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बीपी लो, यानी लो ब्लड प्रेशर एक ऐसी स्थिति होती है जिसमें जब ब्लड प्रेशर सामान्य से कम हो जाता है, जिससे शरीर में बहुत सी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। लो ब्लड प्रेशर के इलाज के लिए सबसे प्रभावी उपायों में से एक है सही आहार का चयन। हमारे आहार में मौजूद कुछ फल और खाद्य पदार्थ रक्तचाप को संतुलित करने में मदद कर सकते हैं और शरीर को उर्जा प्रदान कर सकते हैं। इस समस्या से बचने के लिए खानपान की अहम भूमिका होती है, इसलिए लो ब्लड प्रेशर के लिए बेस्ट डाइट ही लेना चाहिए। मुख्य रूप से कुछ फल रक्तचाप को संतुलित करने और उर्जा प्रदान करने में मदद कर सकते हैं। इस आर्टिकल में बीपी लो में कौन सा फल खाना चाहिए इस विषय पर चर्चा करेंगे साथ ही इसके कारणों और लक्षणों पर भी ध्यान देंगे जिससे आप अपने स्वास्थ्य को लेकर सचेत रहें।
इस विषय पर चर्चा करते हुए, यह भी समझेंगे कि किस प्रकार सही आहार और जीवनशैली बदलाव से लो ब्लड प्रेशर की समस्या से राहत पाई जा सकती है और इसे प्रभावी रूप से नियंत्रित किया जा सकता है।
चक्कर आना - जब ब्लड प्रेशर बहुत कम होता है, तो शरीर को ठीक से खून की आपूर्ति नहीं हो पाती, जिससे मस्तिष्क और अन्य अंगों को पर्याप्त ऑक्सीजन और पोषक तत्व नहीं मिल पाते, और इससे चक्कर आ सकते हैं।
ऊर्जा की कमी - जब रक्तचाप गिरता है, तो शरीर के अंगों और मस्तिष्क को उचित रक्त की आपूर्ति नहीं मिल पाती। इसका असर शरीर के हर हिस्से पर पड़ सकता है, जिससे ऊर्जा में कमी महसूस हो सकती है।
धुंधला दिखना - जब रक्तचाप बहुत कम होता है, तो शरीर के विभिन्न अंगों, खासकर मस्तिष्क और आंखों को, उचित रक्त और ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं हो पाती। इस कारण से आंखों की दृष्टि प्रभावित हो सकती है
बेहोशी - तब होता है जब रक्तचाप बहुत कम हो जाता है और मस्तिष्क तक रक्त और ऑक्सीजन की आपूर्ति पर्याप्त नहीं होती। इससे मस्तिष्क को ऊर्जा और ऑक्सीजन की कमी हो जाती है, जिससे व्यक्ति को बेहोशी का अनुभव हो सकता है।
सांस घुटने या तेज़ होने की समस्या - यह तब होता है जब रक्तचाप बहुत कम हो जाता है, जिससे शरीर को पर्याप्त रक्त और ऑक्सीजन नहीं मिल पाती और श्वसन प्रणाली प्रभावित हो सकती है।
पेट की खराबी - जब रक्तचाप कम होता है, तो शरीर को उचित रक्त और ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं मिल पाती, जिससे पेट और आंतों में भी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
हाथ-पैर में कंपन - जब रक्तचाप बहुत कम हो जाता है, तो शरीर को पर्याप्त रक्त और ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं मिल पाती, जिससे नर्वस सिस्टम और मांसपेशियों पर असर पड़ता है, और इस कारण हाथ-पैर में कंपन हो सकते हैं।
थायरॉइड असंतुलन - जब बीपी बहुत कम होता है, तो यह थायरॉइड की सक्रियता को प्रभावित कर सकता है, जिससे थायरॉइड हार्मोन की कमी हो सकती है और शरीर की ऊर्जा कम हो जाती है।
खून की कमी - जब बीपी बहुत कम होता है, तो शरीर में खून की आपूर्ति सही तरीके से नहीं हो पाती, जिससे खून की कमी हो सकती है।
थायरॉयड - बीपी लो थायरॉयड की समस्या, खासकर हाइपोथायरायडिज़्म, को बढ़ा सकता है क्योंकि यह शरीर के मेटाबॉलिज़्म को धीमा कर देता है, जिससे ऊर्जा की कमी होती है।
हार्मोनल समस्याएं - बीपी लो शरीर के हार्मोनल संतुलन को प्रभावित कर सकता है, जिससे थायरॉयड, एड्रिनल और अन्य हार्मोनल समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
दवाओं का प्रभाव - बीपी लो के कारण दवाओं का प्रभाव अधिक हो सकता है, क्योंकि शरीर का रक्त प्रवाह कम होने से दवाइयाँ जल्दी और ज्यादा असर कर सकती हैं।
तनाव - बीपी लो के कारण तनाव बढ़ सकता है, क्योंकि शरीर में रक्त और ऑक्सीजन की कमी होने से मानसिक और शारीरिक स्थिति पर असर पड़ता है।
