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देसी कैंसर इलाज: कैंसर की देसी दवा

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देसी कैंसर इलाज: कैंसर की देसी दवा

कैंसर कितनी खतरनाक और जानलेवा बीमारी है, ये तो आप और हम दोनों ही जानते हैं। इसके लक्षणों का जल्दी पता चलने से इसकी रोकथाम की जा सकती है, लेकिन अगर एक बार इसके बारे में देरी से पता चले, तो इसकी रोकथाम करना मुश्किल हो सकता है। लेकिन कैंसर की आयुर्वेदिक दवा यानी कि कर्क रोग की आयुर्वेदिक दवा की मदद से इस पर काबू पाया जा सकता है –

कैंसर के लक्षण

कैंसर के लक्षण सही समय पर पता लगने से कैंसर के दर्द की आयुर्वेदिक दवा करके उसका इलाज किया जा सकता है। ऐसे में इसके कुछ मुख्य लक्षण इस प्रकार हैं:

  1. बुखार
  2. वजन कम होना
  3. त्वचा पर बदलाव
  4. निगलने में दिक्कत
  5. सांस लेने में समस्या

कैंसर के कारण

कैंसर होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं, लेकिन आयुर्वेदिक कैंसर की दवा करने से इस बीमारी का इलाज पाना संभव हो सकता है। ऐसे में कैंसर के कुछ मुख्य कारण जान लें:

  1. पौष्टिक आहार न लेना
  2. शराब पीना
  3. धूम्रपान करना
  4. इंफेक्शन हो जाना
  5. वजन का ज्यादा बढ़ना
  6. फिजिकल एक्टिविटीज न करना

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कैंसर का आयुर्वेदिक दवा

वैसे तो कैंसर होने पर सबसे पहले एलोपैथिक दवाओं पर ही भरोसा किया जाता है, लेकिन कैंसर आयुर्वेदिक दवा भी आपको इस बीमारी से छुटकारा दिलाने में मदद कर सकती है।

1. हल्दी

हल्दी - कैंसर की देसी दवा

हल्दी में करक्यूमिन नाम का पदार्थ होता है। हल्दी में मौजूद इस गुण की वजह से ही ये अलग-अलग बीमारियों के इलाज में काम आती है। ऐसे में हल्दी को कैंसर के लिए आयुर्वेदिक दवा माना जा सकता है।

2. गिलोय

गिलोय - कैंसर की देसी दवा

गिलोय को कैंसर बीमारी का आयुर्वेदिक दवा माना जाता है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-कैंसर और इम्यूनोमॉड्यूलेटरी गुण होते हैं। इसका सेवन करने से कैंसर के रिस्क को काफी हद तक कम किया जा सकता है। इस जड़ी-बूटी को कैंसर की देसी दवा कहा जा सकता है।

3. कालमेघ

कालमेघ - कैंसर की देसी दवा

कालमेघ भी कैंसर की देसी दवा में से एक है। इसमें कैंसरोलिटिक प्रभाव होता है। इसका सेवन न सिर्फ इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है, बल्कि कैंसर सेल्स को बढ़ावा लेने से भी रोकता है।

4. आंवला

आंवला - कैंसर की देसी दवा

आंवले के अर्क का सेवन करने से कैंसर के रिस्क को कम करने में मदद मिल सकती है। आंवले में एंटीकैंसर का प्रभाव होता है। ऐसे में इसका सेवन करने से कैंसर सेल्स को रोकने में मदद मिल सकती है। ऐसे में आंवले को कैंसर की देसी दवा कहा जा सकता है।

5. अश्वगंधा

अश्वगंधा - कैंसर की देसी दवा

वहीं अश्वगंधा को भी कई आयुर्वेदिक दवाइयां बनाने में इस्तेमाल किया जाता है। इसे कैंसर ठीक करने के लिए भी जाना जाता है। इसका सेवन करने से तनाव, चिंता, कमजोरी को भी दूर किया जा सकता है। अश्वगंधा को काढ़े के रूप में लेने से कैंसर को रोका जा सकता है। अश्वगंधा को कैंसर की देसी दवा माना जा सकता है।

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6. त्रिफला

त्रिफला - कैंसर की देसी दवा

त्रिफला में आमलकी हरीतकी और विभीतक का चूर्ण हो जाता है। इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सिडेंट ट्यूमर और कैंसर सेल्स से लड़ने में बहुत मददगार साबित होते हैं। ऐसे में त्रिफला को भी कैंसर की देसी दवा कहा जा सकता है।

7. टमाटर

टमाटर - कैंसर की देसी दवा

टमाटर में कैंसररोधी गुण जैसे कि बीटा कैरोटीन और लाइकोपीन तत्व पाए जाते हैं। इसमें प्रोस्टेट कैंसर को रोकने वाले गुण मौजूद होते हैं। कैंसर की देसी दवा में टमाटर भी शामिल है।

8. अदरक

अदरक - कैंसर की देसी दवा

वहीं अदरक को भी कैंसर की देसी दवा माना जाता है। इसमें मौजूद औषधीय गुण शरीर में मौजूद टॉक्सिन्स को बाहर निकालने का काम करते हैं। इसका सेवन करने से स्किन, ब्रेस्ट, कैंसर होने की आशंका को कम किया जा सकता है। ऐसे में आप इसका सेवन कर सकते हैं।

9. लहसुन

लहसुन - कैंसर की देसी दवा

लहसुन में ऐसे तत्व मौजूद होते हैं, जो कैंसर से बचाने में मदद करते हैं। रोजाना कच्चे लहसुन की एक या दो कली खाने से कैंसर का खतरा काफी हद तक कम हो सकता है। ऐसे में लहसुन को कैंसर की देसी दवा माना जा सकता है।

10. ग्रीन टी

ग्रीन टी - कैंसर की देसी दवा

ग्रीन टी पीने से कैंसर का खतरा काफी हद तक कम हो सकता है। ये प्रोस्टेट कैंसर से बचाने में भी मददगार साबित होती है। ऐसे में ग्रीन टी को कैंसर की देसी दवा कहा जा सकता है।

तो जैसा कि आपने जाना कि कैंसर की देसी दवा क्या है? लेकिन अगर आप इन उपायों को आजमाने की सोच रहे हैं, तो एक बार अपने डॉक्टर से सलाह जरूर करें।

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निष्कर्ष

अगर आपको भी कैंसर या उससे जुड़ी किसी तरह की समस्या हो रही है, तो आप अपना इलाज कर्मा आयुर्वेदा में आकर करवा सकते हैं। यहां पर सन् 1937 से किडनी और अन्य कई बीमारी के रोगियों का इलाज किया जा रहा है और हाल ही में इसे डॉ. पुनीत धवन संभाल रहे हैं। डॉ. पुनीत न सिर्फ भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में किडनी की बीमारी से जूझ रहे रोगियों का इलाज कर रहे हैं, क्योंकि आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है। कर्मा आयुर्वेदा डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना ही भारतीय आयुर्वेद के सहारे किडनी फेलियर का इलाज कर रहा है।

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FEB 23,2022 - FEB 22,2025