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इस बीमारी को विटिलिगो भी कहा जाता है जिसमें स्किन का रंग फीका पड़ जाता है और सफेद धब्बे बन जाते हैं। ये शरीर के किसी भी हिस्से पर हो सकते हैं और इनका असर बालों पर भी पड़ सकता है। वैसे तो इसका कोई पक्का इलाज नहीं होता लेकिन, विटिलिगो के घरेलू उपचार इसे कंट्रोल करने में मदद करते हैं, जिनमें से तुलसी बहुत उपयोगी है। इसलिए, तुलसी से सफेद दाग का इलाज जानकार विटिलिगो को ठीक करना चाहिए। साथ ही सफेद दाग के कारण और प्रकार भी जानने चाहिए।
इसके पीछे की बड़ी वजह है स्किन को रंग देने वाली मेलानोसाइट कोशिकाओं का नष्ट हो जाना या काम करना बंद कर देना। ऐसा ईन वजहों से हो सकता है –
इम्यून सिस्टम का मेलेनिन बनाने वाली कोशिकाओं यानी मेलानोसाइट्स पर हमला करके उन्हें नष्ट कर देना।
परिवार में पहले से किसी को सफेद दाग की समस्या होना जो पीढ़ी-दर-पीढ़ी ट्रांसफर हो जाती है।
हाइपरथायरायडिज्म (ग्रेव्स रोग) और हाइपोथायरायडिज्म (हाशिमोटो थायराइडाइटिस) जैसे थायराइड विकार से सफेद दाग होना।
डायबिटीज़, एडिसन रोग, और पर्नीशियस एनीमिया जैसे रोग होने पर सफेद दाग होने का खतरा बढ़ जाता है।
सोरायसिस और एक्ज़िमा जैसे स्किन से जुड़े रोग।
टिनिया वर्सिकलर जैसे फंगल इन्फेक्शन।
एंटी-बैक्टीरियल और एंटीऑक्सीडेंट गुणों की वजह से सफेद दाग में तुलसी के फायदे बहुत ज़्यादा होते हैं जिसके लिए नीचे दिए गए ईन तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है ताकि तुलसी से सफेद दाग का घरेलू इलाज किया जा सके –
1. तुलसी का रस - तुलसी की 10-12 पत्तियाँ धोकर पीस लें और रस निकालकर सफेद दाग वाली जगहों पर हल्के हाथ से दिन में दो बार लगाएँ। इससे स्किन में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और मेलानिन बनने में मदद मिलती है।
2. तुलसी और नींबू से सफेद दाग का उपचार - तुलसी के रस में 2-3 बूंद नींबू रस मिलाकर लगाने से स्किन पर हल्की गर्माहट आती है, जिससे पिगमेंटेशन बढ़ाने में मदद मिलती है। यह सफेद दाग की आयुर्वेदिक दवा है।
3. तुलसी की चाय - रोज़ तुलसी की चाय पीने से बॉडी से टॉक्सिन यानी गंदगी बाहर निकलती है और इम्यूनिटी बढ़ती है, जिससे स्किन पर सुधार दिखाई दे सकता है।
4. तुलसी और हल्दी - एक बर्तन में पानी उबालकर उसमें तुलसी के पत्ते और थोड़ा सा हल्दी पाउडर डालकर उबालें। अब घोल को ठंडा होने दें फिर इसे सफेद दाग वाली जगहों पर लगाएं या उससे धोएं।
5. तुलसी तेल - यह तेल सीधे सफेद दाग पर लगाएँ या सफेद दाग से प्रभावित स्किन पर इसे रगड़ें।
नॉन- सेग्मेंटल विटिलिगो: यह बहुत ही कॉमन टाइप है जो 90% मामलों में पाया जाता है। आमतौर पर इसमें बॉडी के दोनों तरफ एक ही जगह पर धब्बे होते हैं। यह बॉडी के कई हिस्सों में फैल सकता है।