केला - केला में भरपूर पोषक तत्व होते हैं, इसमें पोटैशियम की अच्छी मात्रा होती है, जो रक्तचाप को संतुलित करने में मदद करता है। जो बीपी लो की समस्या में आपकी मदद कर सकते हैं, क्योंकि पोटैशियम शरीर में पानी और नमक को बैलेंस को बनाए रखते हैं, इसमें ग्लूकोज और फ्रक्टोज होते हैं जो केला में प्राकृतिक शर्करा का काम करता है और केला में विटामिन B6 होता है जिससे मानसिक स्थिति और मूड बेहतर रहता है।
अनार - अनार के बहुत से स्वास्थ्य लाभ होते हैं विशेष रूप से लो ब्लड प्रेशर की समस्या में, अनार में एंटीऑक्सीडेंट्स और पोटैशियम की अच्छी मात्रा होती है जिससे रक्तचाप सामान्य बने रहता है। अनार हृदय स्वास्थ्य के लिए भी बहुत फायदेमंद है क्योंकि इसके सेवन से कोलेस्ट्रॉल का स्तर नियंत्रित रहता है, और इसमें पानी की अच्छी मात्रा भी होती है, जो शरीर में हाइड्रेशन बनाए रखने में मदद करता है। यही नहीं इसमें मौजूद विटामिन C मानसिक तनाव को कम करते हैं
नाशपाती - नाशपाती एक स्वादिष्ट फल है, जो केवल स्वाद ही नहीं स्वास्थ्य के लिए भी बहुत फायदेमंद है, नाशपाती में पानी की उच्च मात्रा होती है जो शरीर को हाइड्रेटेड रखता है ये इसलिए जरूरी है क्योंकि बीपी लो में शरीर में पानी की कमी से रक्तचाप कम हो सकता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं यह रक्त प्रवाह को बेहतर बनाता है, जिससे बीपी लो की समस्या में राहत मिल सकती है। यही नहीं बीपी लो के कारण चिड़चिड़ापन और तनाव महसूस हो सकता है, और नाशपाती इन भावनाओं को संतुलित करने में सहायक हो सकती है।
संतरा - संतरा एक अत्यंत स्वादिष्ट और पौष्टिक फल है, संतरे में विटामिन C की भरपूर मात्रा होती है, जो शरीर के ऊतकों और रक्त वाहिकाओं को स्वस्थ रखने में सहायक होते हैं। लो ब्लड प्रेशर की समस्या में संतरा बहुत फायदेमंद हो सकता है। संतरा थकान और कमजोरी इन लक्षणों को दूर करने में मदद कर सकता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स और फ्लेवोनॉइड्स होते हैं, यह रक्तचाप को संतुलित करने में मदद करता है और बीपी लो के लक्षणों को कम करता है।
ग्रेपफ्रूट - बीपी लो की समस्या में ग्रेपफ्रूट का सेवन बहुत सहायक हो सकता है। ग्रेपफ्रूट में उच्च मात्रा में विटामिन C होता है, जो शरीर को ऊर्जा प्रदान करने और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में मदद करता है। शरीर को ऊर्जा देने, और समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है। इसमें शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो शरीर में सूजन को कम करने में मदद करते हैं और रक्त प्रवाह को सुधारते हैं और बीपी लो के लक्षणों को दूर करने में मदद करता है।
तरबूज - तरबूज न केवल गर्मी में राहत देता है, बल्कि लो ब्लड प्रेशर की समस्या में भी काफी फायदेमंद हो सकता है। जब पाचन क्रिया सही होती है, तो शरीर को अधिक ऊर्जा मिलती है, तरबूज में फाइबर की अच्छी मात्रा होती है, जो पाचन तंत्र को स्वस्थ बनाए रखता है। तरबूज में लगभग 92% पानी होता है, शरीर में पानी की मात्रा को बनाए रखता है और रक्तचाप को स्थिर रखने में मदद करता है। जिससे बीपी लो की समस्या में मदद मिल सकती है।
आज इस आर्टिकल में हमने बीपी लो होने पर क्या खाएं जाना, अगर आपको लो बीपी के लिए कौन सा फल फायदेमंद है इस विषय में जानना है, तो यह ब्लॉग पोस्ट आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है। हालांकि, आप केवल इन उपायों पर निर्भर न रहें और कोई भी उपचार विकल्प चुनने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर लें। सेहत से जुड़े ऐसे ही ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें आयु कर्मा के साथ।
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