़ित लोगों में अक्सर थकान, कब्ज, भूख की कमी और भारीपन की शिकायत रहती है। त्रिफला इन सभी लक्षणों को दूर करके शरीर को हल्का, ऊर्जावान और पाचन को स्थिर बनाती है। यह नींद की गुणवत्ता सुधारती है और शरीर में नई ऊर्जा का संचार करती है। इन्ही सब कारणों की वजह से त्रिफला को किडनी फेल होने पर आयुर्वेदिक दवा भी मान सकते हैं।
कासनी - कासनी को किडनी और लिवर दोनों के लिए एक अत्यंत लाभकारी औषधि मानी जाती है। और आयुर्वेदिक दृष्टि से कासनी को पित्त और कफ को संतुलित करने वाली औषधि माना गया है। जब शरीर में पित्त बढ़ जाता है, तो मूत्र में जलन, प्यास अधिक लगना और पेशाब का रंग गाढ़ा होना जैसी समस्याएँ उत्पन्न होती हैं। कासनी अपनी शीतल प्रकृति से इन सभी लक्षणों को शांत करती है और मूत्र को सामान्य बनाती है। वहीं कफ दोष के कारण शरीर में सूजन और भारीपन की स्थिति बनती है, जिसे कासनी मूत्र के माध्यम से अतिरिक्त जल को बाहर निकालकर कम करती है।
आज इस आर्टिकल में हमने बताया किडनी की बीमारी का आयुर्वेदिक इलाज, और आपने जाना की कैसे कुछ आयुर्वेदिक उपचार से इस समस्या में आपके काम आ सकते हैं, लेकिन आप केवल इन सुझावों पर निर्भर ना रहें समस्या अगर ज्यादा गंभीर है, तो डॉक्टर से संपर्क जरूर करें, और ऐसे ही आर्टिकल और ब्लॉग्स के लिए जुड़े रहें आयु कर्मा के सा
हाँ, शुरुआती चरण में किडनी की बीमारी आयुर्वेदिक दवाओं, जड़ी-बूटियों, सही आहार और जीवनशैली से काफी हद तक ठीक या नियंत्रित की जा सकती है, लेकिन गंभीर स्थिति में चिकित्सक की नियमित देखरेख आवश्यक होती है।
पुनर्नवा, गोक्षुर, भुम्यामलकी, वरुण, कासनी और त्रिफला ऐसी प्रमुख आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ हैं जो किडनी की कोशिकाओं को पुनर्जीवित कर उसकी कार्यक्षमता को सुधारती हैं।
किडनी को ठीक रखने के लिए पर्याप्त पानी पिएँ, नमक कम करें, ताज़े फल-सब्जियाँ खाएँ, नारियल पानी और गिलोय का रस लें, जंक फूड व शराब से बचें, और रोज़ हल्का योग या प्राणायाम करें।
          Sheela Jain
Hi, I'm Sheela. I struggled with painful skin rashes for years. After facing side effects from other medicines, I turned to Ayukarma. The facilities impressed me, and after 1.5 months of treatment, my skin completely healed. I'm so grateful for their care and effective treatment.
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I'm Kapil from Jhajjar. I had gallbladder stones and wanted an herbal solution. I chose Ayukarma and followed their treatment and diet plan. In a month, my symptoms eased, and scans showed major improvement. After two months, the stones were gone. Truly thankful for their help.
          Tina Yadav
I'm Tina from Delhi. I suffered from severe sinus issues for years. After learning about Panchakarma therapy, I visited Ayukarma. The staff was great, and therapy was done as per Ayurvedic texts. After treatment, my symptoms improved significantly. I highly recommend them for sinus problems.
          Dravya Mathur
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          Karan a
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          Sumit Mehra
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          Kriya
I’m Kriya from Delhi. Diagnosed with early-stage tonsil cancer, I couldn’t tolerate allopathic treatment. Switching to Ayukarma was the best decision. Their herbal therapy eased my symptoms and improved my health significantly. I’m hopeful for a full recovery.
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