सेग्मेंटल विटिलिगो: इसमें बॉडी के सिर्फ़ एक तरफ या एक सीमित जगह पर ही धब्बे होते हैं, जैसे हाथ या पैर के किसी एक तरफ। ज़्यादातर यह बचपन में शुरू होता है और तेजी से बढ़ता है लेकिन, बाद में रुक जाता है।
यूनिवर्सल विटिलिगो: यह बहुत रेयर होता है जिसमें लगभग 80% से ज़्यादा रंगद्रव्य नष्ट हो जाता है।
म्यूकोसल विटिलिगो: इसमें स्किन के बजाय मुंह, नाक और जननांगों की श्लेष्मा झिल्लियों पर सफेद धब्बे हो जाते हैं।
फोकल विटिलिगो: यह बहुत ही रेयर होता है जिसमें एक या दो साल के अंदर धब्बे फैलना बंद हो जाते हैं।
ट्राइक्रोम विटिलिगो: इसमें स्किन पर तीन अलग-अलग रंगों की जगह दिखाई देती है, जैसे – एक सफेद रंग का केंद्र जिसके चारों तरफ एक हल्के रंग का पैच होता है और फिर नॉर्मल स्किन होती है।
तुलसी से सफेद दाग के उपचार में आयुर्वेदिक सुझाव – Tulsi se safed daag ke upchaar mein ayurvedic sujhaav
ईन चीज़ों को एक साथ न खाएँ – दही, खट्टी चीज़ें, मछली और दूध।
कुछ चीज़ों का परहेज़ करें जैसे – तली-भुनी चीज़ें, ज़्यादा नमक वाले फूड्स और पैकेज्ड फूड्स आदि।
स्ट्रेस कम करें और योग-प्राणायाम करें।
रोज़ सुबह 5-7 मिनट के लिए धूप में बैठें।
आज के इस ब्लॉग में हमनें आपको तुलसी से सफेद दाग का इलाज बताया। लेकिन, आप सिर्फ़ इस जानकारी या सुझावों पर निर्भर ना रहें। अगर आपको या आपके किसी साथी/रिश्तेदार को सफेद दाग की समस्या है तो तुरंत किसी डॉक्टर से संपर्क ज़रूर करें या आयुकर्मा अस्पताल में भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर से सफेद दाग का आयुर्वेदिक उपचार करवा सकते हैं। यहाँ आपको उपचार के साथ-साथ रोगी विशेष डाइट चार्ट और कंसल्टेंसी भी मिलेगी। हेल्थ से जुड़े ऐसे और भी ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें आयुकर्मा के साथ।
FAQs
सफेद दाग में तुलसी कैसे काम करती है – Safed daag mein tulsi kaise kaam karti hai?
यह खून को शुद्ध करती है, बॉडी में मौजूद फंगस और इन्फेक्शन को कम करती है और स्किन कोशिकाओं को ऐक्टिव करती है, जिससे पिगमेंट वापस आने में मदद होती है।
सफेद दाग में तुलसी कितने दिनों में असर दिखाती है – Safed daag mein tulsi kitne dino mein asar dikhaati hai?
आम तौर पर 20-40 दिनों में हल्का असर दिखने लगता है, लेकिन यह व्यक्ति और रोग की स्तिथि पर भी डिपेंड करता है।
तुलसी लगाने से कोई साइड इफेक्ट होता है क्या– Tulsi lagaane se koi side effect hota hai kya?
आमतौर पर नहीं होता, लेकिन सेन्सिटिव स्किन होने पर हल्की जलन या लालपन हो सकता है।
क्या तुलसी खाना भी सफेद दाग में लाभ देता है – Kya tulsi khaana bhi safed daag mein laabh deta hai?
हाँ, रोज़ 4-5 तुलसी की पत्तियाँ खाने से इम्यूनिटी बढ़ती है और सफेद दाग में फायदा मिलता है
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