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एचपीवी वायरस का घरेलू इलाज क्या है

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एचपीवी वायरस का घरेलू इलाज क्या है

एचपीवी वायरस का घरेलू इलाज क्या है? 

एचपीवी वायरस क्या है? 

एचपीवी (HPV) यानी ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (Human Papillomavirus) एक प्रकार का वायरल इंफेक्शन है। आमतौर पर यौन संपर्क के कारण फैलने वाला एचपीवी वायरस त्वचा, जननांग या गले को प्रभावित करता है। इसके अलावा देर से उपचार करने या अनुपचारित रहने पर इससे गंभीर बीमारियां उत्पन्न हो सकती हैं। एचपीवी वायरस के ज्यादातर मामले अपने आप ठीक हो जाते हैं। लेकिन, कई बार इसके लिए उपचार विकल्पों की जरूरत पड़ती है। इस ब्लॉग में आप जानेंगे कि एचपीवी वायरस का घरेलू इलाज क्या है? साथ ही हम एचपीवी वायरस के लक्षणों और कारणों के बारे में भी चर्चा करेंगे।

एचपीवी वायरस के लक्षण 
एचपीवी वायरस के लक्षणों में शामिल हैं: 

  • जननांग पर मस्से
  • त्वचा पर मस्से
  • गर्भाशय ग्रीवा कैंसर 
  • गले और मुंह का कैंसर
  • दर्द और असुविधा
  • जलन और खुजली

एचपीवी वायरस के कारण 
एचपीवी वायरस के प्रमुख कारण हैं: 

  • संक्रमित व्यक्ति से संपर्क
  • एक से अधिक यौन संबंध
  • कमजोर इम्यून सिस्टम
  • एचपीवी का इतिहास
  • असुरक्षित यौन संबंध
                                                                                                                                               चिकित्सक सलाह के लिए फॉर्म भरें

     

एचपीवी वायरस का घरेलू इलाज 
एचपीवी वायरस का कोई स्थायी इलाज नहीं हैं। हालांकि, निम्नलिखित उपचार विकल्पों से इसके लक्षण कम या नियंत्रित हो सकते हैं:

  • लहसुन- लहसुन से एचपीवी वायरस का प्राकृतिक इलाज किया जा सकता है। इसमें एंटीवायरल, एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं। साथ ही यह एलिसिन, विटामिन-C और सल्फर कंपाउंड्स होते हैं। इनसे इम्यून सिस्टम को बढ़ावा देने, शरीर को डिटॉक्स करने और इंफेक्शन से लड़ने जैसे लाभ प्राप्त हो सकते हैं।

           उपयोग- लहसुन को डाइट में शामिल करें या प्रभावित क्षेत्र पर लहसुन का पेस्ट लगाएं।

            लहसुन

  • हल्दी- एचपीवी वायरस के लिए हल्दी एक प्रभावी उपचार विकल्प है। हल्दी में मौजूद कर्क्यूमिन, एंटीवायरल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों का सबसे अच्छा स्रोत है। इन तत्वों से सूजन और त्वचा के मस्से कम होते हैं। साथ ही हल्दी के विटामिन-C और एंटीऑक्सीडेंट्स जैसे तत्व त्वचा को स्वस्थ बनाते हैं, जिससे एचपीवी वायरस के लक्षण नियंत्रित हो सकते हैं।

            उपयोग- हल्दी का पेस्ट प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं। इसके अलावा आप दूध, पानी या शहद के साथ भी हल्दी का सेवन कर सकते हैं। 

  • तुलसी- तुलसी, एचपीवी वायरस के लिए अन्य बेहतरीन दवा है। इसमें फेनोलिक कंपाउंड्स के साथ-साथ विटामिन-A और विटामिन-C जैसे पोषक तत्व होते हैं। यह इम्यूनिटी को बढ़ावा देते हैं और सूजन को नियंत्रित करते हैं। तुलसी के नियमित उपयोग से एचपीवी वायरस को ठीक या नियंत्रित किया जा सकता है।

            उपयोग- आप तुलसी के पत्तों का रस या पेस्ट एचपीवी से प्रभावित क्षेत्र पर लगा सकते हैं। इसके अलावा तुलसी के पत्तों की चाय या काढ़ा भी एचपीवी के लक्षणों में राहत दे सकता है।                                                                                                                                        

  • आंवला- एचपीवी वायरस से राहत पाने के लिए आंवला अन्य उपचार विकल्प है। इसमें विटामिन-C, फ्लेवोनॉयड्स और एंटीऑक्सीडेंट्स की उच्च मात्रा होती है। यह तत्व आपके इम्यून सिस्टम को मजबूती प्रदान करते हैं। साथ ही आंवला का सेवन त्वचा को स्वस्थ बनाता है और इंफेक्शन का जोखिम कम करता है। 

            उपयोग- आप आंवला का जूस पी सकते हैं या इसे कच्चा खा सकते हैं। 

              एचपीवी वायरस का घरेलू इलाज क्या है

 

सेब का सिरका- सेब के सिरके से एचपीवी वायरस का इलाज संभव है। इसके एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण इंफेक्शन को खत्म करते हैं। साथ ही सेब का सिरका एसीटिक एसिड और पोटैशियम में उच्च होता है। यह तत्व मस्से को सूखाते हैं या इन्हें कम करते हैं। इसके अलावा सेब के सिरके का उपयोग त्वचा को साफ और स्वस्थ बनाए रखता है।   

उपयोग- सेब का सिरका पानी में मिलाकर प्रभावित क्षेत्र पर लगाने से मस्से कम हो सकते हैं।  

 

निष्कर्ष 

इस ब्लॉग में आपने जाना कि एचपीवी वायरस का घरेलू इलाज क्या है? हालांकि, आप केवल इन उपायों पर निर्भर न रहें और कोई भी उपचार विकल्प चुनने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर लें। सेहत से जुड़े ऐसे ही ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें आयु कर्मा के साथ। 

 

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