आपकी सभी स्वास्थ्य समस्याओं के लिए विशेषज्ञ स्वास्थ्य पेशेवरों द्वारा अनुशंसित आयुर्वेदिक उपचार, उपचार और सलाह
आजकल बदलते लाइफस्टाइल और खराब खान-पान की वजह से शरीर में मौजूद एनर्जी पित्त में बलदने लगती है। अगर शरीर में पित्त इमबैलेंस होने लगे, तो आप तरह-तरह की बीमारियों के शिकार होने लगते हैं और आयुर्वेद की मानें तो सिर्फ पित्त के बिगड़ने से ही आप कई तरह की बीमारियों के शिकार हो सकते हैं, लेकिन पित्त का रामबाण इलाज करके आप इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं।
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आंवले से पित्त का इलाज बेहतरीन तरीके से किया जा सकता है। इसका जूस पीने से पित्त को संतुलित किया जा सकता है। इसमें मौजूद पोषक तत्व पित्त को संतुलित करने में मददगार साबित होते हैं।
पित्त दोष को संतुलित करने के लिए गुलाब की पंखुड़ियां भी जानी जाती हैं। आप इन्हें पीसकर इनका गुलकंद बनाकर पी सकते हैं। इसकी तासीर इतनी ठंडी होती है कि शरीर की अग्नि को शांत करने में मदद कर सकती है।
शरीर में पित्त की मात्रा बढ़ने पर आप सौंफ, धनिया का पानी भी पी सकते हैं। इसके लिए आप एक चम्मच सौंफ और धनिए को रात को एक गिलास पानी में भिगोकर रख लें। इसे पानी में भिगोकर सुबह लेने से आपको बहुत फायदा हो सकता है। इसे पित्त दोष का इलाज माना जा सकता है।
आप पित्त दोष का इलाज करने के लिए डाइट में घी को भी शामिल कर सकते हैं। पित्त को संतुलित करने में घी बहुत मददगार साबित होता है। आप घी को दाल, सब्जी में मिलाकर खा सकते हैं।
मुनक्का को भी पित्त दोष शांत करने में काफी मददगार माना जाता है। दूध में मुनक्का उबालकर पीने से पित्त को संतुलित करने में बहुत मदद मिल सकती है। मुनक्का से पित्त का इलाज आसानी से किया जा सकता है।
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वहीं आप पित्त को शांत करने के लिए एलोवेरा, व्हीटग्रास का सेवन भी कर सकते हैं। इनका जूस बनाकर पीने से पित्त को आसानी से संतुलित किया जा सकता है। इसका जूस आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है।
पूरी नींद लेने से शरीर को आराम मिलता है। इससे पाचन और मेटाबोलिज्म में भी सुधार होता है। आयुर्वेद के अनुसार, रोजाना 7-8 घंटे की नींद लेने से पित्त दोष की समस्या से छुटकारा मिल सकता है।
शरीर में पित्त दोष बढ़ने से अग्नि की मात्रा भी बढ़ जाती है। ऐसे में ज्यादा से ज्यादा मात्रा में पानी पीकर पित्त दोष को शांत किया जा सकता है।
आप अपनी डाइट में हरी सब्जियां जैसे कि पत्तेदार सब्जी, बींस, लौकी, दाले, शिमला मिर्च को शामिल करके पित्त दोष से राहत पा सकते हैं।
योग और प्राणायाम करने से न सिर्फ आप मानसिक रूप से सही रहते हैं, बल्कि शारीरिक रूप से भी स्वस्थ रहते हैं। योग और प्राणायाम करने से पित्त से जुड़ी सारी समस्याओं को ठीक किया जा सकता है। इसके लिए आप अपने रूटीन में अनुलोम-विलोम, कपालभाति, भ्रामरी को शामिल कर सकते हैं।
आप पित्त दोष को शांत करने के लिए अपनी डाइट में धनिया, सौंफ, पुदीना की चाय को शामिल कर सकते हैं। इससे पाचन तंत्र भी दुरुस्त होता है।
तो जैसा कि आपने जाना कि पित्त का रामबाण इलाज किस तरह से करके आप इससे छुटकारा पा सकते हैं। ऐसे में अगर आपको भी पित्त की समस्या हो रही है, तो आप इन उपायों को अपनाने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से सलाह जरूर कर लें।
अगर आपको भी पित्त दोष या उससे जुड़ी किसी भी तरह की दिक्कत महसूस हो रही है, तो आप अपना इलाज आयु कर्मा में आकर करवा सकते हैं। आयु कर्मा डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना पूर्णतः प्राचीन भारतीय आयुर्वेद के सहारे से किडनी फेल्योर का इलाज कर रहा है। यहां न सिर्फ किडनी से जुड़ी बीमारियों का इलाज किया जाता है, बल्कि कई अन्य बीमारी जैसे कि कैंसर, ल्यूकोडर्मा, सोरायसिस, क्रिएटिनिन, प्रोटीन्यूरिया आदि बीमारियों का इलाज भी किया जाता है।
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FEB 23,2022 - FEB 22,2025