आपकी सभी स्वास्थ्य समस्याओं के लिए विशेषज्ञ स्वास्थ्य पेशेवरों द्वारा अनुशंसित आयुर्वेदिक उपचार, उपचार और सलाह
आज इस आर्टिकल में हम बात करेंगे पाचन क्रिया के बारे में। ये विषय या कहें तो ये समस्या आजकल एक आम समस्या बन गई है जिस पर ज्यादा लोग ध्यान नहीं देते बाजार से दवाई लेकर कुछ समय के आराम को ही राहत समझ लेते हैं, पर इस समस्या के पीछे के कारणों और लक्षणों को समझना भी बहुत जरूरी है, इसलिए आज इस आर्टिकल में हम विस्तार से जानेंगे पाचन क्रिया कैसे सुधारे घरेलू उपाय और साथ ही जानेंगे की कैसे कुछ घरेलू और आयुर्वेदिक उपाय अभी के समय की आधुनिक दवाइयों से भी ज्यादा प्रभावी हो सकती है।
गैस और डकारें आना – पेट में गैस बनने के कारण बार-बार डकारें आने लगती हैं।
पेट फूला हुआ महसूस होना – खाना खाने के बाद पेट भारी और फूला हुआ लगता है।
भूख न लगना – पाचन खराब होने से समय पर भूख नहीं लगती या भूख मर जाती है।
जी मिचलाना – पेट में गड़बड़ी के कारण मतली जैसा अहसास होता है।
उल्टी जैसा महसूस होना – भोजन ठीक से न पचने पर उल्टी की इच्छा होने लगती है।
पेट दर्द या ऐंठन – आंतों में सूजन या गैस से पेट में तेज़ दर्द या मरोड़ महसूस होती है।
दस्त या कब्ज – पाचन खराब होने पर कभी दस्त तो कभी मल कठोर होकर बाहर नहीं निकलता।
मुँह का स्वाद खराब होना – अपच के कारण मुँह में कड़वापन या अजीब स्वाद बना रहता है।
गलत खानपान – तला-भुना, मसालेदार या बासी खाना पाचन तंत्र को कमजोर बना देता है।
पर्याप्त पानी न पीना – शरीर में पानी की कमी से पाचन रसों का स्राव कम हो जाता है, जिससे भोजन ठीक से नहीं पचता।
अनियमित जीवनशैली – समय पर न खाना, नाश्ता छोड़ना और देर रात भोजन करने से पाचन बिगड़ता है।
नींद पूरी न होना – नींद की कमी से पाचन अंगों पर नकारात्मक असर पड़ता है और पाचन क्रिया धीमी हो जाती है।
अत्यधिक तनाव, चिंता या डिप्रेशन – मानसिक तनाव पाचन क्रिया को सीधे प्रभावित करता है और गैस या अफारा बढ़ाता है।
कुछ खास दवाइयाँ – पेनकिलर, एंटीबायोटिक या स्टेरॉयड जैसी दवाएँ आंतों की कार्यक्षमता को बिगाड़ सकती हैं।
कैफीन की अधिकता – ज़्यादा चाय, कॉफी या एनर्जी ड्रिंक लेने से पेट में जलन और एसिडिटी की समस्या हो सकती है।
गुनगुना पानी पिएं - गुनगुना पानी पीना पाचन तंत्र को मजबूत करने का एक बहुत ही आसान और प्रभावी तरीका है, इसलिए अगर आप सुबह खाली पेट गुनगुना पानी पीते हैं, तो यह आपके पाचन तंत्र को धीरे-धीरे सक्रिय करता है और रातभर में जमा हुए टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद करता है। और गुनगुना पानी उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो भोजन के बाद भारीपन, गैस या अफारा महसूस करते हैं, गुनगुना पानी राहत का काम करता है। यह पेट में मौजूद अतिरिक्त एसिड को भी बैलेंस करता है, जिससे एसिडिटी और जलन में आराम मिलता है।
हींग - हींग भारतीय रसोई में एक सामान्य मसाला है, पर पाचन संबंधी समस्याओं में हिंग एक बहुत ही असरदार माना गया है, जब इसे भोजन में या पानी के साथ सेवन किया जाता है, तो यह पाचन एंजाइम्स को सक्रिय करता है और भोजन को पचाने की प्रक्रिया को तेज करता है। और ये प्रभाव केवल गैस पर ही नहीं, बल्कि कब्ज पर भी होता है। यह आंतों की गतिविधियों को सक्रिय बनाती है और मल त्याग को आसान बनाती है। जिन लोगों को रोज सुबह पेट साफ नहीं होता या आंतों में ऐंठन जैसी समस्या होती है, उनके लिए हींग बेहद उपयोगी साबित होती है। हिंग को पेट साफ रखने के आसान घरेलू नुस्खे में से भी एक माना जाता है।
त्रिफला चूर्ण - त्रिफला चूर्ण पाचन तंत्र पाचन शक्ति बढ़ाने का आयुर्वेदिक इलाज है। ये तीन फलों के मिश्रण से बनता है, जब पाचन तंत्र सुस्त या अव्यवस्थित होता है, तो शरीर में टॉक्सिन्स जमा होने लगते हैं, जिससे गैस, कब्ज, भारीपन, अपच, और त्वचा से जुड़ी समस्याएं शुरू हो जाती हैं। त्रिफला चूर्ण आंतों को धीरे-धीरे साफ करता है, पुराने जमा मल और विषैले तत्वों को बाहर निकालता है और इस प्रक्रिया में शरीर को नुकसान नहीं पहुंचाता। इसका प्रभाव हल्का और प्राकृतिक होता है, जिससे यह लंबे समय तक उपयोग के लिए भी सुरक्षित माना जाता है। इसलिए इसे पेट की सफाई के लिए घरेलू उपाय भी माना जाता है।
हल्का और ताजा भोजन करें - पाचन तंत्र को मजबूत और बेहतर बनाने के लिए अपने खाने पर ध्यान देना बहुत जरूरी है, जब हम हल्का और ताजा भोजन करते हैं, तो शरीर को उसे पचाने में ज़्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती। इससे पाचन तंत्र पर दबाव कम पड़ता है और वह अपनी कार्यक्षमता को बेहतर ढंग से निभा पाता है। इसके विपरीत, बासी, प्रोसेस्ड या भारी भोजन आंतों में अधिक देर तक रुकता है, जिससे गैस, अफारा, जलन और कब्ज जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं। आयुर्वेद में भी कहा गया है कि ‘जैसा भोजन, वैसा मन’—हल्का और ताजा भोजन मानसिक स्पष्टता, मन की शांति और ऊर्जा के स्तर को भी प्रभावित करता है। इसलिए अपने भोजन पर ध्यान देना बहुत जरूरी है।
