आपकी सभी स्वास्थ्य समस्याओं के लिए विशेषज्ञ स्वास्थ्य पेशेवरों द्वारा अनुशंसित आयुर्वेदिक उपचार, उपचार और सलाह
क्रिएटिनिन ब्लड में बनने वाला वेस्ट प्रोडक्ट है। अगर ये बॉडी में बैलेंस रहता है, तो सभी अंग सही से काम करते हैं, लेकिन शरीर में क्रिएटिनिन स्तर बढ़ने से कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं होने लगती हैं। ऐसे में इसे कंट्रोल करना बेहद जरूरी है, जिसमें क्रिएटिनिन स्तर घटाने के देसी नुस्खे आपकी बहुत मदद करेंगे।
क्रिएटिनिन स्तर बढ़ने से पहले ही शरीर में कुछ लक्षण दिखाई देने लगते हैं। वैसे तो क्रिएटिनिन स्तर घटाने के देसी नुस्खे इस समस्या को काबू करने में आपकी मदद कर सकते हैं, लेकिन फिर भी इसके मुख्य लक्षणों के बारे में जान लें -
क्रिएटिनिन स्तर बढ़ने से किडनी के साथ-साथ लिवर को भी नुकसान होता है और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं भी परेशान करने लगती हैं। ऐसे में क्रिएटिनिन बढ़ने के पीछे के कारणों के बारे में जानना बहुत जरूरी होता है। आइए, जानते हैं:
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क्रिएटिनिन का खतरनाक स्तर आपके स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डाल सकता है। ऐसे में जरूरी है कि इसे वक्त रहते कंट्रोल कर लिया जाए, जिसमें आपकी मदद क्रिएटिनिन स्तर घटाने के देसी नुस्खे करेंगे:
हल्दी का आयुर्वेद में बहुत इस्तेमाल किया जाता है. इसमें एंटी-इंफ्लेमटरी, एंटी-ऑक्सिडेंट गुण होते हैं, जो किडनी में मौजूद सूजन और ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस को कम करने में मदद करते हैं। इसे डाइट में शामिल करने से क्रिएटिनिन के स्तर को कम करने में मदद मिल सकती है।
सेब के सिरके में रोगाणुरोधी गुण मौजूद होते हैं, जो किडनी में स्टोन बनने से रोकने में मदद करता है। ऐसे में इसे डाइट में शामिल करने से ब्लड में क्रिएटिनिन के स्तर को बढ़ने से रोका जा सकता है।
सिंहपर्णी की जड़ को डेंडेलियन रूट भी कहा जाता है। इसका इस्तेमाल करने से पेशाब से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं। इसके लिए आप सिंहपर्णी की जड़ की चाय पी सकते हैं।
सैल्विया एक तरह की जड़ी-बूटी होती है। इसमें लिथेस्पर्मेट-बी नाम का तत्व होता है, जो शरीर में बढ़ रहे क्रिएटिनिन लेवल को कंट्रोल करने में मदद करती है। इसका सेवन करने से क्रिएटिनिन को फिल्टर करने में मदद मिलती है।
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आंवला खाने से खून साफ होता है। इसके साथ ही ये शरीर को डिटॉक्सिफाई भी करती है। आंवले में विटामिन-c होता है, जिसे खाने से ब्लड शुगर और क्रिएटिनिन दोनों को कंट्रोल किया जा सकता है। आंवले को क्रिएटिनिन स्तर घटाने के देसी नुस्खे में शामिल किया जा सकता है।
नेट्ल लीफ और बिच्छु बुटी भी कहते हैं। इसका चाय या दूसरे तरीके से सेवन करने से क्रिएटिनिन लेवल को कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है। इसमें हिस्टामिन मौजूद होता है, जो ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाने का काम करता है। इससे शरीर से अतिरिक्क क्रिएटिनिन को बाहर निकाला जा सकता है।
आयुर्वेद में जौ, बाजरा, चावल जैसे कई साबुत अनाज होते हैं, जिनमें फाइबर, विटामिन्स, मिनरल्स आदि होते हैं। ये किडनी के लिए पौष्टिक माने जाते हैं और क्रिएटिनिन को काबू करने में मदद कर सकते हैं।
तो जैसे कि आपने क्रिएटिनिन स्तर घटाने के देसी नुस्खे जानें, लेकिन फिर भी इन नुस्खों को अपनाने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से सलाह जरूर कर लें।
अगर आपको भी क्रिएटिनिन से जुड़ी किसी तरह की समस्या हो रही है, तो आप अपना इलाज कर्मा आयुर्वेदा में आकर करवा सकते हैं। यहां पर सन् 1937 से किडनी रोगियों का आयुर्वेदक इलाज किया जा रहा है और हाल ही में इसे डॉ. पुनीत धवन संभाल रहे हैं। डॉ. पुनीत न सिर्फ भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में किडनी की बीमारी से जूझ रहे रोगियों का इलाज कर रहे हैं, क्योंकि आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है। कर्मा आयुर्वेदा डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना ही भारतीय आयुर्वेद के सहारे किडनी फेलियर का इलाज कर रहा है।
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FEB 23,2022 - FEB 22,2025