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पेट में पानी भरने पर क्या खाना चाहिए

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पेट में पानी भरने पर क्या खाना चाहिए 

पेट में पानी भरने की स्थिति को जलोधर भी कहते हैं, यह समस्या होने पर शरीर पहले ही भारीपन, थकान, भूख न लगना और सांस लेने में तकलीफ़ जैसी परेशानियों से जूझ रहा होता है। ऐसी स्थिति में केवल दवाइयाँ ही नहीं, डाइट का हर छोटा फैसला शरीर पर सीधा असर डालता है। क्योंकि सही डाइट पेट की सूजन कम करने, शरीर में अतिरिक्त तरल को नियंत्रित करने और उपचार के असर को बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाती है। इसलिए आज इस आर्टिकल में हम पेट में पानी भरने पर क्या खाना चाहिए इस विषय में बताएंगे साथ ही इस समस्या के लक्षणों और कारणों पर भी विचार करेंगे। जिससे आप एक सुरक्षित, हल्का और फायदेमंद डाइट अपना पाएंगे।

जलोधर के लक्षण 

  • पेट का असामान्य रूप से फूलना या भारी दिखना

  • वजन का अचानक बढ़ जाना

  • टखनों, पैरों या पिंडलियों में सूजन

  • मतली और उल्टी

  • पेट में दर्द या असहजता

  • थकान और कमजोरी

  • पेट में भारीपन और चलने-फिरने में परेशानी

  • सांस लेने में तकलीफ

जलोधर के कारण 

पेट में पानी भरने पर क्या खाना चाहिए

  1. कम नमक वाला भोजन

  2. पोटैशियम से भरपूर खाद्य

  3. फाइबर युक्त हल्का भोजन

  4. एंटी-इंफ्लेमेटरी चीज़ें

  5.  कम तेल और कम वसा वाला भोजन

 

  1. कम नमक वाला भोजन - कम नमक वाला भोजन जलोधर या पेट में पानी भरने की समस्या में इसलिए मदद करता है, क्योंकि शरीर में जितना सोडियम कम होगा, शरीर उतना ही कम पानी रोकेगा। और जलोधर की स्थिति में शरीर पहले से ही पानी जमा कर रहा होता है, और यदि ऐसी स्थिति में नमक ज़्यादा लिया जाए तो यह पानी और बढ़ता जाता है। जिससे पेट की सूजन, कसाव और भारीपन कम होने लगता है। साथ ही कम नमक वाला खाना लीवर और दिल पर पड़ने वाला दबाव घटाता है, साथ ही जब सोडियम कम होता है, तो खून का दबाव भी नियंत्रित रहता है और शरीर आसानी से अतिरिक्त तरल को बाहर निकाल पाता है। इससे दवाइयों की प्रभावशीलता बढ़ती है, सांस फूलना कम होता है, पेट में खिंचाव से राहत मिलती है और चलने-फिरने में आसानी होने लगती है।
    नमक

  2. पोटैशियम से भरपूर खाद्य - पोटैशियम शरीर में सोडियम का संतुलन बनाकर रखता है। ये भी एक कारण है की पेट में पानी भरने के समय पोटैशियम से भरपूर खाद्य क्यों जरूरी है, क्योंकि जब पोटैशियम बढ़ता है तो शरीर सोडियम को प्राकृतिक रूप से बाहर निकालने लगता है, और सोडियम कम होते ही पानी रुकना बंद हो जाता है। जिससे पेट में जमा तरल धीरे-धीरे घटने लगता है और सूजन कम होती है। ऐसे में पोटैशियम युक्त भोजन खाने से दवाइयों का असर बेहतर रहता है और शरीर स्थिर रहता है। यह दिल की धड़कन को नियंत्रित रखने, ब्लड प्रेशर को संतुलित करने और जलन-जैसी तकलीफ़ों को कम करने में भी सहायता करता है।

  3. फाइबर युक्त हल्का भोजन -  फाइबर युक्त हल्का भोजन केवल किसी समस्या ही नहीं सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है, क्योंकि जलोधर की स्थिति में पेट पहले से ही भरा हुआ, भारी और दबाव में होता है। और ऐसे में फाइबर वाला हल्का खाना पाचन को आसान बनाता है और पेट पर ज़ोर नहीं डालता। इसके अलावा फाइबर आंतों की गति को प्राकृतिक रखता है, जिससे गैस, भारीपन और सूजन कम महसूस होती है। हल्का, फाइबर युक्त भोजन आपको धीरे-धीरे ऊर्जा देता है, पचने में आसान होता है और शरीर में सूजन को शांत करने में भी मदद करता है। इसलिए फाइबर युक्त हल्का भोजन करना एस्काइटिस को दूर करने का तरीका माना जाता है। 

