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पेशाब में प्रोटीन रोकने के घरेलू उपाय

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पेशाब में प्रोटीन रोकने के घरेलू उपाय

पेशाब में प्रोटीन रोकने के घरेलू उपाय

पेशाब में प्रोटीन आने की स्थिति को प्रोटीनुरिया कहते हैं, ये एक सामान्य स्थिति हो सकती है लेकिन आगे चल कर ये एक गंभीर संकेत हो सकता है की किडनी पूरी तरह से काम नहीं कर रही है। इस समस्या के भी कई कारण हो सकते हैं, और अगर इस पर जल्द ही ध्यान नहीं दिया गया तो यह धीरे-धीरे किडनी फेलियर की ओर भी ले जा सकता है। आज इस आर्टिकल में हम पेशाब में प्रोटीन रोकने के घरेलू उपाय के बारे में बताएंगे साथ ही इनके लक्षणों और कारणों पर ध्यान देंगे जिससे आप जानेंगे की समय रहते आप  घरेलू उपायों से भी इस स्थिति को नियंत्रित कैसे कर सकते हैं।

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प्रोटीनुरिया के लक्षण 

प्रोटीनुरिया के कारण 

पेशाब में प्रोटीन रोकने के घरेलू उपाय
 

  1. तुलसी के पत्ते- तुलसी आयुर्वेद में बहुत ही शक्तिशाली और प्रभावी औषधियों में से एक है, तुलसी में मौजूद प्राकृतिक यौगिक किडनी से विषैले तत्वों को बाहर निकालने में मदद करते हैं। तुलसी में एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल प्रॉपर्टीस होते हैं, अगर प्रोटीनुरिया यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन या किडनी इंफेक्शन के कारण है, तो इस स्थिति में  तुलसी की ये प्रॉपर्टीस संक्रमण को रोकने और ठीक करने में बहुत मदद कर सकते हैं, तुलसी एक हल्के मूत्रवर्धक की तरह काम करती है, जिससे पेशाब की मात्रा बढ़ती है और शरीर से अतिरिक्त टॉक्सिन्स और प्रोटीन फ्लश होते हैं। पर ध्यान रखें अगर आप कोई दवा ले रहे हैं या क्रॉनिक किडनी डिजीज से ग्रसित हैं, तो तुलसी को नियमित रूप से लेने से पहले डॉक्टर से परामर्श लें।
    तुलसी के पत्ते

 

  1. करेला - अगर हम बात करें करेले की तो इसके सेहत के लिए बहुत फायदे होते हैं पर स्वाद की दृष्टि से बहुत से लोग इसे अनदेखा कर देते हैं अगर हम बात करें इसके फायदे की तो इसमें बहुत से गुण होते हैं जो न केवल ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है बल्कि किडनी को भी स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है। करेले में चार्टिन और पोलिपेप्टाइड-P जैसे तत्व होते हैं जो ब्लड शुगर लेवल को घटाते हैं। यही नहीं करेला पेशाब बढ़ाने में भी मदद करता है जिससे अतिरिक्त यूरिया, क्रिएटिनिन और अन्य अपशिष्ट पदार्थ शरीर से बाहर निकलते हैं। पर ध्यान रखें की हमेशा ताजा करेला ही उपयोग करें, और अत्यधिक कड़वाहट वाले करेले से बचें।
    करेला

 

  1. लहसुन - लहसुन अत्यंत प्रभावशाली प्राकृतिक औषधि है, लहसुन का मुख्य सक्रिय घटक है एलिसिन होता है, जो एंटीबैक्टीरियल, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होता है जिस वजह से सूजन किडनी की सूजन से जुड़ी स्थितियों जैसे ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस को भी नियंत्रित करने में मदद करता है, लहसुन फ्री रेडिकल्स को निष्क्रिय करता है, जो किडनी की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं। और जैसा की हमें पता है की डायबिटिज किडनी क लिए हानिकारक है, इस स्थिति में लहसुन ब्लड शुगर को प्राकृतिक रूप से कंट्रोल करने में मदद करता है, जिससे डायबिटिक नेफ्रोपैथी की संभावना को भी कम होती है। पर ध्यान रहे बहुत अधिक मात्रा में कच्चा लहसुन लेने से पेट में जलन, गैस, या मुंह की दुर्गंध हो सकती है।
    लहसुन
     
  2. पर्याप्त पानी पिएं -  पानी हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी है, खासकर किडनी के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए। पानी शरीर से विषैले पदार्थों (toxins), यूरिया, क्रिएटिनिन और अतिरिक्त प्रोटीन को पेशाब के ज़रिए बाहर निकालने में मदद करता है और जब आप पर्याप्त पानी पीते हैं, तो पेशाब पतला होता है और अधिक मात्रा में निकलता है। इससे प्रोटीन के जमने या क्रिस्टल बनने की संभावना कम हो जाती है, जो किडनी को नुकसान पहुंचा सकते हैं इसलिए उचित मात्रा में पानी पिन बहुत जरूरी है।
    पानी
     

आज के इस आर्टिकल में हमने पेशाब में प्रोटीन रोकने के घरेलू उपाय, के बारे में, बात करी और आपने जाना की कैसे कुछ घरेलू और आयुर्वेदिक उपचार इस समस्या में आपके काम आ सकते हैं, लेकिन आप सिर्फ इन सुझावों पर निर्भर ना रहें समस्या अगर ज्यादा गंभीर है तो डॉक्टर से संपर्क ज़रूर करें या कर्मा आयुर्वेद अस्पताल में भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं। हेल्थ से जुड़े ऐसे और भी ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें अयुकर्मा के साथ।




 



FAQ

 

घरेलू उपचार से पेशाब में प्रोटीन कैसे कम करें?

पेशाब में प्रोटीन के लिए घरेलू उपचार में आप लहसुन का सेवन करें, करेले का रस पिएं, पर्याप्त पानी पिएं और तुलसी के पत्तों का सेवन करें  

बहुत ज्यादा प्रोटीन के लक्षण क्या हैं?

 प्रोटीन के लक्षणों में हम पेशाब में झाग, कमजोरी और थकावट, वजन बढ़ना, चेहरे, पैरों और टखनों में सूजन आदि देख सकते हैं

पेशाब में प्रोटीन होने पर क्या खाना चाहिए?

पेशाब में प्रोटीन होने पर कम सोडियम, हाई फाइबर वाले फल और सब्ज़ियां, सीमित मात्रा में प्रोटीन, अच्छे फैट्स और एंटीऑक्सीडेंट्स खाने चाहिए

 

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