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पेट में गैस आज कल के समय में एक बहुत ही आम समस्या है, इसका कारण आज की भागदौड़ भरी जिंदगी, अनियमित खानपान और तनाव भरी दिनचर्या है, और पेट में गैस बनना न केवल असहजता पैदा करता है, बल्कि यह अपच, पेट फूलना, सीने में जलन और कभी-कभी सिरदर्द जैसे लक्षणों का कारण भी बन सकता है। ये शुरुआती समय में बहुत आम समस्या लगती है जिसे लोग बहुत हल्के में लेते हैं, पर समय के साथ ये समस्या गंभीर पाचन समस्याओं को जन्म दे सकता है। आज इस आर्टिकल में हम पेट की गैस को जड़ से खत्म करने के उपाय के बारे में बात करेंगे साथ ही इसके लक्षणों और कारणों पर भी ध्यान देंगे, जिससे आप गैस बनने के कारण और इलाज के बारे में जानेंगे जो बिना किसी साइड इफेक्ट के आपको सकारात्मक असर दिखाएंगे।
डकार आना - गैस जब पेट से ऊपर की ओर निकलती है, तो बार-बार डकारें आने लगती हैं।
पेट फूलना - गैस जमा होने के कारण पेट भारी और फूला हुआ महसूस होता है।
गुड़गुड़ाहट की आवाज़ें - आंतों में गैस के कारण अंदर से अजीब सी गुड़गुड़ाहट जैसी आवाजें आती हैं।
गैस पास होना - गैस जब नीचे की ओर जाती है तो बार-बार पाद आने लगते हैं।
अपच - खाना ठीक से न पच पाने के कारण पेट में जलन और भारीपन महसूस होता है।
हिचकी - पेट में गैस का दबाव डायाफ्राम पर पड़ने से बार-बार हिचकियाँ आने लगती हैं।
उल्टी जैसा मन - गैस के कारण पेट में घुटन और भारीपन होने से उल्टी जैसा लगने लगता है।
जी मिचलाना - गैस की वजह से पेट में असहजता और घबराहट महसूस होती है जिससे मन बेचैन रहता है।
जल्दी या अचानक ज़्यादा खाना - अचानक बहुत ज़्यादा खाना खाने से पाचन तंत्र पर दबाव पड़ता है, जिससे गैस बनती है।
गैस बनाने वाले खाद्य पदार्थ - राजमा, छोले, गोभी जैसे खाद्य पदार्थ आंतों में अधिक गैस उत्पन्न करते हैं।
गलत खानपान - तला-भुना, ज़्यादा मसालेदार या अनहेल्दी खाना पाचन को बिगाड़ देता है और गैस बढ़ाता है।
अचानक ज़्यादा खाना या जल्दी खाना - बहुत जल्दी खाना खाने से हवा भी साथ में निगल जाती है, जो गैस का कारण बनती है।
अधपका या बिना चबाए खाना निगलना - अधपका या अच्छे से न चबाया गया खाना पेट में सड़ता है, जिससे गैस बनती है।
चिंता और तनाव - मानसिक तनाव से पाचन धीमा हो जाता है, जिससे गैस और अपच की समस्या होती है।
कम पानी पीना - पर्याप्त पानी न पीने से पाचन सही नहीं होता और गैस व कब्ज की समस्या होती है।
कब्ज - मल पूरी तरह बाहर न निकल पाने की वजह से गैस आंतों में फंस जाती है और पेट फूलने लगता है।
अजवाइन - अजवाइन को पेट की गैस और पाचन से जुड़ी समस्याओं के लिए एक बेहद कारगर उपाय माना गया है। क्योंकि जब पेट में गैस बनती है, तो वह आमतौर पर भोजन के ठीक से न पचने या पेट में एसिड बनने के कारण होती है। अजवाइन में थायमोल नाम का एक सक्रिय यौगिक होता है, जो पाचन एंजाइमों के स्त्राव को बढ़ावा देता है। इससे भोजन बेहतर तरीके से पचता है और पेट में गैस बनने की प्रक्रिया रुक जाती है। यही नहीं, जो गैस पहले से बनी हुई होती है, उसे यह बाहर निकालने में भी मदद करता है। इसलिए गैस से तुरंत राहत पाने के उपाय में अजवाइन बहुत फायदेमंद है।
सौंफ - सौंफ एक बहुत ही प्रभावी और स्वादिष्ट मसाला है, ये केवल भोजन का स्वाद ही नहीं बढ़ाता बल्कि पेट की बहुत सी समस्याओं को भी दुर करने में भी बेहद प्रभावी है। ज्यादातर जगह पर इसे माउथ फ्रेशनर के रूप में उपयोग की जाती है, पर इसका सही उपयोग हम औषधि की तरह भी कर सकते हैं, इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह बहुत ही गएन्टल होती है। इसका सेवन छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक आसानी से किया जा सकता है। जब पेट भारी महसूस होता है, डकारें आ रही होती हैं, पेट फूला हुआ लगता है या हल्का दर्द हो रहा होता है, ऐसे में सौंफ चबाना या उसका पानी पीना बहुत राहत देता है। तो अगर हम बात करें पेट फूलने की आयुर्वेदिक दवा के बारे में तो सौंफ इस समस्या में काफी फायदेमंद है।
हींग - भारतीय किचन में हिंग का मिलन बहुत ही सामान्य बात है, इसका स्वाद तेज और गंध तीव्र होती है, लेकिन इसके पेट संबंधी फ़ायदों को अगर देखा जाए, तो यह एक अद्भुत औषधि है, खासकर गैस, अपच, पेट दर्द और ऐंठन के लिए। इसके प्रयोग से पेट की मांसपेशियों में जमा तनाव कम होता है, जिससे गैस के कारण होने वाला दर्द या मरोड़ शांत होता है। हींग आंतों की गति को भी बेहतर बनाती है, जिससे खाना अच्छे से आगे बढ़ता है और सड़ने की वजह से गैस नहीं बनती। इसके अलावा, यह पेट में बनने वाली अतिरिक्त अम्लता को भी संतुलित करती है, जिससे एसिडिटी और खट्टी डकार जैसी समस्याओं में भी राहत मिलती है।
