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पुराना चर्म रोग का इलाज

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पुराना चर्म रोग का इलाज

चर्म रोग का आयुर्वेदिक इलाज: कारण, लक्षण और देसी नुस्खे

आज के समय में चर्म रोग या त्वचा संबंधी समस्याएं बहुत आम हो गई हैं। इनके पीछे कई कारण हो सकते हैं जैसे– बैक्टीरियल या वायरल इंफेक्शन, धूल-मिट्टी, एलर्जी, गलत खानपान, या मौसम में बदलाव। ये रोग केवल शरीर पर दाग-धब्बे, खुजली या जलन ही नहीं देते, बल्कि मानसिक तनाव भी बढ़ाते हैं।त्वचा रोगों में सबसे आम समस्याएं होती हैं दाद, खाज, खुजली, एक्जिमा और फंगल इंफेक्शन। सही समय पर इलाज न हो तो यह पुराना रूप ले सकता है।आयुर्वेद में इन समस्याओं का जड़ से इलाज मौजूद है। नीम, हल्दी, त्रिफला, चंदन जैसे तत्वों का उपयोग करके त्वचा को शुद्ध किया जा सकता है। साथ ही, जीवनशैली और खानपान में सुधार लाकर भी इन रोगों से बचाव संभव है। इस लेख में हम बताएंगे पुराने चर्म रोगों का असरदार देसी इलाज।

चर्म रोग के लक्षण 

  • त्वचा पर लाल धब्बे या चकत्ते आना

  • त्वचा में दरारें पड़ना

  • खुजली 

  • त्वचा पर सूजन और जलन 

  • त्वचा की उपरी परत का उखड़ना

  • त्वचा पर खुले छाले

  • त्वचा पर रंगहीन पैच

चर्म रोग के कारण

  • एलर्जी

  • संक्रमण

  • आवश्यक पोषण की कमी

  • आनुवंशिकता 

  • हॉर्मोनल बदलाव

  • अन्य बीमारियां 

चर्म रोग की देसी दवा
 

  1. एलोवेरा जेल - एलोवेरा जेल चर्म रोग के लिए काफी फायदेमंद है, ये त्वचा की समस्याओं को ठीक करने में सहायता करते हैं। एलोवेरा में एंटी-इंफ्लेमेटरी, हाइड्रेटिंग गुण, एंटीसेप्टिक होते हैं जो त्वचा को काफी आराम देते हैं और त्वचा की स्वास्थ्य को बेहतर भी बनाते हैं इसमें एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण होते हैं जो त्वचा पर होने वाली फंगल और इन्फेक्शन को रोकने में मदद करते हैं साथ ही इसका ठंडा प्रभाव सूजन और जलन को भी कम करता है। 
    एलोवेरा
  2. नीम का तेल - नीम को त्वचा के लिए अत्यंत प्रभावी माना जाता है, नीम का तेल बैक्टीरिया और इन्फेक्शन को दूर करने में मदद करता है, ये उन सभी त्वचा के रोगों को ठीक करता है जो बैक्टीरिया के कारण से होता है। नीम में एंटीफंगल गुण भी होते हैं जो बाकी फंगल समस्याओं से लड़ने में मदद करते हैं। साथ ही ये त्वचा को नमी देता है और रुखी त्वचा को पहले से बेहतर मॉइश्चराइज करता है।

    नीम का तेल

     

  3. चिड़चिड़ा - चिड़चिड़ा एक पौधा होता है जो चर्म रोग जैसी समस्याओं में भुत फायदेमंद होता है इसमें एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो बैक्टीरिया से त्वचा पर होने वाली इन्फेक्शन को रोकने में मदद करते हैं। और इसके एंटीफंगल गुण त्वचा पर होने वाली फंगल इन्फेक्शन से निपटने में सहायता करते हैं ये खुजली, जलन और दाने से राहत मिलती है साथ ही ये त्वचा से टैन और काले धब्बों जैसी परेशानी में भी सुधार होता है।
     
  4. हल्दी - चर्म रोग के लिए हल्दी के अनगिनत फायदे होते हैं, इसे आज ही नहीं कई वर्षों से बहुत से रोगों के लिए प्रयोग में लाया जाता है। हल्दी में कुरकुमिन तत्व होता है जो एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल गुणों के लिए जाना जाता है जो त्वचा में होने वाले एक्ने, पिंपल्स, एक्जिमा और जलन को दूर करने में मदद करता है ये त्वचा को चमक और दाग-धब्बों से बचाने में मदद करता है। इसी के साथ हल्दी पुराने घावों के निशान को भी ठीक करता है।
    हल्दी
  5.  फिटकरी - फिटकरी एक प्राकृतिक खनिज है, जिसके बहुत से फायदे होते हैं, इसमें  एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो बैक्टीरिया और वायरस के इन्फेक्शन को रोकने में मदद करते हैं ये त्वचा पर एक्ने, पिंपल्स और ऐसे ही अन्य समस्याओं को जल्दी ठीक करने में मदद करते हैं। साथ ही त्वचा पर निशानों और दाग-धब्बों हल्का करने में सहायक होते हैं। 

अगर आप पुराना चर्म रोग का इलाज के बारे में जानना चाहते हैं, तो यह ब्लॉग पोस्ट आपके लिए काफी उपयोगी साबित हो सकती है। लेकिन ध्यान रखें कि किसी भी इलाज को अपनाने से पहले चिकित्सक की सलाह जरूर लें और केवल घरेलू उपायों पर निर्भर न रहें। सेहत से जुड़ी और भी जानकारियों के लिए आयु कर्मा के साथ जुड़े रहें।

 

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