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बवासीर की गारंटी की दवा घरेलू उपाय

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बवासीर की गारंटी की दवा

बवासीर जिसे पाइल्स भी कहा जाता है ये एक बहुत ही तकलीफ़देह और आम समस्या है, जो आज कल के खानपान, अनियमित जीवनशैली और तनाव के कारण तेजी से बढ़ रही है। चाहे वो बाहरी बवासीर हो अंदरूनी। लेकिन क्या आप जानते हैं आयुर्वेद में बवासीर की साठीक दवा उपलब्ध है वो भी बिना किसी साइड इफेक्ट के तो आज इस आर्टिकले में हम आयात करेंगे बवासीर की गारंटी की दवा साथ ही हम उसके लक्षणों और कारणों पर भी विचार करेंगे, जिसे आप जानेंगे खूनी बवासीर की सबसे अच्छी दवा कौन सी है? और उसके आसान आयुर्वेदिक और घरेलू उपायों के बारे में।

बवासीर के लक्षण 

बवासीर के कारण 

  • फाइबर की कमी 

  • लंबे समय तक शौचालय में बैठना

  • अत्यधिक मसालेदार और तली-भुनी चीजों का सेवन

  • शारीरिक गतिविधि की कमी 

  • धूम्रपान और शराब का सेवन

  • आनुवंशिकता 

  • मोटापा

  • अधिक समय तक खड़े रहना या बैठना

  • कब्ज की पुरानी समस्या

बवासीर की आयुर्वेदिक दवा

 

  1. त्रिफला - बवासीर की समस्या में त्रिफला बहुत ही प्रभावी औषधि है, इसलिए अगर आप सोच रहे हैं की आयुर्वेद में बवासीर की सबसे अच्छी दवा कौन सी है तो इसका उत्तर त्रिफला है। जो तीन फलों के मिश्रण से बनता है जैसे आंवला, बहेड़ा और हरड़। त्रिफला में आंवला और हरड़ में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो गुदा क्षेत्र की सूजन और जलन को कम करते हैं। और ये पाचन अग्नि को संतुलित करता है और आंतों की सफाई करता है, जिससे पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है और बवासीर की समस्या होने की संभावना कम हो जाती है।
    त्रिफला

     
  2. गुग्गुलु - गुग्गुलु आयुर्वेद की एक अत्यंत प्रभावशाली औषधि है, इसमें प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो गुदा क्षेत्र में बनी गांठों की सूजन, जलन और दर्द को कम करने में बेहद प्रभावी हैं। और बवासीर का एक मुख्य कारण वात दोष का असंतुलन है, जिससे कब्ज, सूखा मल और गुदा पर दबाव बनता है। गुग्गुलु वात को संतुलित करता है, जिससे मल त्याग आसान होता है। इसलिए हम गुग्गुलु को खूनी बवासीर की गारंटी की दवा भी कह सकते हैं।
    गुग्गुलु

 

  1. नागकेशर - नागकेशर को आयुर्वेद में एक प्रमुख औषधीय पौधा माना जाता है, इसका मुख्य गुण रक्त को रोकने वाला यानी रक्तस्तंभक है। क्योंकि जब बवासीर के दौरान मल के साथ ताजा खून आता है, तो नागकेशर का नियमित सेवन उस रक्तस्राव को रोकने में मदद करता है। नागकेशर में प्राकृतिक रूप से सूजन रोधक और घाव भरने वाले गुण पाए जाते हैं, जिससे गुदा की फटी त्वचा या आंतरिक जख्म तेजी से भरने लगते हैं। यह न केवल लक्षणों में राहत देता है, बल्कि बवासीर की स्थिति को नियंत्रित भी करता है। 

     
  2. Ceylon ironwood (नाग केसर)
  3. सौंफ - सौंफ एक बहुत ही सरल लेकिन शक्तिशाली आयुर्वेदिक औषधि है, जो आमतौर पर पाचन के लिए प्रयोग किया जाता है। बवासीर का मूल कारण कब्ज और अपाचन होता है। जब मल कठोर हो जाता है और उसे बाहर निकालने में अधिक जोर लगाना पड़ता है, तो गुदा की नसों पर दबाव बढ़ता है और यही बवासीर की शुरुआत का कारण बनता है। सौंफ मल को मुलायम बनाकर उसे आसानी से बाहर निकालने में मदद करती है, जिससे गुदा क्षेत्र पर तनाव नहीं पड़ता। साथ ही सौंफ की शीतल प्रकृति गुदा क्षेत्र की जलन को शांत करती है और मल त्याग को सहज बनाती है।
    सौंफ

     
  4. एलोवेरा - एलोवेरा की सबसे खास बात यह है कि यह शरीर में शीतलता और नमी प्रदान करता है। और अगर बवासीर के साथ कब्ज की समस्या भी है, तो एलोवेरा का जूस बहुत फायदेमंद होता है। यह मल को मुलायम बनाता है और पाचन को सुधारता है। एलोवेरा माइल्ड लैक्सेटिव की तरह काम करता है, जिससे मल आसानी से बाहर निकलता है और मल त्याग के समय दर्द या खून नहीं आता। साथ ही एलोवेरा में पाए जाने वाले एंटीऑक्सिडेंट्स,  विटामिन C, E और बीटा-कैरोटीन बवासीर के कारण बने टॉक्सिन्स को बाहर निकालते हैं और शरीर को अंदर से साफ करते हैं। जिस वजह से इन्हे best medicine for piles भी कह सकते हैं। 

    एलोवेरा

आज के इस आर्टिकल में हमने बवासीर की गारंटी की दवा, के बारे में, बात  करी और आपने जाना की कैसे कुछ घरेलू और आयुर्वेदिक उपचार इस समस्या में आपके काम आ सकते हैं, लेकिन आप सिर्फ इन सुझावों पर निर्भर ना रहें समस्या अगर ज्यादा गंभीर है तो डॉक्टर से संपर्क ज़रूर करें या कर्मा आयुर्वेद अस्पताल में भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं। हेल्थ से जुड़े ऐसे और भी ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें अयुकर्मा के साथ



 

FAQ

  • बवासीर की सबसे बढ़िया दवाई कौन सी है? 

        बवासीर की सबसे बढ़िया दवाई त्रिफला, सौंफ, गुग्गुलु, नागकेशर और एलोवेरा है।

  • बवासीर को जड़ से खत्म करने के लिए क्या खाएं?

        बवासीर को जड़ से खत्म करने के लिए रोज़ाना फाइबर युक्त भोजन (जैसे दलिया, फल, हरी सब्जियाँ), त्रिफला चूर्ण, गुनगुना पानी, और एलोवेरा जूस लें। साथ          ही तेल-तला, मसालेदार और कब्ज बढ़ाने वाले भोजन से बचें।

  • बवासीर परमानेंट इलाज क्या है?

        बवासीर का परमानेंट इलाज है आयुर्वेदिक औषधियाँ  जैसे त्रिफला, कुटज, नागकेशर, खानपान में सुधार, कब्ज की रोकथाम से होगा। 

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