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यूरिन में प्रोटीन आना आयुर्वेदिक इलाज

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 यूरिन में प्रोटीन आना आयुर्वेदिक इलाज

 यूरिन में प्रोटीन आना आयुर्वेदिक इलाज

पेशाब में प्रोटीन आने वाली स्थिति को प्रोटीन्यूरिया कहा जाता है, ये एक मुख्य संकेत है की आपकी किडनी उचित रूप से कार्य नहीं कर रही है, हमारी किडनी आमतौर पर खून को फ़िल्टर करती है, लेकिन प्रोटीन जैसे तत्वों को शरीर में ही बनाए रखती हैं। लेकिन जब किडनी सही से कार्य नहीं करती उस स्थिति में ये प्रोटीन यूरिन के साथ बाहर निकलने लगता है। आज इस आर्टिकल में हम यूरिन में प्रोटीन आना आयुर्वेदिक इलाज के बारे में बात करेंगे साथ ही इस समस्या के लक्षणों और कारणों पर भी ध्यान देंगे। 

पेशाब में प्रोटीन के लक्षण

  • झागदार पेशाब 

  • चेहरे, पेट, पैर या हाथों में सूजन

  • उल्टी या मतली

  • मांसपेशियों में ऐंठन

  • थकान

  • मूत्र का रंग बदलना 

  • सांस फूलना

पेशाब में प्रोटीन के कारण 

  • मधुमेह

  • उच्च रक्तचाप

  • डिहाइड्रेशन

  • संक्रमण

  • तेज बुखार

  • ठंड लगना

 यूरिन में प्रोटीन आना आयुर्वेदिक इलाज

  1. धनिया पानी - यूरिन में प्रोटीन आना आयुर्वेदिक इलाज 
    धनिया पानी

    धनिया पानी में प्राकृतिक गुण होते हैं जो किडनी को साफ रखने, सूजन कम करने और शरीर के विषैले तत्वों को बाहर निकालने में मदद करते हैं। इसलिए ये पेशाब में प्रोटीन की समस्या को कम करने के लिए एक असरदार घरेलू उपाय माना जाता है। इसके बीजों में प्राकृतिक मूत्रवर्धक गुण होते हैं। इसका मतलब है कि ये पेशाब की मात्रा बढ़ाने में मदद करते हैं, जिससे शरीर के टॉक्सिन और अतिरिक्त नमक धीरे-धीरे बाहर निकलते हैं। किडनी को साफ रखने में ये प्रक्रिया बहुत सहायक होती है। किडनी जब स्वच्छ और बिना सूजन के काम करती है, तब उसमें से प्रोटीन का रिसाव कम या बंद हो सकता है।

     

  2. मेथी के दानेयूरिन में प्रोटीन आना आयुर्वेदिक इलाज 
    मेथी के दाने

    मथी के दाने में बहुत प्रभावी औषधीय गुण होते हैं, जो केवल ब्लड शुगर और पाचन को नियंत्रित करने में मदद करते हैं, बल्कि किडनी की सेहत को भी सुधारने में बहुत उपयोगी होते हैं और जब किडनी की फ़िल्टर करने की क्षमता कमजोर होने लगती है, तब खून में मौजूद प्रोटीन पेशाब के रास्ते बाहर निकलने लगता है। मेथी के दानों में ऐसे प्राकृतिक गुण होते हैं जो किडनी की सूजन को कम करने, मेटाबॉलिज्म को सुधारने और शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालने में मदद करते हैं। यह सब मिलकर किडनी को राहत देते हैं और प्रोटीन लीकेज को रोकने में सहायता करते हैं।

     

  3. हल्दी और अदरक - यूरिन में प्रोटीन आना आयुर्वेदिक इलाज 

    हल्दी और अदरक

    हल्दी और अदरक दोनों ही आपके रसोई की एक आम सामग्री हो सकती है, लेकिन इनके औषधीय गुण इन्हे बहुत खास बना देते हैं, जब हल्दी और अदरक को एक साथ लिया जाता है, तो इनका प्रभाव और भी बढ़ जाता है। ये मिलकर शरीर को अंदर से डिटॉक्स करते हैं, संक्रमण से लड़ते हैं, सूजन कम करते हैं और किडनी को एक तरह से राहत देकर उसे अपनी प्राकृतिक स्थिति में लौटने का मौका देते हैं। पर एक बात का ध्यान रखना जरूरी है की अगर किसी को पित्त की समस्या, ब्लीडिंग डिसऑर्डर, या पहले से किडनी की गंभीर बीमारी है, तो इनका सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना ज़रूरी है।

