आपकी सभी स्वास्थ्य समस्याओं के लिए विशेषज्ञ स्वास्थ्य पेशेवरों द्वारा अनुशंसित आयुर्वेदिक उपचार, उपचार और सलाह
खराब लाइफस्टाइल और खान-पान के चलते आजकल लोगों को कई तरह की शारीरिक समस्याएं होने लगी हैं। इन्हीं में से एक समस्या किडनी स्टोन भी है। वैसे तो किडनी स्टोन का आयुर्वेदिक इलाज अपनाकर इस प्रॉब्लम पर काबू पाया जा सकता है। ऐसे में आज हम गुर्दे की पथरी के कारण और लक्षणों के साथ-साथ किडनी की पथरी का आयुर्वेदिक इलाज भी जानेंगे।
वैसे तो गुर्दे की पथरी का आयुर्वेदिक इलाज करके इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है, लेकिन किडनी में पथरी होने के कुछ मुख्य कारण होते हैं, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं:
किडनी में स्टोन अचानक नहीं होता। इससे पहले ही शरीर में कई तरह के लक्षण दिखने लगते हैं, लेकिन किडनी स्टोन आयुर्वेदिक इलाज करके इस समस्या से हमेशा के लिए निजात पाया जा सकता है पर पहले गुर्दे की पथरी के लक्षणों के बारे में जान लेते हैं –
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किडनी स्टोन की परेशानी होने से स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ने लगता है, लेकिन किडनी स्टोन का आयुर्वेदिक इलाज अपनाकर इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। आइए, जानते है वो इलाज क्या है:
कुल्थी की दाल को हॉर्स ग्राम के नाम से भी जाना जाता है। इसे आयुर्वेदिक औषधि माना जाता है। इसका सेवन करने से किडनी स्टोन के निर्माण को रोका जा सकता है, क्योंकि इसमें यूरिन की मात्रा को बढ़ाने और स्टोन को गलाने के गुण होते हैं। कुल्थी की दाल को किडनी स्टोन का आयुर्वेदिक इलाज माना जा सकता है।
चंद्रप्रभा वटी एक प्रकार की आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जिसका सेवन करने से किडनी में मौजूद स्टोन को बाहर निकालने में मदद मिल सकती है। चंद्रप्रभा वटी को किडनी स्टोन का आयुर्वेदिक इलाज कहा जा सकता है।
लिक्विड को कम मात्रा में लेने से यूरिन कंसंट्रेटेड होने लगता है, जो धीरे-धीरे क्रिस्टल बन जाता है, जिसे किडनी स्टोन कहने लगते हैं। किडनी स्टोन का आयुर्वेदिक इलाज पानी भी कहलाया जा सकता है, क्योंकि शरीर में पानी की सही मात्रा जाने से यूरिन डायल्युट रहता है।
बेलपत्र में औषधीय गुण मौजूद होते हैं। बेलपत्र में एक चुटकी काली मिर्च मिलाकर इसका सेवन करने से किडनी में मौजूद पथरी को निकाला जा सकता है। बेलपत्र को किडनी स्टोन का आयुर्वेदिक इलाज कहा जाता है।
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इलायची को किडनी स्टोन का आयुर्वेदिक इलाज माना जा सकता है, क्योंकि इलायची को आयुर्वेदिक दवाइयां बनाने में बहुत इस्तेमाल किया जाता है। इलायची में खरबूजे की गीरी और पानी डालकर लेने से गुर्दे की पथरी को निकालने में मदद मिल सकती है।
सेब के सिरके में साइट्रिक एसिड होता है, जो किडनी में मौजूद स्टोन के छोटे-छोटे कणों को तोड़ने और घोलने का काम करते हैं। सेब के सिरके में शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद मिल सकती है। सेब के सिरके को किडनी स्टोन का आयुर्वेदिक इलाज माना जाता है।
अनार में कई तरह के पोषक तत्व मौजूद होते हैं। इसे शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। ये किडनी स्टोन को प्राकृतिक रूप से दूर करने में बहुत मदद कर सकता है, क्योंकि इसमें एंटी-ऑक्सिडेंट्स होते हैं, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत करते हैं और गुर्दे की पथरी को निकालते हैं। ऐसे में अनार को किडनी स्टोन का आयुर्वेदिक इलाज माना जा सकता है।
तो जैसा कि आपने जाना कि किडनी स्टोन का आयुर्वेदिक इलाज किस तरह से किया जा सकता है। ऐसे में इसे अपनाने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से सलाह जरूर करें।
अगर आपको भी किडनी में स्टोन या उससे जुड़ी किसी तरह की समस्या हो रही है, तो आप अपना इलाज कर्मा आयुर्वेदा में आकर करवा सकते हैं। यहां पर सन् 1937 से किडनी रोगियों का आयुर्वेदक इलाज किया जा रहा है और हाल ही में इसे डॉ. पुनीत धवन संभाल रहे हैं। डॉ. पुनीत न सिर्फ भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में किडनी की बीमारी से जूझ रहे रोगियों का इलाज कर रहे हैं, क्योंकि आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है। कर्मा आयुर्वेदा डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना ही भारतीय आयुर्वेद के सहारे किडनी फेलियर का इलाज कर रहा है।
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FEB 23,2022 - FEB 22,2025