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क्या आप भी घेंघा रोग से परेशान हैं? घेंघा रोग यह बीमारी आजकल आम होती जा रही है। घेंघा रोग में खानपान का ध्यान रखना किसी भी रोगी के लिए बेहद जरूरी होता है, इसलिए जितना जानना आपके लिए यह जरूरी है कि इस रोग में क्या खाना चाहिए ,उतना ही आपके लिए यह भी जानना जरूरी है कि घेंघा रोग में क्या नहीं खाना चाहिए। गले में होने वाली इस समस्या को गलगंड रोग भी कहा जाता है। लोग अक्सर पूछते हैं कि क्या गलगंड रोग में भोजन परहेज जरूरी होता है। जी हां बिल्कुल ! गलगंड रोगियों यानी घेंघा रोगियों को अपने खान-पान का विशेष ध्यान रखना चाहिए ,कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ हैं जिनसे उन्हें परहेज करना चाहिए। आज के इस ब्लॉग में हम आपको बताएंगे कि घेंघा रोग में क्या नहीं खाना चाहिए । आपको इस रोग में किन खाने-पीने की चीजों से सावधानी बरतनी है। लेकिन सबसे पहले आपको यह बताते दें कि घेंघा रोग होता क्यों है और इसके लक्षण क्या है। घेंघा रोग थायराइड ग्रंथि में सूजन हो जाने के कारण होता है ,जो शरीर में आयोडीन की कमी, थायरॉयड ग्रंथि में गांठ, या कुछ ऑटोइम्यून डिज़ीज़ की वजह से हो सकती है। आपको बतादें कि थायरॉयड ग्रंथि गले में आगे की ओर होती है, यह हार्मोन T3, T4 बनाती है। यह हमारे शरीर में एनर्जी, मेटाबॉलिज्म, दिमाग और दिल की गति को कंट्रोल करता है। थायरॉयड ग्रंथि बिगड़ने से थायरॉयड रोग भी हो जाता है।
घेंघा रोग के लक्षण पाते ही आपको सचेत हो जाना चाहिए। नीचे कुछ घेंघा रोग के लक्षण दिए गए हैं, जिनसे आपको इस रोग को पहचानने में मदद मिल सकती है।
1.गले में उभरा हुआ हिस्सा : गले में सूजन की वजह से गले के आगे का हिस्सा उभरा हुआ नजर आने लगता है। इससे रोगी को गले में भारीपन या दबाव महसूस होता है।
2.निगलने में कठिनाई: घेंघा रोगी को गले में सूजन की वजह से खाना या पानी निगलते समय दिक्कत ही सकती है।
3.गले में खराश या खिचाव: खराश या खिचाव भी घेंघा रोगियों को गले में महसूस हो सकती है। कभी कभी यह दर्द भी होने लगता है।
4.थायरॉयड हार्मोन इंबैलेंस्ड : थायरॉयड हार्मोन बिगड़ने पर हाइपोथायरॉयड की समस्या हो जाती है। जिसमें रोगी को थकान,सुस्ती,महसूस होती है। रोगी का वजन बढ़ता है, उसे कब्ज की शिकायत और ठंड ज़्यादा लगती है । वहीं हाइपरथायरॉयड में , वजन घटना, दिल की धड़कन तेज होना, पसीना आना, चिड़चिड़ापन जैसी समस्या रोगी को होने लगती है।
1.क्रूसिफेरस सब्ज़ियाँ: पत्ता गोभी, फूल गोभी , ब्रोकोली , ब्रसल्स स्प्राउट्स, शलजम को खाने से बचें। अगर इन्हे खाना है तो कच्चा बिल्कुल न खाएं , पका कर कभी-कभार थोड़ी मात्रा में खा सकते हैं।
2.सोया उत्पाद : ज्यादातर लोग पूछते हैं कि थायराइड में क्या नहीं खाना चाहिए, तो जवाब है सोया उत्पाद। सोया दूध, टोफू ,सोया चंक्स , सोया सॉस को खाने में शामिल न करें। ये चीजें थायरॉइड हार्मोन को शरीर में अच्छे से काम नहीं करने देती।
3.अत्यधिक स्टार्च व प्रोसेस्ड फूड: सफेद ब्रेड ,मैदा, बिस्किट, पेस्ट्री, फास्ट फूड इन सबसे घेंघा रोगियों को परहेज करना चाहिए। ये चीजें आपके रोग की समस्या को और भी बढ़ा सकते हैं।
4.कैफीन और कार्बोनेटेड ड्रिंक्स : ज्यादा चाय, कॉफी,कोल्ड ड्रिंक्स पीने से रोगी का हार्मोनल बैलेंस्ड बिगड़ सकता है।
5. अत्यधिक मसालेदार, तला-भुना और जंक फूड: ये रोगी के पाचन व थायरॉइड पर दबाव डालते हैं।
आप सही आहार अपनाएं। दूध, दही, पनीर,मछली ,अंडा, अखरोट, कद्दू के बीज और हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे -पालक,मेथी ,आदि को शामिल करें। थायरॉयड और घेंघा रोग में आयोडीन युक्त चीजें लाभदायक होती हैं लेकिन आयोडीन का ज्यादा मात्रा में सेवन करना नुकसानदायक भी साबित हो सकता है। आयोडीन की ज्यादा मात्रा से थायरॉयड ग्रंथि का असंतुलन बढ़ सकता है और इससे हाइपरथायरॉयडिज़्म या अन्य समस्याएं हो सकती हैं।
घेंघा रोग के रोगियों को खानपान को लेकर सतर्क और जागरूक रहने की जरूरत है। आप ऐसा कुछ नहीं खा सकते हैं जिससे आपका रोग और भी बढ़ने लगें या इससे कोई अन्य बीमारी बनने लगें। आज का हमारा ब्लॉग घेंघा रोग में क्या नहीं खाना चाहिए पर केंद्रित रहा। साथ ही हमने जाना कि यह रोग किसी व्यक्ति में कब और क्यों होता है। सूक्ष्म रूप से हमने यहां थायराइड के बारे में भी चर्चा की। घेंघा रोग के अलावा थायराइड में क्या नहीं खाना चाहिए[ ये भी आपको जानकारी दी। ये दोनों ही रोग थायरॉयड ग्रंथि से जुड़े हैं। इसलिए एक रोग दूसरे रोग की समस्या को बढ़ा सकता है। इसलिए आपको क्या खाना है क्या नहीं इसके लिए आप किसी डॉक्टर या एक्सपर्ट की सलाह लें। याद रहे सही जीवनशैली और खान पान घेंघा रोग और थायरॉयड रोग से निपटने में आपकी मदद कर सकता है।
FAQ
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