आपकी सभी स्वास्थ्य समस्याओं के लिए विशेषज्ञ स्वास्थ्य पेशेवरों द्वारा अनुशंसित आयुर्वेदिक उपचार, उपचार और सलाह
बदलते लाइफस्टाइल और खरब खान-पान की वजह से यूरिक एसिड की समस्या होना आम बात हो गई है। यूरिक एसिड तब बढ़ता है जब किडनी किसी वजह से सही से काम नहीं कर पाती है। जब किडनी के काम करने की क्षमता खत्म होने लगती है, तो शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने लगता है, लेकिन यूरिक एसिड की रामबाण दवा करके इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।
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बेकिंग सोडा का सेवन करना बहुत फायदेमंद माना जाता है। इसे एक गिलास पानी में घोलकर पीने से यूरिक एसिड के स्तर को कम किया जा सकता है। बेकिंग सोडा को यूरिक एसिड की दवा माना जाता है।
गिलोय में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं। गिलोय का जूस पीने से शरीर में यरिक एसिड के लेवल को कम किया जा सकता है। इसमें मौजूद गुण जोड़ों के दर्द को भी कम करते हैं।
त्रिफला को यूरिक एसिड की दवा माना जा सकता है। त्रिफला का सेवन करने से गठिया के दर्द को दूर किया जा सकता है। त्रिफला को अमलकी, हरितकी, बिभीतक से मिलाकर बनाया जाता है। त्रिफला में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण जोड़ों में आ रही सूजन को कम कर सकते हैं।
नीम का आयुर्वेदिक दवाइयां बनाने में बहुत इस्तेमाल किया जाता है। आयुर्वेद में नीम का इस्तेमाल गठिया के दर्द से राहत पाने के लिए भी किया जाता है। नीम को पीसकर दर्द वाली जगह पर लगाने से सूजन और दर्द में राहत पाई जा सकती है।
हल्दी में करक्यूमिन नाम का कंपाउंड मौजूद होता है। ये बीमारियों को ठीक करने में रामबाण मानी जाती है। हल्दी में कई तरह के औषधीय गुण मौजूद होते हैं, जो अर्थराइटिस के लक्षणों को कम करने के लिए जाने जाते हैं। हल्दी को यूरिक एसिड की दवा कहा जा सकता है।
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आयुर्वेद में गोखरू की चाय का सेवन करने से भी यूरिक एसिड के लेवल को काफी हद तक कम किया जा सकता है। इसका सेवन करने से जोड़ों के दर्द और सूजन में राहत मिलती है। इसके लिए आप एक गिलास में गोखरू का पाउडर मिलाएं और उसें सौंठ मिला लें। इसे पकाकर पी लें। इस चाय का सेवन करने से जोड़ों में हो रहे दर्द और सूजन में राहत मिल सकती है।
अजवाइन में बहुत तरीके के औषधीय गुण पाए जाते हैं। ऐसे में इसका सेवन करने से यूरिक एसिड को धीरे-धीरे कम किया जा सकता है। आप अजवाइन का इस्तेमाल करके यूरिक एसिड में राहत पा सकते हैं।
सेब का सिरका भी कई बीमारियों को दूर करने के लिए जाना जाता है। एक गिलास पानी में थोड़ा-सा सेब का सिरका डालकर उसका एक दिन में 2-3 बार सेवन करें। ऐसा रोजाना करने से यूरिक एसिड के लेवल को कम किया जा सकता है।
अलसी के बीज भी यूरिक एसिड को कम करने के लिए जाने जाते हैं। अलसी के बीज को आटा गूंथते वक्त डाल सकते हैं। इसमें मौजूद पोषक तत्व यूरिक एसिड को कम करने में मदद कर सकते हैं।
करेले में कई तरह के औषधीय गुण मौजूद होते हैं। इसका सेवन करने से वात्त दोष में आराम मिलता है। आयुर्वेद में यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के लिए करेला खाने की सलाह दी जाती है। इसके सेवन से यूरिक एसिड कम हो सकता है।
तो जैसा कि आपने जाना कि यूरिक एसिड की रामबाण दवा का इस्तेमाल कैसे किया जाता है। ऐसे में फिर भी इसका सेवन करने से पहले आप एक बार अपने डॉक्टर से सलाह जरूर कर लें, क्योंकि डॉक्टर आपकी रिपोर्ट्स देखकर बेहतर तरीके से बता सकते हैं कि ये उपाय उनके लिए ठीक हैं या नहीं।
अगर आपको भी यूरिक एसिड बढ़ने की समस्या हो रही है, तो आप अपना इलाज आयु कर्मा में आकर करवा सकते हैं। आयु कर्मा डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना पूर्णतः प्राचीन भारतीय आयुर्वेद के सहारे से किडनी फेल्योर का इलाज कर रहा है। यहां न सिर्फ किडनी से जुड़ी बीमारियों का इलाज किया जाता है, बल्कि कई अन्य बीमारी जैसे कि कैंसर, ल्यूकोडर्मा, सोरायसिस, क्रिएटिनिन, प्रोटीन्यूरिया आदि बीमारियों का इलाज भी किया जाता है।
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FEB 23,2022 - FEB 22,2025