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40 साल की उम्र में शुगर कितना होना चाहिए

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40 साल की उम्र में शुगर कितना होना चाहिए 

जैसे-जैसे उम्र बढ़ने लगती है, शरीर में बहुत तरह के बदलाव देखने को मिलते हैं, जिसमें से एक है ब्लड शुगर यानी रक्त शर्करा के स्तर में उतार-चढ़ाव। खास कर ये स्थिति 40 साल की उम्र के बाद आती है, जब डायबिटीज़ का खतरा बढ़ने लगता है, इसलिए इस उम्र में सबसे जरूरी है, ब्लड शुगर की नियमित जांच और उसका संतुलन बनाए रखना। आज इस आर्टिकल में हम जानेंगे 40 साल की उम्र में शुगर कितना होना चाहिए, किन कारणों से यह बढ़ या घट सकता है, और इसे नियंत्रित रखने के लिए कौन-कौन से उपाय अपनाए जा सकते हैं।

डायबिटीज़ के लक्षण 

  • वज़न कम होना

  • बार-बार पेशाब आना

  • धुंधली दृष्टि

  • हाथों-पैरों में सुन्नपन या झुनझुनी

  • ज़्यादा प्यास लगना

  • अत्यधिक भूख लगना

  • बार-बार इन्फेक्शन होना 

  • त्वचा पर खुजली या संक्रमण
     

डायबिटीज़ के कारण 

डायबिटीज़ मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है — टाइप 1 और टाइप 2, और दोनों के कारण अलग-अलग हो सकते हैं।

 टाइप 1 डायबिटीज़ के कारण

  • ऑटोइम्यून रिएक्शन

  • जेनेटिक

  • कुछ वायरल संक्रमण

 टाइप 2 डायबिटीज़ के कारण

  • अस्वस्थ जीवनशैली

  • उम्र बढ़ना

  • मोटापा

  • हाई ब्लड प्रेशर 

  • हाई कोलेस्ट्रॉल

  • तनाव 

  • नींद की कमी

  • गर्भकालीन मधुमेह
     

40 साल की उम्र में शुगर कितना होना चाहिए?
40 साल की उम्र में शुगर स्तर इस तरह होना चाहिए:

 

खाली पेट: 70 से 99 mg/dL
खाने के 2 घंटे बाद: 140 mg/dL से कम
HbA1c: 4.0% से 5.6%

40 साल की उम्र में शुगर को नियंत्रित रखने के उपाय 

  1. फाइबर युक्त भोजन

  2. मीठा और प्रोसेस्ड फूड त्यागना 

  3. समय पर भोजन करें

  4. लो-ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थ

  5. भरपूर नींद लें

 

  1. फाइबर युक्त भोजन - 40 साल की उम्र के बाद शरीर में मेटाबॉलिज्म धीमा होने लगता है, ऐसे में फाइबर युक्त भोजन शुगर नियंत्रण में बेहद फायदेमंद होता है। और फाइबर एक ऐसा पोषक तत्व है जो शरीर में शुगर के अवशोषण की गति को धीमा करता है, जिससे खाने के बाद अचानक ब्लड शुगर नहीं बढ़ता। यह भोजन को धीरे-धीरे पचने देता है और इंसुलिन पर दबाव नहीं पड़ने देता। इसके अलावा संतुलित मात्रा में फाइबर लेना जरूरी है क्योंकि ज्यादा मात्रा में अचानक फाइबर बढ़ाने से गैस या अपच हो सकती है। पानी के साथ पर्याप्त मात्रा में फाइबर लेने से उसका असर और बेहतर होता है।

    आहार

     
  2. मीठा और प्रोसेस्ड फूड त्यागना - 40 साल की उम्र में अगर मीठा और प्रोसेस्ड फूड त्याग देते हैं, तो इसका सीधा असर आपके ब्लड शुगर लेवल पर पड़ता है। क्योंकि ऐसे शरीर में ग्लूकोज का स्तर स्थिर रहता है, जिससे इंसुलिन पर दबाव नहीं आता और डायबिटीज़ को कंट्रोल करना या उससे बचाव करना आसान हो जाता है। और सबसे अच्छी बात की जब आप प्रोसेस्ड फूड और शक्कर छोड़ते हैं, तो वजन धीरे-धीरे कम होने लगता है। मोटापा, खासकर पेट के आसपास की चर्बी, टाइप 2 डायबिटीज़ का बड़ा कारण होती है। वजन कम होते ही शरीर की इंसुलिन सेंसिटिविटी बेहतर होती है, जिससे शुगर को कोशिकाओं तक पहुंचाना आसान होता है। इसलिए ये उपाय 40+ उम्र में ब्लड शुगर का सामान्य स्तर कर सकता है। 

