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किडनी हमारे शरीर का सबसे जरूरी अंग है। ये शरीर में मौजूद हानिकारक पदार्थों को निकालने का काम करती है, लेकिन कई बार किडनी अचानक ही खराब होना शुरू हो जाती है। बता दें कि ऐसा अचानक नहीं होता है, क्योंकि किडनी में खराब होने की समस्या धीरे-धीरे बढ़ती है। इसी वजह से शुरुआत में किडनी खराब होने लक्षण के बारे में पता नहीं चल पाता है।
जब किडनी के फंक्शन सही से काम करना बंद कर देते हैं, तो लक्षण पता चलने लगते हैं, लेकिन लक्षणों का पता लगने तक किडनी को नुकसान होना शुरू हो जाता है। ऐसे में किडनी खराब होने लक्षण को पहले ही पहचानना जरूरी होता है। आइए, उन लक्षणों के बारे में जानते हैं।
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यूरिन में ब्लड आना किडनी कमजोर होने के लक्षण में से एक माना जाता है। इसे हेमाट्यूरिया भी कहा जाता है।
किडनी खराब होने से शरीर में नमक और पानी जम जाता है, जिसकी वजह से शरीर पर सूजन आने लगती है। इसमें टखनों, पैरों और चेहरे पर सूजन दिखने लगती है। इसे किडनी खराब होने के शुरुआती लक्षण में से एक गिना जाता है।
शरीर में जैसे-जैसे हानिकारक पदार्थ जमा होने लगते हैं, तो मतली और उल्टी का सामना करना पड़ सकता है। ये समस्या अक्सर सुबह के समय ज्यादा होती है।
थकान और कमजोरी को भी किडनी के खराब होने के लक्षण में से एक माना जाता है। किडनी जब सही से काम करना बंद कर देती है, तो शरीर में हानिकारक पदार्थ जमा होने लगते हैं। इसकी वजह से थकान, कमजोरी और ऊर्जा में कमी आने लगती है।
किडनी ही है जो ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने का काम करती है। ऐसे में जब किडनी के फंक्शन पर असर पड़ने लगता है, तो ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है और किडनी डैमेज होना शुरू हो जाती है। इसे किडनी खराब के लक्षण में से एक गिना जाता है।
बार-बार पेशाब करने की इच्छा होना या आना भी किडनी खराब होने के लक्षण में से एक है। ऐसे में अगर जीएफआर प्रभावित होता है, तो इससे किडनी को नुकसान पहुंचता है।
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आंखों के आस-पास सूजन आना आंखों के कमजोर होने के कारण ही नहीं होता, बल्कि इसका एक कारण किडनी डैमेज भी हो सकता है। इसमें किडनी प्रोटीन को बनाए रखने में सक्षण नहीं होती और ब्लड में लीक हो सकती है, जिससे आंखों के आस-पास सूजन आ सकती है।
नींद के पैटर्न में गड़बड़ होने से किडनी खराब होना शुरू हो सकती है। इससे आपको बार-बार पेशाब आने और रात के समय पेशाब ज्यादा आने की समस्या हो सकती है।
जब किडनी ब्लड से हानिकारक पदार्थों को हटाने में सक्षम नहीं हो पाती, तो इसकी वजह से वे पदार्थ शरीर में जमने लगते हैं, जिसके कारण स्किन पर खुजली होने लगती है और सूखापन भी आ जाता है। ये किडनी कमजोर होने के लक्षण में से एक माना जाता है।
यूरिन का रंग बदलना किसी गंभीर इंफेक्शन या कीटोन बॉडी की उपस्थिति के कारण हो सकता है। यूरिन का रंग बदलना भी किडनी खराब के लक्षण में से एक है।
किडनी जब सही से काम नहीं कर पाती है, तो इसकी वजह से दिमाग को भी काम करने में दिक्कत होने लगती है। इसकी वजह से ध्यान लगाने में दिक्कत तो होती ही है, लेकिन साथ-साथ चीजों को याद रखने में भी दिक्कत होती है।
तो जैसा कि आपने जाना कि किडनी खराब होने लक्षण के बारे में जाना। ऐसे में अगर आपको भी ये लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो आप तुरंत अपने डॉक्टर से सलाह करके इलाज शुरू करें वरना आपकी किडनी फेल भी हो सकती है।
अगर आपको भी किडनी खराब होने या उससे जुड़ी किसी तरह की समस्या हो रही है, तो आप अपना इलाज आयु कर्मा में आकर करवा सकते हैं, जहां साल 1937 से किडनी रोगियों का इलाज किया जा रहा है। अब इसे डॉ. पुनीत धवन संभाल रहे हैं। कर्मा आयुर्वेदा डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना पूर्णतः प्राचीन भारतीय आयुर्वेद के सहारे से किडनी फेल्योर का इलाज कर रहा है।
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FEB 23,2022 - FEB 22,2025