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शरीर के लिए प्रोटीन बहुत जरूरी है, लेकिन जब ये प्रोटीन यूरिन में ज्यादा मात्रा में आने लगे, तो किडनी के साथ-साथ अन्य बीमारियों को भी न्योता दे देता है और जब किडनी सही से काम नहीं करती, तो प्रोटीन फिल्टर होने के माध्यम से हमारे यूरिन में आने लगता है। इसी को प्रोटीन्यूरिया कहा जाता है। वैसे यूरिन में प्रोटीन आना गंभीर बात है। ऐसे में इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, लेकिन बता दें कि आप यूरिन में प्रोटीन आने का आयुर्वेदिक इलाज करके इस समस्या से मुक्ति पा सकते हैं।
किडनी ब्लड से अपशिष्ट और अतिरिक्त तरल पदार्थ को यूरिन में बदल देती है। वैसे डैमेज किडनी इस प्रोटीन को यूरिन में प्रवाहित कर देती है। वैसे तो यूरिन में प्रोटीन आने के कई कारण होते हैं। उनमें से कुछ इस प्रकार हैं। वैसे यूरिन में प्रोटीन आने का आयुर्वेदिक इलाज करके इसे ठीक कर सकते हैं। चलिए यूरिम में प्रोटीन आने के कारण जान लेते हैं:
जब किडनी बहुत ज्यादा खराब होने लगती है, तो यूरिन में भी ज्यादा प्रोटीन आने लगता है। वैसे यूरिन में प्रोटीन आने का आयुर्वेदिक इलाज करके इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। लेकिन पहले जान लें कि आखिर प्रोटीन्यूरिया के लक्षण क्या हैं।
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अदरक हर रसोई में पाया जाने वाला मसाला है। अदरक को यूरिन में प्रोटीन आने का आयुर्वेदिक इलाज माना जाता है। इस उपाय को अपनाने से पेशाब में प्रोटीन आने की समस्या में राहत पाई जा सकती है। इसके लिए आप एक चम्मच सूखा अदरक या सोंठ लें और उसमें शहद और पानी मिला लें और पानी को उबालकर धीरे-धीरे पिएं। अदरक में मौजूद एंटी-इंफ्लामेटरी और एंटी-माइक्रोबियल तत्व ब्लैडर में होने वाले इंफ्लेमेशन और इंफेक्शन को कम कर सकते हैं।
यदि आपको यूटीआई या पेशाब में झाग आने की प्रॉब्लम है, तो एक कप पानी में थोड़ा-सा साबुत धनिया डालकर उबालें और पानी के आधा होने पर उसे गुनगुना करके दिन में कम से कम दो बार पिएं। इसके बीज में मौजूद मूत्रवर्धक और रोगाणुराधी तत्व आपको यूटाआई की समस्या में आराम देंगे। धनिए के पीना को यूरिन में प्रोटीन आने का आयुर्वेदिक इलाज माना जाता है।
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ब्लूबेरी का जूस भी यूरिन में प्रोटीन आने का आयुर्वेदिक इलाज माना जाता है। अगर आपको यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन, पेशाब से बदबब आने, झाग या बुलबुले बनने की समस्या है, तो इस जूस का सेवन आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। ब्लूबेरी का जूस पीने से यूटीआई की वजह बनने वाले बैक्टीरिया खत्म होने लगते हैं। आप चाहें तो ब्लूबेरी का सेवन नाश्ते में भी कर सकते हैं। आप इसमें क्रेनबेरी का जूस मिलाकर भी पी सकते हैं। क्रेनबेरी का जूस भी यूटाई या झागदार यूरिन में प्रोटीन आने का आयुर्वेदिक इलाज माने जाते हैं।
कई बार डिहाइड्रेशन के कारण भी यूरीन में प्रोटीन आने लगता है। ऐसे में पानी पीने से न सिर्फ इस समस्या से निजात मिलेगा, बल्कि अगर यूरिन में झाग आ रहे हैं, तो आपको उससे भी निजात मिल जाएगा। यूटीआई की समस्या में भी पानी पीना चाहिए, क्योंकि इससे आपका दर्द और जलन कम हो सकती है। पानी पीने से शरीर के सारे अपशिष्ट पदार्थ और टॉक्सिन्स बाहर निकलने लगते हैं। पानी पीने से आप डिहाइड्रेशन से भी बचे रहते हैं। ऐसे में पानी पीना यूरिन में प्रोटीन आने का आयुर्वेदिक इलाज माना जाता है।
तो जैसा कि आपने जाना कि यूरिन में प्रोटीन आने का आयुर्वेदिक इलाज क्या है? लेकिन फिर भी इन उपायों को अपनाने से पहले आप एक बार अपने डॉक्टर से सलाह जरूर करें।
अगर आपको भी इस रोग से जुड़ी किसी भी तरह की समस्या है, तो आप अपना इलाज कर्मा आयुर्वेदा में आकर करवा सकते हैं। यहां पर सन् 1937 से किडनी रोगियों का इलाज किया जा रहा है और हाल ही में इसे डॉ. पुनीत धवन संभाल रहे हैं। डॉ. पुनीत न सिर्फ भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में किडनी की बीमारी से जूझ रहे रोगियों का इलाज कर रहे हैं, क्योंकि आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है। कर्मा आयुर्वेदा डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना ही भारतीय आयुर्वेद के सहारे किडनी फेल्योर का इलाज कर रहा है।
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