छाछ और जीरा - छाछ और जीरा का मिश्रण पाचन तंत्र को मजबूत करने के लिए पारंपरिक और सरल घरेलू उपाय है, यह पेट को ठंडक देता है और आंतों में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ावा देता है, जिससे पाचन क्रिया स्वाभाविक रूप से सुधरती है। जब इसे भूने हुए जीरे के साथ लिया जाता है, तो इसका प्रभाव और भी गुणकारी हो जाता है। यह एक ऐसा साधन है जो स्वादिष्ट भी है और औषधीय भी, और जिसे आप हर दिन अपने भोजन का हिस्सा बनाकर लंबे समय तक पाचन से जुड़ी समस्याओं से मुक्त रह सकते हैं।
आज के इस आर्टिकल में हमने पाचन क्रिया कैसे सुधारे घरेलू उपाय, के बारे में, बात करी और आपने जाना की कैसे कुछ घरेलू और आयुर्वेदिक उपचार इस समस्या में आपके काम आ सकते हैं, लेकिन आप सिर्फ इन सुझावों पर निर्भर ना रहें समस्या अगर ज्यादा गंभीर है तो डॉक्टर से संपर्क ज़रूर करें या कर्मा आयुर्वेद अस्पताल में भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं। हेल्थ से जुड़े ऐसे और भी ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें अयुकर्मा के साथ।
FAQ
पाचन शक्ति बढ़ाने के लिए गुनगुना पानी पिएं, भोजन में हींग, जीरा, सौंफ और अदरक का उपयोग करें, छाछ में भुना जीरा मिलाकर पिएं, त्रिफला चूर्ण रात को लें, और हल्का, ताजा खाना खाएं। भोजन के बाद वज्रासन में बैठना भी लाभकारी होता है।
कमजोर पाचन तंत्र को ठीक करने के लिए हल्का और ताजा भोजन करें, समय पर खाएं, गुनगुना पानी पिएं, त्रिफला चूर्ण और छाछ का सेवन करें, हींग, अजवाइन और अदरक का उपयोग करें, तनाव कम करें और नियमित योग या वज्रासन करें।
अगर खाना नहीं पचता है तो हल्का और सादा भोजन करें, भोजन के बाद थोड़ी देर वज्रासन में बैठें, गुनगुना पानी पिएं, छाछ में भुना जीरा मिलाकर पिएं, और अदरक या हींग का सेवन करें। साथ ही, तनाव कम करें और समय पर भोजन करना शुरू करें।
Sheela Jain
Hi, I'm Sheela. I struggled with painful skin rashes for years. After facing side effects from other medicines, I turned to Ayukarma. The facilities impressed me, and after 1.5 months of treatment, my skin completely healed. I'm so grateful for their care and effective treatment.
Kapil
I'm Kapil from Jhajjar. I had gallbladder stones and wanted an herbal solution. I chose Ayukarma and followed their treatment and diet plan. In a month, my symptoms eased, and scans showed major improvement. After two months, the stones were gone. Truly thankful for their help.
Tina Yadav
I'm Tina from Delhi. I suffered from severe sinus issues for years. After learning about Panchakarma therapy, I visited Ayukarma. The staff was great, and therapy was done as per Ayurvedic texts. After treatment, my symptoms improved significantly. I highly recommend them for sinus problems.
Dravya Mathur
Ayukarma helped me manage proteinuria naturally. The Ayurvedic herbs they prescribed reduced my symptoms without side effects. I’ve noticed improvements in my kidney function too. Their treatment has been safe, effective, and deeply healing. I highly recommend them.
Karan a
My friend’s dad had colon cancer with severe symptoms. After starting treatment at Ayukarma, he showed major improvement in a few months. His recovery is ongoing, and he now strongly recommends Ayukarma for anyone dealing with similar issues.
Sumit Mehra
My aunt, Rita Mehra, had early-stage breast cancer. She began treatment at Ayukarma, and the use of herbal medicines helped prevent the cancer from spreading. Best part, no side effects. Dr. Puneet and the team were excellent throughout. Huge thanks to them!
Kriya
I’m Kriya from Delhi. Diagnosed with early-stage tonsil cancer, I couldn’t tolerate allopathic treatment. Switching to Ayukarma was the best decision. Their herbal therapy eased my symptoms and improved my health significantly. I’m hopeful for a full recovery.
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