     

  4. नींबू पानीयूरिन में प्रोटीन आना आयुर्वेदिक इलाज 

    नींबू पानी

    नींबू पानी बस गर्मियों में ताजगी के लिए नहीं बल्कि यह शरीर के भीतर गहराई से काम करने वाला एक शक्तिशाली प्राकृतिक औषधि भी है, इसमें साइट्रिक एसिड होता है, जो न सिर्फ यूरिक एसिड और मिनरल डिपॉज़िट्स को घोलने में मदद करता है बल्कि यह पथरी बनने की प्रक्रिया को भी रोकता है। पथरी या रुकावटें किडनी को नुकसान पहुँचा सकती हैं और प्रोटीन्यूरिया की समस्या को बढ़ा सकती हैं। नियमित नींबू पानी का सेवन इस खतरे को काफी हद तक कम कर सकता है। पर ध्यान दें की औषधि के रूप में नींबू पानी का सेवन करते समय इसमें नमक और चीनी का प्रयोग ना करें।

     

  5. तुलसी के पत्ते -यूरिन में प्रोटीन आना आयुर्वेदिक इलाज 
    तुलसी के पत्ते

    भारत में तुलसी को बहुत पवित्र माना जाता है इसे केवल पूजा पाठ ही नहीं बहुत से स्वास्थ्य लाभों के लिए भी प्रयोग किया जाता है, तुलसी में डिटॉक्सिफाइंग शक्तियां होती हैं, इससे शरीर को शुद्ध करने का काम करती है। यह खून में मौजूद विषैले तत्वों को बाहर निकालने में मदद करती है। जब खून साफ होता है, तो किडनी को कम मेहनत करनी पड़ती है, जिससे उसकी कार्यक्षमता बेहतर होती है। तुलसी लिवर और किडनी दोनों के कार्य को संतुलित करती है, और ये दोनों मिलकर शरीर को साफ रखने में अहम भूमिका निभाते हैं।

     

आज के इस आर्टिकल में हमने यूरिन में प्रोटीन आना आयुर्वेदिक इलाज, के बारे में, बात करी और आपने जाना की कैसे कुछ घरेलू और आयुर्वेदिक उपचार इस समस्या में आपके काम आ सकते हैं, लेकिन आप सिर्फ इन सुझावों पर निर्भर ना रहें समस्या अगर ज्यादा गंभीर है तो डॉक्टर से संपर्क ज़रूर करें या कर्मा आयुर्वेद अस्पताल में भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं। हेल्थ से जुड़े ऐसे और भी ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें अयुकर्मा के साथ। 




 

FAQ

कौन सा भोजन पेशाब में प्रोटीन कम करता है?

कम प्रोटीन वाला भोजन, पोटैशियम और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर फल और सब्जियां, कम नमक और कम सोडियम वाला भोजन, साबुत अनाज और रेशेदार चीज़ें और हेल्दी फैट्स और ओमेगा-3 फैटी एसिड आहार पेशाब में प्रोटीन को रोकते हैं।

घरेलू उपचार से पेशाब में प्रोटीन कैसे कम करें?

घरेलू उपचार से पेशाब में प्रोटीन कम करने के लिए धनिया पानी का सेवन करें, नींबू पानी पिएं, मेथी के दाने का उपयोग करें, हल्दी और अदरक की चाय पिएं और तुलसी के पत्ते का सेवन करें।

बहुत ज्यादा प्रोटीन के लक्षण क्या हैं?

शरीर में सूजन, झागदार या फेन वाला पेशाब, पेशाब में बदलाव, तेज़ वजन बढ़ना और सांस लेने में तकलीफ़।

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