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किडनी हमारे शरीर का वह सबसे जरूरी अंग है, जो शरीर में मौजूद गंदगी को बाहर निकालने का काम करती हैं। इससे आपको ब्लड प्रेशर और पीएच लेवल कंट्रोल करने के साथ-साथ हार्मोन्स लेवल को भी बेहतर बनाने में मदद मिलती है। लेकिन कई बार किडनी सही तरीके से काम नहीं करती या काम करना बंद कर देती है और इसका सबसे बड़ा कारण क्रिएटिनिन का बढ़ा हुआ स्तर है। क्रिएटिनिन के बढ़े हुए स्तर से आपको ब्लड प्रेशर जैसी कई समस्या हो सकती है। इसलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको क्रिएटिनिन बढने के लक्षण के बारे में बताएँगे जिससे आपको आगे चल कर होने वाली परेशानी का पता पहले से ही चल पाए।
क्रिएटिनिन हमारे शरीर में मौजूद एक वेस्ट प्रोडक्ट है, जो मासपेशियों की एक्टिविटी के कारण बनता है। लेकिन अगर शरीर में क्रिएटिनिन का स्तर बढ़ जाए, तो इससे किडनी से जुड़ी कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। ऐसे में आपके लिए क्रिएटिनिन बढ़ने के लक्षण जानना बेहद जरूरी है।
क्रिएटिनिन बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
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क्रिएटिनिन बढ़ने के कई लक्षण हो सकते हैं, जैसे:
अगर शरीर में क्रिएटिनिन शुगर लेवल ज्यादा है, तो इसका असर आपके किडनी फंक्शन पर पड़ सकता है। इस स्थिति में किडनी क्रिएटिनिन को फिल्टर नहीं कर पाती, जिससे आपको थकान और कमजोरी महसूस होती है।
क्रिएटिनिन बढ़ने पर आपको मांसपेशियों में दर्द की समस्या होती है। इसके लिए आपको ज्यादा आराम करने और हेल्दी डाइट लेने की सलाह दी जाती है।
भूख में कमी को क्रिएटिनिन बढ़ने के गंभीर लक्षणों में से एक माना जाता है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि किएटिनिन के बढ़े हुए स्तर का असर आपकी पाचन क्रिया पर पड़ता है और आपको कम भूख लगती है।
क्रिएटिनिन के बढ़े हुए स्तर से शरीर में खराब कंपाउड बढने लगते हैं, जिससे आपको खुजली और दानों की समस्या होती है।
यह समस्या आमतौर पर तब होती है, जब किएटिनिन के बढ़ने से आप पाचन शक्ति प्रभावित होती है। इस स्थिति में कुछ भी खाने पर आपको मतली और उल्टी का अनुभव होता है।
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क्रिएटिनिन के बढ़े हुए स्तर से अक्सर सुबह के समय आंखों के आसपास सूजन की समस्या हो सकती है।
पैरों में सूजन में कई कारण हो सकते हैं, लेकिन कई बार किडनी में टॉक्सिक कंपाउंड बढ़ने से पैरों में सूजन की समस्या हो सकती है।
क्रिएटिनिन बढ़ने से किडनी में इंफेक्शन की समस्या हो सकती है। कई बार यह समस्या यूरिन में जलन और ब्लड आने का कारण भी बनती है।
हाई बीपी का असर आपके किडनी फंक्शन पर पड़ता है और आपका क्रिएटिनिन का स्तर प्रभावित होता है। इससे आपको सांस लेने में परेशानी होती है। इसके साथ-साथ आपको नाक से खून आने, चक्कर आने या सिर दर्द जैसी समस्या भी हो सकती है।
आमतौर पर यह लक्षण तब दिखाई देते हैं, जब किडनी 30 प्रतिशत से भी कम काम करने लगती है।
निष्कर्ष
आज के इस आर्टिकल में हमने आपको बताया है शरीर में क्रिएटिनिन बढने के लक्षण, यदि आपको भी ऐसी कोई समस्या है तो आप इसे अनदेखा न करें और जल्द ही डॉक्टर से सम्पर्क करें, जिससे आने वाली गंभीर समस्या से आप सुरक्षित रहें और ऐसी ही हेल्थ रिलेटेड आर्टिकल्स और ब्लोग्स के लिए जुड़े रहें आयु कर्मा के साथ।
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