    फाइबर

  4. एंटी-इंफ्लेमेटरी चीज़ें - पेट में पानी निकालने के उपाय में एंटी-इंफ्लेमेटरी चीज़ों का सेवन करना बहुत फायदेमंद होता है, क्योंकि ये शरीर में सूजन को अंदर से शांत करती हैं। साथ ही ये चीज़ें शरीर में मौजूद हानिकारक केमिकल्स जैसे इंफ्लेमेटरी कंपाउंड्स को कम करती हैं, जिससे पेट की जकड़न, गर्माहट और बेचैनी कम होती है। हल्दी, अदरक, लहसुन जैसी प्राकृतिक चीज़ें खून का प्रवाह भी बेहतर बनाती हैं, जिससे लीवर और पाचन तंत्र पर तनाव घटता है। और इसके अलावा एंटी-इंफ्लेमेटरी खाद्य इम्यून सिस्टम को भी संतुलित रखते हैं, जिससे संक्रमण का खतरा कम होता है, जो Ascites में एक बड़ा जोखिम होता है।

  5.  कम तेल और कम वसा वाला भोजन - कम तेल और कम वसा वाला भोजन केवल जलोधर ही नहीं पूरी तरह से स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी होता है, क्योंकि जब पेट में पानी भर जाता है, तो लीवर पहले ही कमजोर होता है, और ज्यादा वसा खाने से उसे भोजन पचाने में ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है, जिससे सूजन की समस्या बढ़ सकती है। पर ऐसी स्थिति में कम तेल वाला भोजन खाने से पेट हल्का रहता है। जिससे भारीपन, गैस और पेट में कसाव कम महसूस होता है। साथ ही यह भोजन ऊर्जा तो देता है लेकिन शरीर में चरबी और लोड नहीं बढ़ाता, जिससे वजन और पेट का दबाव नहीं बढ़ता। कुल मिलाकर इसलिए  कम तेल और कम वसा वाला भोजन को पेट में पानी कम करने के घरेलू नुस्खे में गिना जाता है। 

आज इस आर्टिकल में हमने बताया पेट में पानी भरने पर क्या खाना चाहिए, और आपने जाना की कैसे कुछ आयुर्वेदिक उपचार से इस समस्या में आपके काम आ सकते हैं, लेकिन आप केवल इन सुझावों पर निर्भर ना रहें समस्या अगर ज्यादा गंभीर है, तो डॉक्टर से संपर्क जरूर करें, और ऐसे ही आर्टिकल और ब्लॉग्स के लिए जुड़े रहें आयु कर्मा के साथ।
 


 

FAQ
 

  • शरीर से पानी निकालने के लिए क्या खाना चाहिए? 
    शरीर से अतिरिक्त पानी निकालने के लिए हल्का नमक कम आहार लें, पोटैशियम युक्त चीजें (डॉक्टर से पूछकर), मूंग दाल का सूप, उबली सब्ज़ियाँ और पर्याप्त मात्रा में पानी पिएँ। 

  • क्या जलोदर पूरी तरह ठीक हो सकता है?
    जलोदर अगर शुरुआती चरण में हो और कारण जैसे लीवर इंफेक्शन, कुपोषण या हार्ट-किडनी का असंतुलन नियंत्रित हो जाए, तो काफी हद तक ठीक हो सकता है।

  • क्या जलोदर को घर पर हटाया जा सकता है?
    जलोदर को पूरी तरह घर पर हटाना संभव नहीं है, क्योंकि यह गंभीर बीमारी का लक्षण होता है। घर पर सिर्फ नमक कम करना, हल्का भोजन और डॉक्टर की दवाएँ मदद कर सकती हैं।

  • जलोदर में क्या परहेज करें?
    जलोदर में नमक और ज्यादा पानी से परहेज़ करें, तला-भुना और चिकनाई वाला भोजन न खाएँ, शराब बिल्कुल न लें, पैक्ड व प्रोसेस्ड फूड से बचें, गैस बनाने वाली चीज़ें कम लें।

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