आपकी सभी स्वास्थ्य समस्याओं के लिए विशेषज्ञ स्वास्थ्य पेशेवरों द्वारा अनुशंसित आयुर्वेदिक उपचार, उपचार और सलाह
जोड़ों में दर्द होना एक निश्चित उम्र के बाद बहुत ही आम बात है और कुछ करणों से ये समस्या बहुत जल्दी भी सामने आ सकती है इस दर्द की वजह से हमेशा के दैनिक कार्यों में तकलीफ़ होना सामान्य है। आज इस आर्टिकल में हम आपको जोड़ों के दर्द की आयुर्वेदिक दवा के बारे में बताने वाले हैं जो बहुत ही सरल और विश्वनीय भी है पर उसे पहले हम जोड़ों के दर्द होने के कारणों पर ध्यान देंगे।
जोड़ों में दर्द होने के बहुत से कारण होते हैं, पर कुछ साधारण से कारण कुछ इस प्रकार है:
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अश्वगंधा आयुर्वेद में सबसे प्रमुख जड़ी बूटियों में से एक है जिसमे बहुत से गुण होते हैं जो केवल हमारे जोड़ों ही नहीं पुरे शरीर के लिए भी फायदेमंद होते हैं और ये हमारे जोड़ों के अंदर तक जाते हैं साथ ही इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज भी होते हैं जो दर्द और सुजन को कम करने की कोशिश करते हैं और ये प्राकृतिक रूप से दर्द से भी आराम दिलाने में मदद करते हैं।
जानकारी - अश्वगंधा का सेवन करते समय इसकी मात्रा पर ध्यान दें क्योंकि अधिक मात्रा से नुकसान भी हो सकता है गर्वाव्स्था और स्तनपान के समय इसे अवॉयड करें और यदि आप डायबिटीज की दवा ले रहे हैं तो चिकित्सक से ज़रूर सम्पर्क करें क्योंकि अश्वगंधा शुगर भी कम करता है जिस वजह से आपके शरीर में शुगर की मात्रा कम भी हो सकती है।
हल्दी को बहुत समय से ही दर्द और अन्य रोगों के लिए उपयोग में लाया जाता है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट प्रॉपर्टीज होते हैं, जिससे दर्द और सूजन से आराम मिलता है साथ ही ये वात दोष को बैलेंस भी करता है इसलिए हल्दी को सालों से दर्द के लिए असरदार माना जाता है।
जानकारी - हल्दी का उचित प्रयोग न करने से एसिडिटी, पेट में जलन जैसी समस्या भी आ सकती हैं। जिन लोगों को एलर्जी की समस्या है उन लोगों को सबसे पहले चिकित्सक से सम्पर्क करना चाहिए और साथ ही लम्बे समय तक हल्दी का सेवन करना लीवर पर भार डाल सकता है।
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सरसों के तेल को दर्द के लिए बहुत असरदार माना जाता है क्योंकि इसमें बहुत से एसे गुण होते हैं जो मांसपेशियों के लिए अच्छे माने जाते हैं इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज हैं जो दर्द और सूजन को कम करने की कोशिश करता है ये ब्लड सर्कुलेशन भी सुधारता है जिससे मांसपेशियों तक सारे पोषण अच्छे से पहुंच पाते हैं।
जानकारी - तेल से मालिश करते वक़्त ध्यान रखें कि मालिश हल्के हाथों से हो ज़्यादा प्रेशर डालने से दर्द बढ़ भी सकता है और तेल को पहले हल्का गर्म कर के ही प्रयोग में लाएं।
त्रिफला बहुत ही असरदार औषधियों में से एक है। इसमें आंवला, बेहड़ा और हरड के एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो मांसपेशियों के दर्द और सुजन को जल्द ही खत्म करने की कोशिश करते हैं यही नहीं त्रिफला में मौजूद फाइबर पाचन तंत्र को भी मजबूत बनाते हैं।
जानकारी - त्रिफला का अधिक सेवन पाचन तंत्र में परेशानी का कारण भी बन सकता है और यदि आप गर्भवती हैं या स्तनपान कराती हैं तो चिकित्सक से ज़रूर सलाह लें।
आज इस आर्टिकल में हमने जाना जोड़ों के दर्द की दवा जो बहुत ही सरल है पर सभी दवाओं को इस्तमाल करने से पहले आप इनकी मात्रा का ज़रूर ध्यान दें और जोड़ों में दर्द ज़्यादा होने पर सर्वप्रथम चिकित्सक से सलाह लें और एसे ही हेल्थ रिलेटेड आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहे आयु कर्मा के साथ।
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FEB 23,2022 - FEB 22,2025