    समय पर भोजन करें

     
  3. समय पर भोजन करें - 40 साल की उम्र में अगर आपको शुगर को नियंत्रित रखना है तो समय पर भोजन करना बहुत फायदेमंद होता है। क्योंकि समय से भोजन करने से मेटाबॉलिज्म बेहतर तरीके से काम करता है। इससे शरीर को यह पता होता है कि उसे कब ऊर्जा मिलेगी, जिससे इंसुलिन का उत्पादन भी नियंत्रित रहता है और पाचन प्रक्रिया सुचारू बनी रहती है। यह आदत इंसुलिन रेजिस्टेंस को कम करने में भी मदद करती है, जो टाइप 2 डायबिटीज़ का एक प्रमुख कारण है। इसलिए 40 की उम्र में यह आदत न केवल डायबिटीज़ को कंट्रोल करने में मदद करती है, बल्कि पूरे शरीर की कार्यप्रणाली को संतुलित और मजबूत बनाती है।
     

  4. लो-ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थ - 40 साल की उम्र में लो-ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थों को अपनाना शुगर नियंत्रण के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसमें खाद्य पदार्थ जैसे ओट्स, ब्राउन राइस, चना, राजमा, हरी सब्जियां और कुछ फल जैसे सेब, संतरा और नाशपाती फाइबर से भरपूर होते हैं, जो पाचन में मदद करते हैं और शरीर में सूजन कम करते हैं। और यही नहीं सूजन और ब्लड शुगर का गहरा संबंध होता है, इसलिए सूजन को कम करना भी डायबिटीज़ कंट्रोल में सहायक होता है।  इसलिए इस उम्र में लो-ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थों को अपनाना एक स्थिर, संतुलित और दीर्घकालिक स्वास्थ्य की दिशा में ठोस कदम है, जो ना केवल शुगर को नियंत्रित करता है बल्कि पूरी जीवनशैली को बेहतर बनाता है। इसलिए ये उपाय 40 साल के बाद शुगर नियंत्रण का सही समाधान हो सकता है। 
    भरपूर नींद लें
  5. भरपूर नींद लें - 40 साल की उम्र में भरपूर नींद लेना शारीरिक, मानसिक और हार्मोनल सेहत के लिए बेहद जरूरी हो जाता है। क्योंकि भरपूर नींद लेने से ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित रहता है। नींद की कमी से शरीर में इंसुलिन का प्रभाव कम हो जाता है, जिससे ब्लड शुगर बढ़ने लगता है। पर्याप्त नींद लेने से इंसुलिन सेंसिटिविटी बेहतर होती है और डायबिटीज़ का खतरा घटता है। साथ ही नींद हार्मोनल संतुलन को बनाए रखने में मदद करती है, खासकर ऐसे हार्मोन्स जो भूख, पाचन और वजन से जुड़े होते हैं। नींद की कमी से भूख बढ़ाने वाला हार्मोन (घ्रेलिन) बढ़ जाता है और पेट भरने का संकेत देने वाला हार्मोन यानी लेप्टिन घट जाता है, जिससे अधिक खाने की संभावना रहती है। इसलिए भरपूर नींद लेंना हाई ब्लड शुगर रोकने के उपाय बन सकता है। 
     

आज इस आर्टिकल में हमने 40 साल की उम्र में शुगर कितना होना चाहिए इस विषय में जाना, और साथ हीआपने जाना की कैसे कुछ आयुर्वेदिक उपचार से इस समस्या में आपके काम आ सकते हैं, लेकिन आप केवल इन सुझावों पर निर्भर ना रहें समस्या अगर ज्यादा गंभीर है, तो डॉक्टर से संपर्क जरूर करें, और ऐसे ही आर्टिकल और ब्लॉग्स के लिए जुड़े रहें आयु कर्मा के साथ।




FAQ

 

 

  • 40 से 50 साल की उम्र में शुगर लेवल कितना होना चाहिए? 
    40 से 50 साल की उम्र में खाली पेट शुगर 70 से 99 mg/dL के बीच होनी चाहिए। खाने के दो घंटे बाद शुगर 140 mg/dL से कम होनी चाहिए। HbA1c का स्तर 4.0 से 5.6% के बीच सामान्य माना जाता है। अगर यह स्तर इससे ऊपर जाए तो शुगर कंट्रोल की जरूरत होती है।

     
  • शुगर लेवल 200 से ऊपर होने पर क्या होता है?
    शुगर लेवल 200 से ऊपर होने पर शरीर में थकान, बार-बार पेशाब, प्यास लगना, धुंधला दिखना और घाव देर से भरना जैसे लक्षण हो सकते हैं। यह डायबिटीज़ का संकेत हो सकता है और तुरंत इलाज की जरूरत होती है।

     
  • कौन सा शुगर खतरनाक होता है? 
    खाली पेट 126 mg/dL से ऊपर या खाने के बाद 200 mg/dL से ऊपर शुगर खतरनाक मानी जाती है। लगातार हाई शुगर रहने पर दिल, किडनी, आंख और नसों को नुकसान हो सकता है।

     
  • शुगर का लास्ट लेवल कितना होता है?
    शुगर का कोई "लास्ट लेवल" तय नहीं होता, लेकिन जब ब्लड शुगर 400–500 mg/dL से ऊपर पहुंचता है, तो यह जानलेवा हो सकता है। ऐसी स्थिति में तुरंत मेडिकल इलाज जरूरी होता है।

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