आपकी सभी स्वास्थ्य समस्याओं के लिए विशेषज्ञ स्वास्थ्य पेशेवरों द्वारा अनुशंसित आयुर्वेदिक उपचार, उपचार और सलाह
हाथ-पैरों में झनझनाहट एक आम समस्या है, जिसे पैरेस्थीसिया (Paresthesia) भी कहा जाता है। इस न्यूरोलॉजिकल विकार (Neurological Disorders) में नसें सिकुड़ जाती हैं, जिससे शरीर में रक्त प्रवाह कम हो जाता है। यह स्थिति शरीर के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकती है और कई गंभीर बीमारियों का कारण बनती है। आमतौर पर कई जोखिम कारक हाथ-पैरों में झनझनाहट का कारण बन सकते हैं। हालांकि, कुछ उपचार विकल्पों से आपको इसके इलाज में मदद मिल सकती है। इस ब्लॉग में आप हाथ-पैरों में झनझनाहट की आयुर्वेदिक दवा के बारे में जानेंगे। साथ ही हम आपको इसके लक्षणों और कारणों से संबंधित जानकारी भी प्रदान करेंगे।
जटामांसी- जटामांसी एक आयुर्वेदिक औषधि है, जिसमें कई पोषक तत्व होते हैं। उदाहरण के लिए, एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण। यह तंत्रिका तंत्र को सुरक्षित रखते हैं और सूजन को कम करते हैं। साथ ही यह औषधि तनाव कम करके आपको मानसिक शांति प्रदान करती है, जिससे हाथ-पैरों में झनझनाहट कम हो सकती है।
आंवला- हाथ-पैरों में झनझनाहट के लिए आंवला अन्य बेहतरीन उपचार विकल्प है। यह विटामिन-C, फाइबर, आयरन और कैल्शियम जैसे तत्वों से भरपूर होता है। इनसे शरीर को पोषण और तंत्रिका तंत्र को मजबूती मिलती है। साथ ही आंवला का सेवन शरीर को डिटॉक्स और रक्त शर्करा का स्तर नियंत्रित करता है, जो हाथ-पैरों में झनझनाहट का कारण बन सकते हैं।
गिलोय- गिलोय से हाथ-पैरों में झनझनाहट का प्रभावी उपचार किया जा सकता है। यह विटामिन-C, आयरन, एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों का सबसे अच्छा स्रोत है। यह पोषक तत्व आपके इम्यून सिस्टम को मजबूती और रक्त संचार को बढ़ावा देते हैं। इसके अलावा गिलोय का नियमित सेवन नसों की सूजन को कम करता है, जिससे हाथ-पैर की झनझनाहट दूर हो सकती है।
तुलसी- हाथ-पैरों में झनझनाहट को कम करने के लिए आप तुलसी का सेवन कर सकते हैं। इसमें कई पोषक तत्वों की उच्च मात्रा होती है जैसे, विटामिन-C, फाइटोकेमिकल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स। तुलसी में पाए जाने वाले यह तत्व तंत्रिका तंत्र को शांत और रक्त संचार में सुधार करते हैं। इससे मानसिक तनाव कम होता है और हाथ-पैरों की झनझनाहट शांत हो सकती है।
दालचीनी- दालचीनी अन्य आयुर्वेदिक दवा है, जिससे हाथ-पैरों में झनझनाहट का प्राकृतिक इलाज संभव है। इसमें आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं। इनसे रक्त संचार बेहतर, सूजन पर नियंत्रण और तंत्रिका तंत्र की कार्यप्रणाली में सुधार जैसे फायदे मिल सकते हैं। साथ ही इसके उपयोग से हाथ-पैरों की झनझनाहट और दर्द की समस्या नियंत्रित हो सकती है।
अश्वगंधा- अश्वगंधा में विटामिन-C, आयरन, कैल्शियम और एंटीऑक्सीडेंट्स जैसे गुणों की उच्च मात्रा होती है। यह सभी पोषक तत्व हाथ-पैरों की झनझनाहट को प्रभावी तरीके से ठीक कर सकते हैं। इसके नियमित सेवन से शरीर को ऊर्जा और तंत्रिका तंत्र को शांति मिलती है। साथ ही इसका उपयोग तनाव कम और तंत्रिका तंत्र को शांत कर सकता है।
सरसों का तेल- सरसों का तेल एक अन्य आयुर्वेदिक उपचार है। इसमें विटामिन-E, ओमेगा-3 फैटा एसिड्स और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों की अच्छी मात्रा होती है। झनझनाहट से प्रभावित क्षेत्र पर इसकी मालिश से रक्त प्रवाह बेहतर होता है और तंत्रिका तंतुओं को आराम मिलता है। साथ ही सरसों का तेल नसों को मजबूती प्रदान करता है। इससे सूजन और झनझनाहट दोनों को कम किया जा सकता है।
नारियल तेल और अजवाइन- नारियल तेल और अजवाइन का मिश्रण भी हाथ-पैरों की झनझनाहट से राहत दे सकता है। इनके एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण रक्त संचार में सुधार करते हैं और तंत्रिका तंत्र को आराम देते हैं। इसके अलावा नारियल तेल में स्वस्थ वसा होती है, जिससे सूजन कम होती है और हाथ-पैरों में झनझनाहट के लक्षण कम हो सकते हैं।
अगर आप भी हाथ-पैरों में झनझनाहट की आयुर्वेदिक दवा जानना चाहते हैं, तो यह ब्लॉग पोस्ट आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है। हालांकि, आप केवल इन उपायों पर निर्भर न रहें और कोई भी उपचार विकल्प चुनने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर लें। सेहत से जुड़े ऐसे ही ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें आयु कर्मा के साथ।
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