आपकी सभी स्वास्थ्य समस्याओं के लिए विशेषज्ञ स्वास्थ्य पेशेवरों द्वारा अनुशंसित आयुर्वेदिक उपचार, उपचार और सलाह
किडनी शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है और इसे स्वस्थ रखना सभी के लिए बहुत जरूरी है क्योंकि इसका कार्य होता है शरीर को डिटॉक्स करने के लिए टोक्सिन को बाहर निकालना। पर जब किडनी की समस्या होती है तो समय के साथ समस्या गंभीर होती जाती है जिसके परिणामस्वरूप बहुत सी स्वास्थ्य समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। इस आर्टिकल में हम किडनी को स्वस्थ रखने के लिए आयुर्वेदिक दवा के बारे में जानेंगे साथ ही किडनी की समस्यायों के लक्षणों और कारणों पर भी ध्यान देंगे जिससे किडनी आपकी किडनी हमेशा स्वस्थ रहे और कोई भी समस्या आने पर आप सतर्क भी रहें।
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गोखरू आयुर्वेद में किडनी की सेहत को बनाए रखने के लिए एक प्रमुख जड़ी बूटियों में से एक है, ये अपने डिटॉक्सिफाइंग गुणों के लिए प्रसिद्ध है। यह मूत्र के प्रवाह को बढ़ाता है जिससे किडनी की पथरी को रोकने और उसे बाहर निकालने में मदद करता है। साथ ही यह मूत्र मार्ग को साफ करने में मदद करता है और मूत्र संबंधी इन्फेक्शन से बचाव करता है। जिससे किडनी को स्वस्थ रहने में मदद मिलती है।
पारिजात एक ऐसा पौधा है जो अपने उपचारात्मक गुणों के लिए प्रसिद्ध है, किडनी में जमा विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करते हैं। यह मूत्र के प्रवाह को बढ़ाता है जिससे किडनी में पथरी के बनने की संभावना कम हो सकती है, साथ ही ये एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण होते हैं, जो मूत्र मार्ग और किडनी में किसी भी प्रकार के संक्रमण से बचाव करते हैं।
आयुर्वेद में त्रिफला एक बहुत ही प्रभावी औषधि है, जो किडनी ही नहीं पूरे स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद है ये तीन जड़ी बूटियों से मिलकर बनता है, आंवला, बहेड़ा और हरड़। ये मुख्यता पाचन तंत्र को सुधारता है जिससे किडनी पर अतिरिक्त दबाव नहीं पड़ता साथ ही इसका सेवन रक्त को शुद्ध करने में सहायक होता है। और यही नहीं इसके नियमित सेवन से किडनी की कार्यक्षमता को बनाए रखने में मदद मिलती है।
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पुनर्नवा के पत्ते, जड़ और फूल सभी किडनी के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं। ये एक शक्तिशाली मूत्रवर्धक है, जो किडनी से टोक्सिन और अतिरिक्त पानी को बाहर निकालने में मदद करता है। इसमें सूजन को कम करने वाले गुण होते हैं, जो किडनी में सूजन या जलन को शांत करते हैं। साथ ही ये ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में भी सहायक है, जो किडनी की सेहत के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
गिलोय आयुर्वेद में बहुत ही प्रभावी औषधि मानी जाती है, गिलोय में एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण होते हैं, जो मूत्र मार्ग और किडनी में इन्फेक्शन को रोकने में मदद करते हैं। गिलोय शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को भी मजबूत करता है जो केवल किडनी ही नहीं अन्य अंगों की भी रक्षा करता है और शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है।
हल्दी में कुरकुमिन नाम के प्रमुख तत्व पाए जाते हैं, जिसमें अद्वितीय एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सिडेंट और डिटॉक्सिफाइंग गुण होते हैं। ये शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करती है। साथ ही यह किडनी के फिल्टरिंग सिस्टम को ठीक से काम करने के लिए प्रोत्साहित करती है, जिससे किडनी के काम में सुधार होता है।
इस ब्लॉग में हमने किडनी को स्वस्थ रखने के लिए आयुर्वेदिक दवा बताया। हालांकि, आप केवल इन उपायों पर निर्भर न रहें और कोई भी उपचार विकल्प चुनने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर लें। सेहत से जुड़े ऐसे ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें आयु कर्मा के साथ।
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FEB 23,2022 - FEB 22,2025