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लीवर बॉडी का सबसे जरूरी हिस्सा होता है। इसकी मदद से शरीर से टॉक्सिन्स बाहर निकालने में मदद मिलती है। लीवर खाने को पचाने और मेटाबॉलिज्म को सही रखने में भी मदद करता है, लेकिन कई लोगों का लीवर फैटी होने लगता है या कमजोर हो जाता है। ऐसे में लीवर मजबूत करने की आयुर्वेदिक दवा से आपको आराम मिल सकता है।
बता दें कि लीवर कमजोर होने से थकान, पेट दर्द, पीलिया, ब्लीडिंग जैसी समस्याएं भी होने लगती हैं। ऐसा तब होता है जब खाने-पीने के दौरान लीवर में विषाक्त पदार्थ जमने लगते हैं। इससे गंदगी लीवर को खराब कर सकती है, लेकिन परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि लीवर मजबूत करने की दवा आपके बहुत काम आ सकती है।
वैसे तो लीवर को मजबूत करने की दवा से आपको बहुत मदद मिल सकती है, लेकिन लीवर कमजोर होने से पहले ही बॉडी में कई तरह के लक्षण महसूस होने लगते हैं। आइए, जानते हैं वे लक्षण क्या हैं:
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लीवर मजबूत करने के लिए आयुर्वेदिक दवा लेकर भी इस समस्या से राहत पाई जा सकती है। लेकिन इसके कारणों का पता होना जरूरी है। तो बता दें कि वैसे तो लीवर कमजोर होने का मुख्य कारण गलत खानपान और खराब लाइफस्टाइल होता है, लेकिन इसके कुछ और कारण भी हैं –
भूमि-आमलकी एक ऐसी जड़ी-बूटी है, जो शरीर को किसी भी सूजन या तनाव के खिलाफ हेल्दी करके इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करती है और लिवर पर अच्छा प्रभाव डालती है। ये लीवर में प्राकृतिक रूप से टॉक्सिन्स को हटाने का काम करती है। भूमि-आमलकी को लीवर मजबूत करने की आयुर्वेदिक दवा माना जाता है।
यह एक ऐसी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जिसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी और मूत्रवर्धक गुण होते हैं। ये जड़ी-बूटी लीवर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने का काम करती है। इसके साथ ही ये भूख को भी बढ़ाती है। पुनर्नवा को भी लीवर मजबूत करने की आयुर्वेदिक दवा माना जा सकता है।
आंवला को लीवर मजबूत करने की आयुर्वेदिक दवा माना जाता है। इसका सेवन करने से शरीर के पित्त को बैलेंस करने में तो मिलती ही है, साथ ही इनडाइजेशन और एसिडिटी को खत्म करता है। आप इसके लिए आंवले का जूस भी ले सकते हैं।
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त्रिफला को लीवर मजबूत करने की आयुर्वेदिक दवा कहा जा सकता है। इस चूर्ण को लेने से शरीर के सारे टॉक्सिन्स आसानी से बाहर आ सकते हैं, जिससे लीवर को खराब होने से बचाया जा सकता है। त्रिफला में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सिडेंट्स पाए जाते हैं, जो लीवर को मजबूत करने का काम करते हैं।
हल्दी में भी एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सिडेंट्स होते हैं। हल्दी में मौजूद ये तत्व लीवर को कमजोर और डैमेज होने से बचाते हैं। हल्दी का वैसे भी आयुर्वेद में खास महत्व है। ऐसे में इसे लीवर मजबूत करने की आयुर्वेदिक दवा कह सकते हैं।
एलोवेरा या उसका जूस न सिर्फ बॉडी को डिटॉक्सिफाई करने में मदद करता है, बल्कि लीवर के फंक्शन को भी सही कर देता है। इसे आयुर्वेदिक भाषा में घृतकुमारी कहा जाता है। ये कमजोर लीवर को मजबूत बनाने में मदद करता है। ऐसे में इसे लीवर मजबूत करने की आयुर्वेदिक दवा कहा जा सकता है।
वहीं आप डाइट में थोड़े-से बदलाव करके भी अपने कमजोर लीवर को मजबूत बना सकते हैं। इसके लिए आप अपनी डाइट में करेले और पालक जैसी कड़वी चीजों को शामिल कर सकते हैं। ये आपके लीवर को साफ और स्वस्थ बनाने में मदद करेंगे। ऐसे में पौष्टिक आहार भी लीवर मजबूत करने की आयुर्वेदिक दवा हो सकता है।
तो जैसा कि आपने जाना कि लीवर मजबूत करने की आयुर्वेदिक दवा से आप कमजोर लीवर की समस्या से निजात पा सकते हैं। ऐसे में अगर आप भी इन उपायों का पालन करने की सोच रहे हैं, तो एक बार अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें, क्योंकि वो आपको बेहतर तरीके से बता सकते हैं कि आपके लिए ये आयुर्वेदिक इलाज बेहतर है या नहीं।
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अगर आपको भी इस रोग से जुड़ी किसी भी तरह की समस्या है, तो आप अपना इलाज कर्मा आयुर्वेदा में आकर करवा सकते हैं। यहां पर सन् 1937 से किडनी रोगियों का इलाज किया जा रहा है और हाल ही में इसे डॉ. पुनीत धवन संभाल रहे हैं। डॉ. पुनीत न सिर्फ भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में किडनी की बीमारी से जूझ रहे रोगियों का इलाज कर रहे हैं, क्योंकि आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है। कर्मा आयुर्वेदा डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना ही भारतीय आयुर्वेद के सहारे किडनी फेल्योर का इलाज कर रहा है।
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FEB 23,2022 - FEB 22,2025