आपकी सभी स्वास्थ्य समस्याओं के लिए विशेषज्ञ स्वास्थ्य पेशेवरों द्वारा अनुशंसित आयुर्वेदिक उपचार, उपचार और सलाह
आजकल की तेज़ रफ्तार जीवनशैली और असंतुलित दिनचर्या के कारण पाचन से जुड़ी समस्याएँ आम हो गई हैं, जिनमें पित्त की समस्या सबसे ज़्यादा देखने को मिलती है। यह एक सामान्य लेकिन काफ़ी परेशान करने वाली स्थिति है। अच्छी बात यह है कि आयुर्वेद और घरेलू नुस्खों में इसके इलाज के कई प्रभावशाली उपाय मौजूद हैं। इस लेख में हम पित्त का रामबाण इलाज patanjali के साथ-साथ इसके कारणों और लक्षणों पर भी विस्तार से चर्चा करेंगे।
अत्यधिक गर्मी लगना
त्वचा पर जलन या रैशेज होना
मुँह का स्वाद बिगड़ जाना
नींद न आना
पेट में जलन
नींद में परेशानी
माइग्रेन या सिरदर्द
जल्दी थकान
ज्यादा घुस्सा आना
पेशाब का रंग सामान्य से अधिक पीला होना
शरीर से दुर्गंध
अनियमित खानपान
बिना भूख के खाना
नकारात्मक भावनाएँ
नींद की कमी
गर्मियों में गलत खानपान
पाचन संबंधी गड़बड़ी
ज्यादा चाय, कॉफी या शराब
आंवले का जूस
गुलाब की पंखुड़ियां
सौंफ-धनिया का पानी
एलोवेरा
अच्छी नींद लें
ज्यादा पानी पिएं
हरी सब्जियां
आंवले का जूस - आंवला वात, पित्त और कफ तीनों को संतुलित करने की क्षमता रखता है। आंवला ठंडी तासीर वाला होता है, यह शरीर के अंदर से जलन, घबराहट और चिड़चिड़ापन कम करता है। आंवला जूस पेट के एसिड को बैलेंस करता है और पाचन क्रिया को ठीक करता है। पित्त दोष से नींद खराब होती है। आंवला जूस शरीर को ठंडक देता है जिससे अच्छी नींद लेने में मदद मिल सकती है।
गुलाब की पंखुड़ियां - गुलाब केवल सुंदरता या खुशबू के लिए नहीं बल्कि आयुर्वेद में पित्त दोष को शांत करने वाली एक बेहतरीन औषधि मानी जाती हैं। गुलाब की तासीर शीतल होती है। यह पित्त की वजह से बढ़ी हुई शारीरिक गर्मी, पेट की जलन, मुंह का कड़वापन और त्वचा की जलन को शांत करती है, पर ध्यान रहे की गुलाब की पंखुड़ियाँ बिना केमिकल और कीटनाशक रहित होनी चाहिए।
सौंफ-धनिया का पानी - जब दोनों मसालों यानी सौंफ और धनिया को पानी में उबाला या भिगोया जाता है उसे सौंफ और धनिया का पानी बनता है। दोनों ही बीज ठंडी तासीर के होते हैं। पित्त बढ़ने से होने वाली शरीर में जलन, मुंह का स्वाद कड़वा, सीने की जलन, और चेहरे पर गर्मी को शांत करते हैं। पित्त दोष पेशाब में जलन और कम पानी पीने से बिगड़ सकता है। यह पानी डिहाइड्रेशन को रोकता है, मूत्र मार्ग को साफ करता है और पेशाब की जलन में आराम देता है।
एलोवेरा - एलोवेरा एक चमत्कारी औषधि है जो पित्त दोष को संतुलित करने में अत्यंत लाभकारी मानी जाती है। पित्त दोष बढ़ने पर शरीर में तेज गर्मी, सीने में जलन, मुँह का कड़वापन, और आंखों में जलन जैसे लक्षण दिखते हैं। एलोवेरा का रस इन सभी लक्षणों को शांत करता है और शरीर में ठंडक लाता है। पित्त के कारण मुंहासे, फोड़े, रैशेज़ और खुजली होती है। एलोवेरा का सेवन करने से रक्त शुद्ध होता है और त्वचा प्राकृतिक रूप से निखरती है।
