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लिकोरिया या ल्यूकोरिया (Leukorrhea) एक सामान्य स्थिति है, जिसे श्वेत प्रदर या सफेद पानी आना (White Discharge) भी कहते हैं। यह एक सामान्य स्थिति है, जिससे कभी न कभी हर महिला प्रभावित होती है। आमतौर पर लिकोरिया में योनि से सफेद रंग का गाढ़ा और चिपचिपा पदार्थ निकलना शामिल है। कई बार अनुपचारित रहने या देर से उपचार करने पर लिकोरिया योनि में खुजली, जलन, और बेचैनी का कारण बन सकती है। हालांकि, कुछ उपचार विकल्पों से इसका उपचार या रोकथाम संभव है। इस ब्लॉग में आप पुरानी लिकोरिया की दवा (Leucorrhoea Ki Dawa)के बारे में जानेंगे। साथ ही हम इसके लक्षणों और कारणों पर भी चर्चा करेंगे।
फिज़िकल लिकोरिया- लिकोरिया का यह प्रकार तनाव, अत्यधिक शारीरिक गतिविधि या हार्मोनल असंतुलन जैसे शारीरिक कारणों से उत्पन्न होता है।
इंफ्लेमेटरी लिकोरिया- इस प्रकार का लिकोरिया प्रमुख तौर पर बैक्टीरियल या फंगल इंफेक्शन और सूजन के कारण होता है।
पर्याप्त पानी पीना - लिकोरिया का प्राकृतिक इलाज करने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना जरूरी है। इससे शरीर डिटॉक्स होता है और इंफेक्शन का जोखिम कम होता है।
स्वच्छता बनाए रखना -योनि की उचित साफ-सफाई से भी लिकोरिया के लक्षणों से राहत मिल सकती है। इसके लिए हल्के साबुन का उपयोग करें और कठोर रसायन से बचें।
संतुलित आहार का सेवन - लिकोरिया के उपचार के दौरान स्वस्थ और संतुलित आहार का सेवन करें। इसमें विटामिन, प्रोटीन और फाइबर शामिल होते हैं। यह इम्यूनिटी को बढ़ावा देते हैं और इंफेक्शन से लड़ने की क्षमता प्रदान करते हैं।
जीवनशैली में बदलाव - जीवनशैली में कुछ बदलाव करना भी लिकोरिया के इलाज का अन्य प्रभावी तरीका है। इसके लिए आप तनाव कम करने और पर्याप्त नींद लेने जैसे उपाय कर सकते हैं।
नियमित योग और ध्यान - नियमित योग और ध्यान से भी लिकोरिया के लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है। इससे तनाव कम होता है और शारीरिक संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है।
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उपयोग- आप इसका काढ़ा पी सकते हैं या इसे पाउडर के रूप में भी ले सकते हैं।
उपयोग- 1 चम्मच त्रिफला पाउडर को गुनगुने पानी के साथ ले सकते हैं।
उपयोग- आप इसे कच्चा खा सकते हैं। साथ ही आंवला का सेवन मुरब्बा, आचार, चूर्ण या जूस के रूप में भी किया जा सकता है।
उपयोग- आप चुर्ण के रूप में शतावरी का सेवन कर सकते हैं।
उपयोग- डॉक्टर द्वारा सुझाई गई मात्रा के अनुसार गोक्षुर के चूर्ण का सेवन करें।
उपयोग- नीम के पत्तों को पानी में उबालकर या इसका काढ़ा बनाकर पी सकते हैं।
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