AyuKarma Ayurveda

घेंघा रोग का आयुर्वेदिक इलाज

आपकी सभी स्वास्थ्य समस्याओं के लिए विशेषज्ञ स्वास्थ्य पेशेवरों द्वारा अनुशंसित आयुर्वेदिक उपचार, उपचार और सलाह

Get Best Ayurvedic Treatment

घेंघा रोग का आयुर्वेदिक इलाज

गोइटर कहें या घेंघा रोग बात एक ही है। इसे गलकंड या गंडमाला भी कहा जाता है। इस बीमारी से गले में सूजन आने लगती है। यह एक बढ़ी हुई थायरॉइड गांठ की तरह दिखता है। ये एक तितली के आकार की गांठ होती है, जो गर्दन के ठीक अंदर कॉलरबोन के ऊपर मौजूद होती है। वैसे तो घेंघा रोग में दर्द नहीं होता है, लेकिन अगर इसमें थायरॉइड गांठ का आकार ज्यादा बढ़ जाए, तो इससे आपको खांसी, सांस लेने में परेशानी, निगलने में दिक्कत महसूस होने लगती है, लेकिन चिंता की बात नहीं है क्योंकि घेंघा रोग का आयुर्वेदिक इलाज करके इस समस्या से मुक्ति पाई जा सकती है।

घेंघा रोग के लक्षण

गोइटर या घेंघा रोग से गर्दन में कंठ के नीचे सूजन होती है। ये छोटे से लेकर बहुत बड़े तक हो सकती है। ऐसे में इसके लक्षणों का पहले पता लगाकर घेंघा रोग का आयुर्वेदिक इलाज किया जा सकता है:

  • हाथ को सिर के ऊपर करते समय चक्कर आना
  • खांसी आना
  • खाते-पीते समय निगलने में दिक्कत
  • गला बैठना
  • सांस लेने में दिक्कत होना

चिकित्सक सलाह के लिए फॉर्म भरें

घेंघा रोग के कारण

वैसे तो घेंघा रोग का आयुर्वेदिक इलाज अपनाकर इससे जल्दी निजात पाया जा सकता है, लेकिन इसके कारणों को जानना भी बहुत जरूरी है।

  • मोटापा
  • पूरी नींद न लेना
  • तनाव होना
  • जंक और प्रोसेस्ड फूड ज्यादा खाना
  • शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य ठीक न होना

घेंघा का आयुर्वेदिक इलाज

घेंघा रोग या गोइटर को ठीक करने के लिए जीवनशैली, आहार में बदलाव करके भी ठीक किया जा सकता है। आइए, आपको घेंघा रोग का इलाज बताते हैं, जिसे अपनाकर आप इस बीमारी से मुक्ति पा सकते हैं।

1. आहार में करें बदलाव

इस बीमारी के दौरान आहार में बदलाव करना घेंघा रोग का आयुर्वेदिक इलाज माना जाता है। इस रोग में आयोडीन लेना जरूरी है। इस बदलाव को करने से आपको बहुत आराम मिलेगा।

2. वातज गलागंडा

(मुख्य रूप से दूषित वायु के कारण होता है) थोड़ा दर्दनाक होता है और इसमें मुंह में सूखापन और खराब करने की विशेषता होती है। इसका सेवन करना घेंघा रोग का आयुर्वेदिक इलाज माना जाता है।

3. कफ गलागंडा

(मुख्य रूप से कफ खराब होने के कारण होता है) देखनें में काफी बड़ा होता है और छूने पर बहुत ठंडा होता है, इससे दर्द बहुत कम होता है और मुंह में मीठा लगता है। यह घेंघा रोग का आयुर्वेदिक इलाज बहुत अच्छा माना जाता है।

अभी फॉर्म भरें और विशेषज्ञ से परामर्श करें

4. मेडोज गलागंडा

(मुख्य रूप से खराब मेदा धातु के कारण होता है) में एक अप्रिय गंध होती है और यह बोलने में लड़खड़ाहट और मुंह में तेल जैसा महसूस करा सकता है। ये जड़ी-बूटी भी घेंघा रोग का आयुर्वेदिक इलाज मानी जाती है।

5. कांचनारा

कांचनारा को भी घेंघा रोग का आयुर्वेदिक इलाज माना जाता है। इसकी छाल का उपयोग करके घेंघा रोग से निजात पाया जा सकता है।

6. वजन को करें कंट्रोल

घेंघा रोग से छुटकारा पाने के लिए वजन को कंट्रोल करना जरूरी है। वजन को नियंत्रित करना घेंघा रोग का आयुर्वेदिक इलाज माना जाता है।

अब जैसा कि आपने जाना कि घेंघा रोग का आयुर्वेदिक इलाज क्या है। ऐसे में आप भी इस इलाज को अपनाने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से सलाह जरूर करें क्योंकि वो आपकी रिपोर्ट्स देखकर आपको बेहतर तरीके से बता पाएंगे कि आपके लिए ये आयुर्वेदिक इलाज ठीक है या नहीं।

अगर आपको भी इस रोग से जुड़ी किसी भी तरह की समस्या है, तो आप अपना इलाज कर्मा आयुर्वेदा में आकर करवा सकते हैं। यहां पर सन् 1937 से किडनी रोगियों का इलाज किया जा रहा है और हाल ही में इसे डॉ. पुनीत धवन संभाल रहे हैं। डॉ. पुनीत न सिर्फ भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में किडनी की बीमारी से जूझ रहे रोगियों का इलाज कर रहे हैं, क्योंकि आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है। कर्मा आयुर्वेदा डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना ही भारतीय आयुर्वेद के सहारे किडनी फेल्योर का इलाज कर रहा है।

अपॉइंटमेंट के लिए फॉर्म अभी भरें

Recent Blogs


What is the Best Medicine to Reduce Creatinine?

Best Medicine to Reduce Creatinine? Explore effective treatments, diet tips, and home remedies to improve kidney health fast. ...

Apr 25 , 2025

cow milk for kidney patients

Cow milk for kidney health: Is it safe? Read expert opinions and healthy alternatives. ...

Apr 25 , 2025

जटामांसी के फायदे और नुकसान

जटामांसी के फायदे और नुकसान: जानिए आयुर्वेदिक गुण, उपयोग और सावधानियाँ ...

Apr 24 , 2025

Approved by

Approved by

Certificate no- AH-2022-0145
FEB 23,2022 - FEB 22,2025