अच्छी नींद लें - नींद पित्त को संतुलित करने में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। नींद शरीर की भीतरी अग्नि को संतुलित करती है। पर्याप्त और गहरी नींद से शरीर को प्राकृतिक ठंडक मिलती है, जो पित्त की अधिकता को शांत करती है। पित्त का लिवर से भी सीधा संबंध होता है, और लिवर रात्रि में ही अपने डिटॉक्स का कार्य करता है। अच्छी नींद से हॉर्मोन संतुलित रहते हैं, जिससे पित्त नहीं बढ़ता।
ज्यादा पानी पिएं - पानी बहुत ही सरल और असरदार उपाय होता है, इसलिए एय केवल प्यास बुझाने के लिए ही नहीं स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है, पित्त दोष बढ़ने से मन में चिड़चिड़ापन, गुस्सा और नींद की कमी हो जाती है। पानी पीने से मस्तिष्क शांत होता है, मन शांत रहता है और नींद बेहतर होती है। और पित्त का गहरा संबंध लिवर से होता है। पानी लिवर को साफ करता है, टॉक्सिन्स बाहर निकालता है और पित्त रस को संतुलित करता है।
हरी सब्जियां - हरी सब्जियां न केवल शरीर को ठंडक देता है, बल्कि पित्त दोष को अंदर से संतुलित करता है। पित्त दोष बढ़ने से रक्त में गर्मी आ जाती है जिससे मुंहासे, एलर्जी, और फोड़े-फुंसी होते हैं। हरी सब्जियाँ जैसे धनिया पत्ता, पुदीना, और पालक ब्लड प्यूरिफायर का काम करती हैं और त्वचा को साफ और निखरी बनाती हैं। पित्त का केंद्र लिवर होता है। हरी सब्जियाँ विशेषकर करेला, सहजन पत्ता, और पालक लिवर की सफाई करती हैं और उसे मजबूत बनाती हैं।
आज इस आर्टिकल में हमने जाना पित्त का रामबाण इलाज patanjali, लेकिन आप सिर्फ इन सुझावों पर निर्भर ना रहें. अगर आपको पित्त के विषय में कोई भी जानकारी चाहिए तो डॉक्टर से संपर्क ज़रूर करें या कर्मा आयुर्वेद अस्पताल में भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं। हेल्थ से जुड़े ऐसे और भी ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें अयुकर्मा के साथ।
FAQs
पित्त को शांत करने के लिए बहुत से ऐसे आयुर्वेदिक और घरेलू नुस्के हैं जो आपको तुरंत राहत दे सकते हैं। जैसे - ठंडे पानी से चेहरा धोना , पुदीने का रस ,ताजे दही का सेवन, कोकम का जूस, सूरज की तेज़ रोशनी से बचें।
पित्त का देसी इलाज प्राकृतिक उपचारों और आयुर्वेदिक उपायों से किया जा सकता है, जो पित्त को शांत और संतुलित करने में मदद करते हैं। जैसे - गुलाब जल, खीरे का जूस, नींबू पानी, चंदन का पेस्ट।
पित्त को कम करने के लिए कुछ विशेष आहार होते हैं, जो शरीर की गर्मी को बढ़ने से रोकते हैं और पाचन तंत्र पर दबाव भी नही डालते। जैसे- नींबू, आंवला, खीरा, बासमती चावल।
पित्त दोष को पता करने के लिए कुछ खास लक्षण होते हैं, जिनसे आप पित्त दोष को पहचान सकते हैं। जैसे - चिड़चिड़ापन और घुस्सा, त्वचा संबंधी समस्याएं, अधिक गर्मी महसूस होना, शरीर में जलन होना, नींद की समस्याएं, प्यास का अत्यधिक लगना।
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