पुदीना - पुदीना एक सुगंधित, ठंडक देने वाला और औषधीय पौधा है, जो पेट की बहुत सी समस्याओं को ठीक करता है, जब पेट में गैस बनती है, तो आमतौर पर यह आंतों में फंसी रहती है और पेट में सूजन, मरोड़ या भारीपन का कारण बनती है। पुदीना में मौजूद मेन्थॉल नामक प्राकृतिक यौगिक गैस को बाहर निकालने, आंतों की मांसपेशियों को आराम देने और पाचन को गति देने में मदद करता है। साथ ही पुदीना पूरी तरह से प्राकृतिक, शीतल और सौम्य औषधि है, जो न केवल पेट की गैस में राहत देती है, बल्कि पूरे पाचन तंत्र को संतुलित और स्वस्थ बनाए रखती है।
आज के इस आर्टिकल में हमने पेट की गैस को जड़ से खत्म करने के उपाय, के बारे में, बात करी और आपने जाना की कैसे कुछ घरेलू और आयुर्वेदिक उपचार इस समस्या में आपके काम आ सकते हैं, लेकिन आप सिर्फ इन सुझावों पर निर्भर ना रहें समस्या अगर ज्यादा गंभीर है तो डॉक्टर से संपर्क ज़रूर करें या कर्मा आयुर्वेद अस्पताल में भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं। हेल्थ से जुड़े ऐसे और भी ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें अयुकर्मा के साथ।
FAQ
पेट से फंसी हुई गैस निकालने के लिए गरम पानी पिएं, अजवाइन या हींग का सेवन करें और पवनमुक्तासन जैसे योग करें इससे गैस आसानी से बाहर निकलती है।
पेट में गैस हमेशा के लिए खत्म करने के लिए जो भी खाद्य पदार्थ पाचन के लिए अच्छा हो ऐसे ही भोजन का सेवन करें, अजवाइन-सौंफ जैसे घरेलू उपाय अपनाएं, नियमित व्यायाम और योग करें, तनाव कम करें और पर्याप्त पानी पिएं।
गैस का पक्का इलाज है, संतुलित आहार, समय पर खाना, पाचन सुधारने वाले घरेलू उपाय जैसे अजवाइन, सौंफ, हींग, रोज़ाना व्यायाम और योग करना।
Sheela Jain
Hi, I'm Sheela. I struggled with painful skin rashes for years. After facing side effects from other medicines, I turned to Ayukarma. The facilities impressed me, and after 1.5 months of treatment, my skin completely healed. I'm so grateful for their care and effective treatment.
Kapil
I'm Kapil from Jhajjar. I had gallbladder stones and wanted an herbal solution. I chose Ayukarma and followed their treatment and diet plan. In a month, my symptoms eased, and scans showed major improvement. After two months, the stones were gone. Truly thankful for their help.
Tina Yadav
I'm Tina from Delhi. I suffered from severe sinus issues for years. After learning about Panchakarma therapy, I visited Ayukarma. The staff was great, and therapy was done as per Ayurvedic texts. After treatment, my symptoms improved significantly. I highly recommend them for sinus problems.
Dravya Mathur
Ayukarma helped me manage proteinuria naturally. The Ayurvedic herbs they prescribed reduced my symptoms without side effects. I’ve noticed improvements in my kidney function too. Their treatment has been safe, effective, and deeply healing. I highly recommend them.
Karan a
My friend’s dad had colon cancer with severe symptoms. After starting treatment at Ayukarma, he showed major improvement in a few months. His recovery is ongoing, and he now strongly recommends Ayukarma for anyone dealing with similar issues.
Sumit Mehra
My aunt, Rita Mehra, had early-stage breast cancer. She began treatment at Ayukarma, and the use of herbal medicines helped prevent the cancer from spreading. Best part, no side effects. Dr. Puneet and the team were excellent throughout. Huge thanks to them!
Kriya
I’m Kriya from Delhi. Diagnosed with early-stage tonsil cancer, I couldn’t tolerate allopathic treatment. Switching to Ayukarma was the best decision. Their herbal therapy eased my symptoms and improved my health significantly. I’m hopeful for a full recovery.
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