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बवासीर एक एसी गंभीर बीमारी है जो मलाशय के क्षेत्र के आंतरिक या बाहरी भाग में होते हैं। इस स्थिती में गुदा और मलाशय के आस पास की नशों में सुजन आ जाती है। जिसे उस जगह पर मस्से बन जाते हैं, इस स्थिती को गंभीर इसलिए कहा जाता है क्योंकि इस के कारण बहुत से अन्य गंभीर रोग भी हो सकते हैं। इससे पीड़ित व्यक्तियों को उठने बेठने के समय और शोच के समय अत्यधिक पीड़ा से गुज़ारना पड़ता है इसलिए इस बीमारी में बहुत ज़रूरी है बवासीर के मस्से को सुखाना, और इसका का जल्द से जल्द इलाज करवाना, पर अगर आप इसके शुरुआती लक्षण या गंभीर होने से पहले कोई एसा उपाय चाहते हैं जिसे आपको आराम पहुंचे, तो आप इन बताये गये बवासीर के मस्से सुखाने के उपायों पर ज़रूर ध्यान दें।
बवासीर के उपाए बताने से पहले हम पहले उसके लक्षण के बारे में आपको सचेत करना चाहेंगे, यदि आप कभी इन लक्षणों के बारे में सुने या महसूस करें, तो आपको रहना होगा सावधान।
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खाने में फाइबर डायरेक्ट मस्से को नहीं पर मल त्याग कि पूरी प्रक्रिया में सुधार लाता है, जैसे फाइबर कांस्टीपेशन के समय बोवेल मूवमेंट में हमारी मदद करता है। जिससे सीधा असर बवासीर पर भी पड़ता है क्योंकि कांस्टीपेशन बवासीर होने का एक कारण है, और हाई फाइबर डाइट आपके पाचन क्रिया में आपकी मदद करता है जिससे आपको मल त्याग के दौरान कम कठिनाई हो सकती है। इसलिए खाने में ज़्यादा से ज़्यादा फाइबर को जोड़ें जैसे केला,गाजर,पालक,सेब आदि।
पानी हमारे लिए बहुत ज़्यादा ज़रूरी है, क्यूोंकि इनका कार्य हमारे पुरे पाचन क्रिया को सही से चलाने में किया जाता है। और ये हमारी त्वचा को भी स्वस्थ बनाता है जिससे मस्से से होने वाली परेशानीयाँ कम हो जाती हैं। और पानी से बॉडी हाइड्रेट होती है जिससे बॉडी में हीलिंग प्रोसेस जल्दी काम करते हैं।
गुनगुने पानी में बैठने कि क्रिया को Sitz Bath भी कहते हैं, इस प्रक्रिया में आपको एक टब में गुनगुने पानी पर बैठना होता है, जिससे बवासीर और उसके द्वारा हुए मस्से में सुधार आता है, इसे जलन, सुजन और दर्द जैसी समस्याओं से राहत मिलती है। यही नहीं ये आपके मलाशय को भी साफ करता है और हीलिंग में भी आपकी मदद करता है।
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आइस पैक बवासीर को पूरी तरह से ठीक नहीं करता पर उसे होने वाली असुविधा को कम ज़रुर कर देता है, इसका प्रयोग करने से नसें सुन्न पड़ जाती हैं जिससे दर्द का पता नहीं चलता और ये सूजी हुई नसों के ब्लड सर्कुलेशन को धीमे कर देता है, जिससे टेम्पररी रूप से दर्द में राहत मिल जाती है।
नारियल तेल में एंटी-इन्फ्लामेट्री, एंटी-वायरस, और मोइस्च्रिसिन्ग प्रॉपर्टीज होते हैं, जो मस्से द्वारा हुए परेशानियों से राहत पहुँचाने में मदद करते हैं। नारियल तेल का प्रयोग खाने में करना भी हमारे पाचन तंत्र के लिए अच्छा होता है।
शारीरिक क्रिया के कारण आप अपने बॉडी वेट को नियंत्रित कर सकते हो जो आपके पेल्विक एरिया और नसों पर कम भार डालता है जिससे आपको कम परेशानी हो सकती है क्यूंकि बॉडी का ज्यादा भार आपके लिए बवासीर का एक मुख्य कारण बन सकता।
यदि आप या आपके अपने हो रहे हैं इस गंभीर बीमारी से परेशान तो जल्द ही आप इन उपायों को अपनाएं ज़्यादा समय के लिए इसे नज़रंदाज़ करना आपके लिए बहुत हानिकारक हो सकता है इसलिए बताये गये लक्षणों और कारणों पर ज़रूर ध्यान दें और हेल्थ से जुड़े सभी प्रकार के आर्टिकल्स और ब्लोग्स के लिए जुड़े रहें आयु कर्मा के साथ।
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FEB 23,2022 - FEB 22,2025